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08 अक्टूबर 2024

और उसकी बीवी और उसके भाई

 कोई किसी दोस्त को न पूछेगा गुनेहगार तो आरज़ू करेगा कि काश उस दिन के अज़ाब के बदले उसके बेटों (11)
और उसकी बीवी और उसके भाई (12)
और उसके कुनबे को जिसमें वह रहता था (13)
और जितने आदमी ज़मीन पर हैं सब को ले ले और उसको छुटकारा दे दें (14)
(मगर) ये हरगिज़ न होगा (15)
जहन्नुम की वह भड़कती आग है कि खाल उधेड़ कर रख देगी (16)
(और) उन लोगों को अपनी तरफ़ बुलाती होगी (17)
जिन्होंने (दीन से) पीठ फेरी और मुँह मोड़ा और (माल जमा किया) (18)
और बन्द कर रखा बेशक इन्सान बड़ा लालची पैदा हुआ है (19)
जब उसे तक़लीफ छू भी गयी तो घबरा गया (20)

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