कोटा से भवानीमंडी जाकर, 2 दिन में लिये 2 नैत्रदान
2. कोटा से दूर दूर तक,बढ़ने लगा नैत्रदान, 2 दिन में भवानी मंडी से लिए दो नेत्रदान
हाडोती
संभाग में कोटा के बाद अब, झालावाड़ जिले का छोटा सा क्षेत्र भवानी मंडी
नेत्रदान के कार्य में दिन-ब-दिन अग्रसर होता जा रहा है। शाइन इंडिया
फाउंडेशन के अनवरत जागरूकता अभियान के कारण अब भवानी मंडी में भी,शोक के
समय पर ,परिजनों से नेत्रदान करवाने के विषय पर चर्चा करते ही नैत्रदान के
लिये सहमति मिल जाती है ।
आज दोपहर,हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, भवानी
मंडी निवासी हरचरण सिंह चन्नी का हृदय-घात से आकस्मिक निधन हुआ, संस्था के
ज्योति मित्र कमलेश दलाल को हरचरण के बेटे हर्षद ने सूचना दी कि, पिताजी का
देहांत हो गया है और हम सब परिजन उनके नेत्रदान करवाना चाहते हैं ।
सहमति
मिलते ही कोटा से 120 किलोमीटर दूर भवानी मंडी के लिए डॉ कुलवंत गौड़ रवाना
हुए, और सीधा मुक्तिधाम में सभी परिवार के सदस्यों व क़रीबी रिश्तेदारों के
बीच हरचरण के नेत्र संकलित किये।
ज्ञात हो कि,कल मंगलवार को
भैंसोदा मंडी,मध्यप्रदेश,निवासी सीमेंट व्यवसायी सुमति लाल जैन का निधन हुआ
था, छोटे भाई अशोक की पत्नी अंजू ने परिवार में नेत्रदान के लिए चर्चा की ।
जिस पर सभी की सहमति बन गई, उन्होंने तुरंत ही जैन सोशल ग्रुप फेडरेशन के
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विवेक जैन एवं खाद्य व्यापार संघ जिला अध्यक्ष राजेश
नाहर को अपने जेठ जी के नेत्रदान करवाने का अनुरोध किया ।
अन्य दो
भाई अनिल और उषा किरण ने भी,सुमति के नैत्रदान के लिये अपनी सहमति दी।
कमलेश दलाल की सूचना पर कोटा से डॉ गौड़ ,भवानी मंडी के लिए रवाना हुए और
परिवार के सभी सदस्यों के बीच में नेत्रदान की प्रक्रिया को पूरा किया ।
सुमति के नेत्रदान प्रक्रिया में भाभी उमा देवी और गौरव गुप्ता का भी सहयोग
रहा।
ज्ञात हो की, इन दो दिनों में कोटा से भवानी मंडी तक के सफर
में काफी बारिश और जाम लगने की परिस्थितियों बनी, परंतु सभी प्रतिकूल
परिस्थितियों को पार करके शाइन इंडिया की टीम का प्रयास यही रहता है
कि,किसी भी तरह से दो दृष्टिबाधितों के लिए रोशनी लाने का प्रयास पूरा हो ।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
21 अगस्त 2024
कोटा से भवानीमंडी जाकर, 2 दिन में लिये 2 नैत्रदान
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