देश में अल्पसंख्यकों में बहुसंख्यक मुस्लिम समाज की स्थिति देखिये उनके नेतृत्व , या उनके कल्याण की ज़िम्मेदारी जिन्हे सियासी पार्टियों ने दी है , उनकी अपनी ही कोम के साथ धोखेबाज़ी देखिये , , मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड तो खेर गैर सियासी संगठन है , लेकिन निजी संगठन भी है , उसे फोरी तोर पर देश के आम मुसलमानों ने मान्यता नहीं दी है , लेकिन फिर भी वक़्फ़ बिल के विरोध में , मज़हबी खुसूसी दिन , जमीयतुल विदा के दिन ,, आखरी जुमे को , नमाज़ में , काली पट्टी बाँधने का आह्वान किया गया है , ,खेर कोई मानेगा , कोई नहीं मानेगा छोड़िये इन्हे तो लेकिन , ,,देश में सत्ता पार्टी से जुड़े भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे की तरफ से राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीक़ी ने , रमज़ानों में , प्रधानमंत्री नरेंद्र जी मोदी के नाम से , सौगात ऐ मोदी , के नाम से रमज़ान किट देने की घोषणा की है , पुरे देश में किट बांटे जाएंगे , अब करोड़ों करोड़ मुस्लिम समाज के लोगों में से सिर्फ हज़ारों की संख्या में रमज़ान किट ,, अव्वल तो ऊंट के मुंह में जीरा है , फिर जैसे ही इन्होने घोषणा की हरियाणा में भाजपा , सरकार ने इनके मुंह पर चपत लगाते हुए ईद की छुट्टी को ही , गज़ेटेड से ऐच्छिक करने की घोषणा कर दी , ,लेकिन इस मामले में यह जनाब चुप है , और प्रधामंत्री नरेंद्र जी मोदी ने इस किट योजना के बारे में कोई शब्द नहीं कहे , विमोचन या शुरुआत नहीं की , तो यह ज़बरदस्ती ,, मोदी जी की निगाह में भाजपा के नेताओं की निगाह में अपनी ही क़ौम को हथियार बनाकर , गुमराह खुद भी होने और क़ौम को भी गुमराह करने की साज़िश है , क्योंकि अगर सिद्दीक़ी साहब बोलते तो वक़्फ़ संशोधन बिल की मनमानी कार्यवाही पर भी बोलते , लेकिन खामोश है , नतमस्तक है , चलिए भाजपा तो मुस्लिमों के साथ सियासत भी करती है , , , ज़ुल्म भी करती है , यही प्रचार भी है, इसे तो छोड़िये ,,, लेकिन कांग्रेस के राष्ट्रिय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी जी की सुनिए उन्होंने राष्ट्रिय स्तर पर गरीबों की जगह वी वी आई पी , रोज़ा इफ्तार किया , सभी को बुलाया , राहुल गांधी भी आये , मल्लिकार्जुन खड़गे भी आये , देश ने देखा है इफ्तार के एक कार्यक्रम में कई साल पहले , एक मुस्लिम ने , नरेंद्र जी मोदी के मुख्यमंत्री कायर्काल में उन्हें टोपी पहनाने की कोशिश की , उन्होने नहीं पहनी , और राष्टीय इश्यू बना , ,कहा गया , मोदी मुस्लिम विरोधी है , इसका फायदा मोदी ने भी खूब , प्रचार करके उठाया , ओर प्रधानमंत्री बन गए, फिर राहुल गांधी ने गुजरात चुनाव में खुद को जनेऊधारी कहकर प्रचार किया , उन्हें कोई फायदा नहीं मिला ,, यही राहुल गाँधी इमरान प्रतापगढ़ी जो सांसद भी है , कांग्रेस की तरफ से अल्पसंख्यक खासकर अल्पसंख्यकों में बहुसंख्यक मुस्लिम समाज के पैरोकार भी बनाये गए है , इन जनाब के कार्यक्रम में ,, राहुल गाँधी जी भी आये , लेकिन उन्हें किसी ने तो क्या खुद इमरान प्रतापगढ़ी जी ने भी टोपी ऑफर नहीं की , टोपी नहीं पहनाई , ,हाँ , राष्ट्रिय अध्यक्ष मल्लिकर्जुन खड़गे साहब ने तो टोपी भी पहनी , इफ्तार भी किया , इफ्तार के वक़्त , अज़ान भी होती है , तक़रीर भी होती है , फिर तुरंत इफ्तार के बाद नमाज़ भी होती है , तो क्या , नरेंद्र मोदी ने उस वक़्त टोपी नहीं पहनकर ठीक किया था , जिसका अनुसरण राहुल गांधी ने , सांसद , अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रिय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी के रोज़े इफ्तार में किया ,, क्या राहुल गांधी ने इस प्रोग्राम में टोपी किसी कटटरपंथी कोंग्रेसी के खौफ से , या खुद को मुस्लिम सपोर्टर नेता कहलाने से बचने के लिए नहीं पहनी , या फिर वोह देश को संदेश देना चाहते थे , के में टोपी नहीं पहनता में भी नरेंद्र मोदी जी की तरह से , इस व्यवस्था से जुड़ा हूँ , फिर देखिये , इमरान प्रतापगढ़ी भी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के मोदी की सौगात , ,के एक्शन के रिएक्शन में आ गए और , रिएक्शन करते हुए , सौगात ऐ मोहब्बत के नाम से , एक किट जिसमे रोज़े ,, नमाज़ , रमज़ान , ज़कात , फितरा , इबादत की जानकारियों का कोई फोल्डर नहीं , संविधान की किताब रखना बताया गया , तो जनाब क्या फ़र्क़ है हमारे लिए , कांग्रेस और भाजपा में , क्या फ़र्क़ है , नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी में क्या फ़र्क़ है , इमरान प्रतापगढ़ी और जमालउद्दीन सिद्दीक़ी में , हम तो वैसे ही है , जैसे थे , लेकिन इन सब घटनाओं से हमें खुद को साक्षर बनना होगा , समझना होगा , देखना होगा , सभी एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं , हमें अपनी दिशा इन ठेकेदारों की ठेकेदारी से आज़ाद होकर खुद अपनी मर्ज़ी से , अपने खुदा के दिए हुए हुक्म मार्गदर्शन के तहत संविधान के दायरे में अपनी राह चुनकर खुद को भी बुलंद करना होगा , खुद को भी नेतृत्व में आगे बढ़ाना होगा , ,एक जुट भी होना होगा , और देश को भी मोहब्बत के पैगाम के साथ एक जुट करना होगा , वरना इस झगड़े में , के मोदी मुस्लिमों की टोपी नहीं पहनते , तो राहुल गांधी ने भी कहाँ पहनी , इस जुमलेबाज़ी में अपना वक़्त यह ठेकेदार , यह मीडिया हमारा वक़्त बर्बाद करते रहेंगे , हम तो बस पढ़ो , पढ़ाओ , मोहब्बत बांटों , रोज़गार से जुड़ जाओ , मज़हबी तालीम में क़ुरआन का मार्गदर्शन अपनी जुबांन में अनुवाद क़ुरआन को समझकर पढ़ें समझें और देश के क़ानून संविधान के दायरे में , खुद को भी बढाए , देश को भी बढाए , अपने पड़ोसियों के सामने ऐसी मिसाल क़ायम करे के एक दिन भी उन्हें हम नज़र नहीं आये तो वोह किसी भी धर्म , किसी भी मज़हब के हो , हमारे लिये, तड़प उठे हमारे दीदार को , तड़प उठें हम से मिलने के लिए , ,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
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