चेटी चण्ड , नवसंवत्र , नवरात्रि , नया साल, राजस्थान दिवस की खुशियों के बीच , रमज़ानुल मुबारक के साथ ईद का इन्तिज़ार हो , और ऐसे में एक दर्जन से भी ज़्यादा ईद के इन्तिज़ार में बैठे , ऐसे परिवारों की खुशियों से झोली भरने का ज़रिया , अल्लाह विवेक नंदवाना एडवोकेट को बना दे , तो यक़ीनन समझ लेना चाहिये , के मेरा भारत महान है , मेरे भारत में इंसानियत है , मोहब्बत है , खुलूस है , एक दूसरे के धर्मों की इज़्ज़त , अदब , आदाब अख़लाक़ है , और अल्लाह, ईश्वर के बताये हुए ओरिजनल मज़हबी रास्ते , भाईचारा ,, सद्भावना , एक दूसरे की मदद का जज़्बा , खुशियां और प्यार बांटने वाले देश के इस नफरत के माहौल में आज भी मौजूद हैं , जो नफरत बाज़ों के मंसूबों को मिटटी में मिलाकर मेरे देश को , सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा साबित करने में कामयाब हो रहे हैं , जी हाँ दोस्तों कोटा के वरिष्ठ वकील विवेक जी नंदवाना एडवोकेट , मानवधर्म सेवा के पक्षधर हैं , ना काहू से दोस्ती , ना काहू से बेर , वाली कहावत को चरितार्थ कर , अपने विधिक ज्ञान के साथ , अदालतों में एडवोकेसी नियमों के पालन के पक्षधर हैं , शद्ध वकालत और मानव सेवा , सर्वधर्म समभाव इनका नियम है , विवेक नंदवाना , हर धर्म ,, हर समाज के लिए ,, अपनी खरी कमाई में से ,, स्वेच्छिक अंशदान कर ज़रूरत मंदों की मदद करने के लिए जाने जाते हैं , वोह हर साल रमज़ानों के माह में ईद के पहले , बच्चों और बच्चों की परिजनों के लिए ,, उनकी ईद के पर्व को खुशियों से भरने के लिए पात्र लोगों को तलाशते हैं , और इस बार भी , विवेक नंदवाना ने , स्वेच्छिक आजिज़ी ,, इसरार कर , एक दर्जन ज़रूरतमंद परिवारों को चुनकर , उनकी ईद के पहले ही , खुशियों की ईद मनाने में मदद की है , कहते हैं , अल्लाह सखावत को , बुलंद दर्जा देता है ,, और अचानक , जब इन परिवारों को बिना मांगे ,, आवश्यक तात्कालिक खुशियां मनाने के लिए मदद मिली , तो इन्होने ,, इस ख़ुशी का सबब बने गुप्त दान करने वाले का नाम पूंछा , , विवेक नंदवाना ने तो इंकार किया था , लेकिन ना चाहकर भी , उनके इसरार पर जब विवेक नंदवाना एडवोकेट का नाम बताया गया , तो यक़ीनन उनकी आँखे सजल हो गईं ,और ढेरों दुआओं के साथ , उनके हाथ खुदा की बारगाह में उठ गए , विवेक नंदवाना जी सर्वधर्म समभाव के समर्थक हो कर जिस तरह की सेवायें कर रहे हैं , उनके लिए उनका आभार , शुक्रिया , बधाई , मुबारकबाद , ,, अख्तर
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