तो उसका ठिकाना यकीनन बेहिशत है (41)
(ऐ रसूल) लोग तुम से क़यामत के बारे में पूछते है की उसका कही थल बेडा भी है (42)
तो तुम उस के ज़िक्र से फ़िक्र में हो (43)
उस (के इल्म) की इन्तेहा तुम्हारे परवरदिगार ही तक है (44)
तो तुम जो बस उस से डरे उसको डराने वाले हो (45)
जिस दिन वह लोग उस को देखेंगे तो (समझेगे कि दुनिया में) बस एक शाम या सुबह ठहरे थे (46)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
17 नवंबर 2024
तो उसका ठिकाना यकीनन बेहिशत है
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