प्रदेश कोंग्रेस कमेटी की बैठक हुई , लेकिन बेनतीजा रही, इतने महीनों बाद क्यों हुई कोंन पूंछे, लेकिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के बाद, हत्या की साज़िश संगठनों पर पाबंदी लगने के बाद, कुछ लोग माफी वीर बनकर , गांधीनगर गांधी आश्रम के प्रारंभिक काल में गये, बिना सूत से कपड़ा बुनाई किये, दिखावटी, गांधी समर्थक दिखाने के लिये कुछ ने चरखा चलाया, ओर बाहर आकर एक कहावत को जन्म दिया, उल्लू बनाया चरखा चलाया, खेर बैठक तो हुई, समझ गए तो फ़िरर, ????? राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह जी डोटासरा जो विधानसभा में गैर हाज़िर हो रहे हैं , उनके नेतृत्व और एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के विपरीत विधायक और राष्ट्रिय महासचिव प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा साहब की मौजूदगी में होली के तुरतं बाद ,,रमज़ानों के पवित्र महीने के विशिष्ठ रोज़े के दिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नवनियुक्त कार्यकारिणी की पहली बैठक हुई , बैठक में वही जुमलेबाज़ी भाषण बाज़ी हुई ,, प्रत्येक पदाधिकारी के क्षेत्रवार हालात जानने की कोशिश नहीं की गई , उन्हें अपनी बात कहने का अवसर नहीं दिया गया , और तो और , लोकसभा , विधानसभा चुनावों में जो दल बदल गद्दारी कर कांग्रेस से भाजपा में चले गए , उन्हें दस वर्ष के लिए निष्कासित तक नहीं किया , उनकी सूची जारी नहीं की, प्रदेश कोंग्रेस कमेटी की वेबसाइट बनाई ही नहीं तो अपडेट करने की बात तो कोसों दूर है, जो लोग कांग्रेस में रहकर भाजपा के पक्ष में काम करते रहे , उनकी लिखित शिकायत के बाद भी उन्हें अभी तक सूचीबद्ध कर , सार्वजनिक सुचना जारी कर पार्टी से निकालने का कोई फैसला नहीं किया गया ,, तो ऐसी पार्टी की फालतू बैठकों का क्या फायदा जहाँ गद्दारों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो , क्षेत्रवार लोगों की शिकायतें नहीं सुनी जाएँ , और खासकर लोकसभा ,, विधानसभा चुनावों में गद्दारों के खिलाफ कोई कार्यवाही भी ना हो सके , अध्यक्ष विधानसभा में क्यों नहीं जा रहे , अपनी बात क्यों नहीं रख रहे इसका जवाब कौन तलब करे , पूर्व मुख्यमंत्री ,, पूर्व उप मुख्यमंत्री जी बैठक से बाहर क्यों रहे , क्यों अपने सुझाव देने के लिए मौजूद नहीं रहे , उनके खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं हुई , क्या वोह पार्टी से बढे है , एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत मामले में चुप्पी क्यों है , अग्रिम संगठन अल्पसंख्यक विभाग सहित कई विभाग हैं , जिनकी जिला , प्रदेश कार्यकारिणी तो दूर जिला अध्यक्ष और पदाधिकारियों तक की कई सालों से कोई नियुक्ति नहीं हुई है , तो फिर माइक्रो मैनेजमेंट कैसे चलेगा ,,, खेर ,,,,,,,,,भाजपा के भीतरघाती ,, लोकसभा के कोटा चुनाव ,, कोटा दक्षिण ,,उत्तर ,, सांगोद ,, लाडपुरा चुनाव के भीतरघाती गद्दार आज भी सूचीबद्ध होने के बाद कांग्रेस में ही वफादारों की छाती पर मुंग दल रहे हैं , एक लाडपुरा वाले जनाब तो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से अपनी सम्पत्ति बचाने के लिए या और भी कई वजूहात की वजह से , ,भाजपा के प्रमुख प्रचारक बनकर लोकसभा में कांग्रेस को हरा कर भाजपा को जिताने के बाद , फिर से कांग्रेस में सम्मानित होकर पधारे हैं , उन्हें प्रभारी सहित कई ज़िम्मेदारियाँ भी दी गई है , तो फिर यह कांग्रेस कांग्रेस के संविधान से चलने वाले कांग्रेस तो हरगिज़ नहीं है , अनुशासित कांग्रेस तो हरगिज़ नहीं है , राहुल गांधी के निर्देश ,,निकाल दो भाजपा के एजेंटों को , वोह आदेश की पालना करने वाली कांग्रेस तो हरगिज़ नहीं है ,बस बैठकें कर लो , वोह भी रमज़ानों में , विधायक रफ़ीक़ साहब के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी जो विधानसभा और विधानसभा के बाहर सार्वजनिक सभाओं में हुई है उस पर चुप्पी साध लो , अमीन पठान जैसे पदाधिकारियों के खिलाफ ब्योरेवार , सिलसिलेवार ज़ुल्म ज़्यादतियां हों , लाडपुरा प्रधान सहित , पंच , सरपंचों , नगर पालिका ,, चेयरमैनों को हटाया जाए , गैर क़ानूनी तरीके अपनाये जाएँ , सरकार द्वारा मनमानी कार्यवाही हो , और प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक में ऐसे मामलों में ज़िले वार ,, प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन कर राज्यपाल से शिकायत करने के लिए सूचीबद्ध शिकायतों को व्यवस्थित तरीके से प्रदर्शन के साथ देने और जवाब तलब करने के लिए कोई प्रदर्शनकारी बढा फैसला ही नहीं हो , तो फिर जनाब क्यों खाने ,, पीने और जगह के लिए यह फ़ालतू खर्चे करते हो ,बेचारे कार्यकर्ता , पदाधिकारी उम्मीदों से जाते हैं , ट्रांसपोर्टेशन खर्च होता है , कुर्ते पायजामे के कलफ , धुलाई , प्रेस पर खर्चे होते हैं ,,, सेल्फियें लेकर , सोशल मीडिया पर काफी उम्मीदों से पोस्टें डालते हैं , फोटो डालते हैं , और अपने इलाक़े में आकर अपने ज़िले के कार्यकर्ताओं , प्रताड़ित लोगों के लिए ,, गद्दारों के खिलाफ क्या आदेश लाये इस पर अगल बगल झांकने को मजबूर होते हैं , ,, तो फिर क्या फायदा ऐसी फालतू रस्मन बैठकों का ,, ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
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