क्या तुमने उन मुनाफि़कों की हालत पर नज़र नहीं की जो अपने काफि़र भाइयों
एहले किताब से कहा करते हैं कि अगर कहीं तुम (घरों से) निकाले गए तो यक़ीन
जानों कि हम भी तुम्हारे साथ (ज़रूर) निकल खड़े होंगे और तुम्हारे बारे में
कभी किसी की इताअत न करेंगे और अगर तुमसे लड़ाई होगी तो ज़रूर तुम्हारी
मदद करेंगे, मगर ख़ुदा बयान किए देता है कि ये लोग यक़ीनन झूठे हैं (11)
अगर कुफ़्फ़ार निकाले भी जाएँ तो ये मुनाफे़क़ीन उनके साथ न निकलेंगे
और अगर उनसे लड़ाई हुयी तो उनकी मदद भी न करेंगे और यक़ीनन करेंगे भी तो
पीठ फेर कर भाग जाएँगे (12)
फिर उनको कहीं से कुमक भी न मिलेगी (मोमिनों) तुम्हारी हैबत उनके दिलों
में ख़ुदा से भी बढ़कर है, ये इस वजह से कि ये लोग समझ नहीं रखते (13)
ये सब के सब मिलकर भी तुमसे नहीं लड़ सकते, मगर हर तरफ से महफूज़
बस्तियों में या (शहर पनाह की) दीवारों की आड़ में इनकी आपस में तो बड़ी
धाक है कि तुम ख़्याल करोगे कि सब के सब (एक जान) हैं मगर उनके दिल एक
दूसरे से फटे हुए हैं ये इस वजह से कि ये लोग बेअक़्ल हैं (14)
उनका हाल उन लोगों का सा है जो उनसे कुछ ही पेषतर अपने कामों की सज़ा का मज़ा चख चुके हैं और उनके लिए दर्दनाक अज़ाब है (15)
(मुनाफि़कों) की मिसाल शैतान की सी है कि इन्सान से कहता रहा कि काफि़र
हो जाओ, फिर जब वह काफि़र हो गया तो कहने लगा मैं तुमसे बेज़ार हूँ मैं
सारे जहाँ के परवरदिगार से डरता हूँ (16)
तो दोनों का नतीजा ये हुआ कि दोनों दोज़ख़ में (डाले) जाएँगे और उसमें हमेशा रहेंगे और यही तमाम ज़ालिमों की सज़ा है (17)
ऐ ईमानदारों ख़ुदा से डरो, और हर शख़्स को ग़ौर करना चाहिए कि कल
क़यामत के वास्ते उसने पहले से क्या भेजा है और ख़ुदा ही से डरते रहो बेशक
जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा उससे बाख़बर है (18)
और उन लोगों के जैसे न हो जाओ जो ख़ुदा को भुला बैठे तो ख़ुदा ने
उन्हें ऐसा कर दिया कि वह अपने आपको भूल गए यही लोग तो बद किरदार हैं (19)
जहन्नुमी और जन्नती किसी तरह बराबर नहीं हो सकते जन्नती लोग ही तो कामयाबी हासिल करने वाले हैं (20)
अगर हम इस क़ुरआन को किसी पहाड़ पर (भी) नाजि़ल करते तो तुम उसको देखते
कि ख़ुदा के डर से झुका और फटा जाता है ये मिसालें हम लोगों (के समझाने)
के लिए बयान करते हैं ताकि वह ग़ौर करें (21)
वही ख़ुदा है जिसके सिवा कोई माबूद नहीं, पोशीदा और ज़ाहिर का जानने वाला वही बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है (22)
वही वह ख़ुदा है जिसके सिवा कोई क़ाबिले इबादत नहीं (हक़ीक़ी) बादशाह,
पाक ज़ात (हर ऐब से) बरी अमन देने वाला निगेहबान, ग़ालिब ज़बरदस्त बड़ाई
वाला ये लोग जिसको (उसका) शरीक ठहराते हैं (23)
उससे पाक है वही ख़ुदा (तमाम चीज़ों का ख़ालिक) मुजिद सूरतों का बनाने
वाला उसी के अच्छे अच्छे नाम हैं जो चीज़े सारे आसमान व ज़मीन में हैं सब
उसी की तसबीह करती हैं, और वही ग़ालिब हिकमत वाला है (24)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
14 सितंबर 2024
अगर कुफ़्फ़ार निकाले भी जाएँ तो ये मुनाफे़क़ीन उनके साथ न निकलेंगे और अगर उनसे लड़ाई हुयी तो उनकी मदद भी न करेंगे और यक़ीनन करेंगे भी तो पीठ फेर कर भाग जाएँगे
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