रंगोत्सव पर्व पर, कोटा से 120 km दूर,देर रात 3 बजे संपन्न हुआ नेत्रदान
पुरुषोत्तम के नेत्रदान से,दो अंधेरी जिंदगी होगी रोशन
होली
रंगों का त्योहार है,नेत्रदान के माध्यम से किसी नेत्रहीन के अंधेरे जीवन
को रंग प्रदान किया जा सकता है । कल इसी तरह का एक प्रयास, कोटा से 120
किलोमीटर दूर भवानी मंडी निवासी पुरुषोत्तम आहूजा के आकस्मिक निधन के
उपरांत शोकाकुल परिवार के सदस्यों ने किया ।
शाइन इंडिया फाउंडेशन
के नगर संयोजक कमलेश गुप्ता दलाल ने गुरुवार देर रात 12:00 बजे कोटा से
शाइन इंडिया फाउंडेशन के लिए डॉ कुलवंत गौड़ को सूचना दी की,सिंधी
कॉलोनी,भवानी मंडी निवासी पुरुषोत्तम आहूजा (पूर्व कोषाध्यक्ष) के निधन के
उपरांत पार्षद पिंटू जायसवाल की समझाइश पर, पुरुषोत्तम की पत्नी जया,बेटा
जितेश और बेटी कल्पना ने नेत्रदान के लिए सहमति दे दी है ।
सूचना
मिलते ही, देर रात कोई ट्रेन की व्यवस्था ना होने पर,रात 12 बजे ही डॉ गौड़
नेत्र संकलन वाहिनी, ज्योति रथ को लेकर 120 किलोमीटर दूर भवानी मंडी के
लिए रवाना हो गये,रात 3:00 बजे निवास स्थान पर परिवार के सभी सदस्यों के
बीच में डॉ गौड़ ने नेत्रदान प्रक्रिया को संपन्न कर, सुबह 6:00 बजे कोटा
पहुंचे । नेत्रदान प्रक्रिया के दौरान भतीजे भरत व गौतम आहूजा का भी सहयोग
रहा ।
डॉ गौड़ ने परिवार के इस प्रयास को नमन करते हुए कहा कि,पूरी
रात के भागदौड़ के सफर से दो आंखों को नई रोशनी मिले, वह रंगों के पर्व को
मना सके, इससे बड़ी खुशी हमारे लिए नहीं है ।
कमलेश गुप्ता दलाल के
अनुसार यह भवानीमंडी क्षेत्र से शाइन इंडिया फाउंडेशन के द्वारा प्राप्त
134 वाँ नेत्रदान है,आहूजा परिवार से तीसरा नेत्रदान हुआ है, इससे पहले
गौतम आहूजा के पिता रमेश चंद्र आहूजा और पुरुषोत्तम के बड़े भ्राता नंद
आहूजा का नेत्रदान परिवार में हो चुका है।
प्रेषक
डॉ कुलवंत गौड़,
संस्थापक शाइन इंडिया फाउंडेशन
कोटा- 8386900102
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
13 मार्च 2025
रंगोत्सव पर्व पर, कोटा से 120 km दूर,देर रात 3 बजे संपन्न हुआ नेत्रदान
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