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02 दिसंबर 2024

और उस दिन की जिसका वायदा किया गया है

 सूरए अल बुरूज मक्का में नाजि़ल हुआ और इसकी बाइस (22) आयतें हैं
ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
बुर्जों वाले आसमानों की क़सम (1)
और उस दिन की जिसका वायदा किया गया है (2)
और गवाह की और जिसकी गवाही दे जाएगी (3)
उसकी (कि कुफ़्फ़ार मक्का हलाक हुए) जिस तरह ख़न्दक़ वाले हलाक कर दिए गए (4)
जो ख़न्दक़ें आग की थीं (5)
जिसमें (उन्होंने मुसलमानों के लिए) ईंधन झोंक रखा था (6)
जब वह उन (ख़न्दक़ों) पर बैठे हुए और जो सुलूक ईमानदारों के साथ करते थे उसको सामने देख रहे थे (7)
और उनको मोमिनीन की यही बात बुरी मालूम हुयी कि वह लोग ख़ुदा पर ईमान लाए थे जो ज़बरदस्त और सज़ावार हम्द है (8)
वह (ख़ुदा) जिसकी सारे आसमान ज़मीन में बादशाहत है और ख़ुदा हर चीज़ से वाकि़फ़ है (9)
बेषक जिन लोगों ने ईमानदार मर्दों और औरतों को तकलीफें दीं फिर तौबा न की उनके लिए जहन्नुम का अज़ाब तो है ही (इसके अलावा) जलने का भी अज़ाब होगा (10

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