सूरए अल कौसर मक्का या मदीने में नाजि़र हुआ और उसकी तीन (3) आयतें हैं
खुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
(ऐ रसूल) हमनें तुमको को कौसर अता किया, (1)
तो तुम अपने परवरदिगार की नमाज़ पढ़ा करो (2)
और क़ुर्बानी दिया करो बेशक तुम्हारा दुश्मन बे औलाद रहेगा (3)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
10 जनवरी 2025
(ऐ रसूल) हमनें तुमको को कौसर अता किया
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