बुजुर्ग माँ ने नेत्रदान के महत्व को जाना तो संपन्न कराया पुत्र का नेत्रदान
2. नेत्रदान के महत्व को समझा तो माँ ने पुत्र का कराया नेत्रदान
शाइन इंडिया फाउंडेशन के नेत्रदान जागरुकता अभियान से, हर उम्र,धर्म एवं वर्ग के लोगों में नेत्रदान के प्रति जागरूकता बढ़ती जा रही है । शोक के समय हुआ,नेत्रदान शोकाकुल परिवार के सदस्यों को अप्रत्यक्ष रूप से संतोष प्रदान करता है । आज यह घटना बाजार नंबर एक,रामगंजमंडी निवासी कैलाश चंद शुक्रवारिया (खाद-बीज विक्रेता) के आकस्मिक निधन पर देखने को मिली ।
विनम्र स्वभाव, प्रसन्नचित्र और सेवा कार्य में हमेशा संलग्न रहने वाले कैलाश के निधन की सूचना संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र आशीष डागा को मिली । इसके उपरांत ज्योति-मित्र कन्हैया लाल गुप्ता,दिनेश डबकरा ने , नेत्रदान संपन्न करवाने के लिए परिवार के सदस्यों की समझाइश की ।
85 वर्षीया परिवार की सबसे बड़ी मुखिया और कैलाश की माता जी लीलाबाई ने जब नेत्रदान के महत्व के बारे में सुना,तो उन्होंने भी परिवार के अन्य सदस्यों की तरह नेत्रदान के लिए सहमति दे दी । सहमति मिलते,ही कोटा से डॉ कुलवंत गौड़ ने रामगंजमंडी पहुंचकर नेत्रदान की प्रक्रिया को संपन्न किया ।
नेत्रदान
प्रक्रिया के दौरान परिवार के सभी सदस्य कैलाश के भाई चौथमल,धर्मेंद्र व
दिलीप, बहनें इंद्रा,रेखा,मनोरमा,बहुएं कमलेश,कृष्णा,प्रमिला व बच्चे
प्रियांशु,प्रियेश,समर्थ,पंकज,
संस्था के रामगंजमंडी के शाखा के शहर संयोजक संजय विजावत ने बताया कि,शहर में जागरूकता अभियान से 64 नेत्रदान क्षेत्र में हो चुके है। कल भी संस्था के सहयोग से सुकेत में सेवानिवृत प्रधानाध्यापक मांगीलाल गुप्ता का नेत्रदान संपन्न हुआ ।
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