सूरए अल माऊन मक्की या मदनी है और इसकी सात (7) आयतें हैं
ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
क्या तुमने उस शख़्स को भी देखा है जो रोज़ जज़ा को झुठलाता है (1)
ये तो वही (कम्बख़्त) है जो यतीम को धक्के देता है (2)
और मोहताजों को खिलाने के लिए (लोगों को) आमादा नहीं करता (3)
तो उन नमाजि़यों की तबाही है (4)
जो अपनी नमाज़ से ग़ाफिल रहते हैं (5)
जो दिखाने के वास्ते करते हैं (6)
और रोज़ मर्रा की मालूली चीज़ें भी आरियत नहीं देते (7)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
09 जनवरी 2025
क्या तुमने उस शख़्स को भी देखा है जो रोज़ जज़ा को झुठलाता है
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