आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

08 अप्रैल 2025

मैं एक कत्ल का गवाह हूँ

 

मैं एक कत्ल का गवाह हूँ
अब तलक चुप हूँ।
मैंने देखा था;
उसे घिसटते हुये
छटपटाते हुये
उसके गले से बहते खून को
और उसकी पथराती आँखो को।
मैंने उसे मरने दिया था
उसी के हाथों
उसने रगड़ खाती एड़ियाँ स्थिर हो गयीं
वह लाश हो चुका था
मेरे भीतर...
बहुत बातें करता था
अब तलक चुप हँ
मैं एक कत्ल का गवाह हूँ ,
'सोच'

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...