रात 2:00 बजे, कोटा से आयी टीम ने लिया कापरेन का पहला नेत्रदान
हाडोती
संभाग में शाइन इंडिया फाउंडेशन के अनवरत नेत्रदान जागरुकता अभियान का असर
अब धीरे-धीरे ग्रामीण क्षेत्रों में भी दिखने लगा है । शोकाकुल परिवार के
सदस्य,अपने दिवंगत को, किसी दृष्टिहीन की आँखों में रौशनी बनकर जीवित रखने
के उद्देश्य से आगे रहकर संस्था के सदस्यों को दिवंगत के नेत्रदान करवाने
के लिए संपर्क करते हैं ।
रविवार देर रात लाड़ी जी का मोहल्ला,
कापरेन निवासी सुरेंद्र कुमार चौरसिया की धर्मपत्नी नीरा चौरसिया का
हृदयाघात से आकस्मिक निधन हो गया । आए दिन समाचार पत्रों में नेत्रदान के
बारे में जानकारी मिलने से परिवार के लोग नेत्रदान के प्रति काफी जागरूक
थे। सुरेंद्र ने तुरंत ही अपने बेटे मनीष, अमित,बेटी जयप्रिया,दामाद हेमंत
और भाई मनीष, सत्येन्द्र से सलाह कर, नीरा के नेत्रदान करने का निर्णय लिया
।
सहमति मिलते ही कोटा में सुरेंद्र ने अपने भाई डॉ राम चौरसिया को
रात 12:00 बजे, पत्नी के नेत्रदान करवाने की सूचना दी, डॉ राम की सूचना पर
कोटा से डॉ कुलवंत गौड़, नेत्र संकलन वाहिनी ज्योति रथ को लेकर रात 2:00
बजे कापरेन पहुंचे,और घर परिवार के सभी सदस्यों के बीच में नेत्रदान की
प्रक्रिया संपन्न की,इसके उपरांत 1 घंटे तक वहीं रुक कर उपस्थित जन समूह को
नेत्रदान के बारे में जागृत किया । डॉ गौड़ में बताया कि,यह कापरेन
क्षेत्र का पहला नेत्रदान है ।
याद रखें
डॉ गौड़ ने बताया
कि, मृत्यु के बाद गर्मियों में 6 से 8 घंटे तक एवं सर्दियों में 10 से 12
घंटे तक नेत्रदान संभव है । नेत्रदान 15 मिनट में पूरी हो जाने वाली एक
अत्यंत सरल रक्त-विहीन प्रक्रिया है,जिसमें आँख के सामने दिखाई देने वाली,
पारदर्शी झिल्ली जिसे कॉर्निया कहते हैं, उसे ही लिया जाता है, पूरी आँख को
नहीं लिया जाता । इस प्रक्रिया में चेहरे पर किसी तरह की कोई विकृति नहीं
आती है।
दिवंगत के नेत्रदान करवाने हो तो, दिवंगत की आंखों को पूरी
तरह बंद करके, आंखों पर गीला रुमाल रख दें, सिर के नीचे एक तकिया लगाए,और
पंखा बंद करें
।
नेत्रदान 2 वर्ष से लेकर, किसी भी उम्र तक के
स्वस्थ व्यक्ति का संभव है,हर वह व्यक्ति जो चश्मा लगता है,या जिसका
मोतियाबिंद का ऑपरेशन हो चुका है,जिनकी ब्लड प्रेशर ,थायराइड,डायबिटीज या
किसी भी तरह की कोई दवाइयां चल रही है,ऐसा व्यक्ति का भी नेत्रदान संभव है ।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
27 जनवरी 2025
रात 2:00 बजे, कोटा से आयी टीम ने लिया कापरेन का पहला नेत्रदान
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)