दानपर्व मकर संक्रांति पर, दो नेत्रदान,से चार को मिलेगी रोशनी
2. आंखों का दान कर,शोकाकुल परिवार ने मनाया दान- पर्व संक्रांति
एक
तरफ जहाँ पूरा शहर,दान के सबसे बड़े पर्व मकर संक्रांति पर जरूरतमंद लोगों
को,गरीबों को,पशुओं को अपनी क्षमता अनुसार दान कर मकर संक्रांति का पर्व
मना रहा था,उसी समय शहर के दो परिवारों में आकस्मिक निधन होने से शोक का
वातावरण बन गया। इसके उपरांत भी परिवार ने उनकी आंखों का दान कर दूसरे की
आंखों में रोशनी देकर, मकर संक्रांति का पावन पर्व मनाया ।
संक्रांति
पर्व पर सुबह दादाबाड़ी निवासी मदन लाल दलाल की धर्मपत्नी कमला देवी
गुप्ता का आकस्मिक निधन हुआ, मदन जी का परिवार पहले से ही नेत्रदान के
कार्यों में सक्रिय है,उनके बेटे महावीर और डॉ गिरीश गुप्ता ने तुरंत शाइन
इंडिया फाउंडेशन के सहयोगी कमलेश दलाल को संपर्क कर कमला जी के नेत्रदान
करवाने को कहा,इसके उपरांत डॉ कुलवंत गौड़ ने घर जाकर नेत्रदान की
प्रक्रिया को संपन्न किया ।
इसी क्रम में मंगलवार शाम को ही विज्ञान
नगर निवासी कैलाश चंद जैन का आकस्मिक निधन हुआ जिसके उपरांत संस्था के
ज्योति मित्र नवीन जैन ने तुरंत डॉ कुलवंत गौड़ को सूचना दी, बेटे संजय,
शरद, बेटी प्रीति, सुनीता की सहमति से डॉ गौड़ ने निवास पर ही नेत्र संकलित
किये।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
15 जनवरी 2025
दानपर्व मकर संक्रांति पर, दो नेत्रदान,से चार को मिलेगी रोशनी
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