कोटा कोचिंग की पार्टनरशिप्स , अलग अलग राज्यों , ज़िलों में विकेन्द्रीकरण , आवश्यकता से अधिक हॉस्टल निर्माण , खुद कोचिंग का हॉस्टल मुनाफ़ा में प्रवेश ,, और कोटा में एयरपोर्ट नहीं होने से , अन्य विकेन्द्रीकृत कोचिंग शाखा ज़िलों में छात्र छात्राओं के एडमिशन की प्रवृत्ति के कारण , ,कोटा में उम्मीद से बहुत कम छात्र छात्राओं के प्रवेश होने से ,, कोचिंग के नाम पर हॉस्टल व्यापार में लगे लोगों के समक्ष संकट खड़ा हुआ है , इस बीच ख़ुशी की बात यह है के कोटा में एयरपोर्ट के निर्माण की शुरुआत की फिर से उम्मीद जगने लगी है ,, ,जी हाँ दोस्तों कोटा कोचिंग व्यवसाय से जुड़े हॉस्टल कारोबारियों के समक्ष यक़ीनन वर्तमान हालातों में संकट खड़ा हुआ है , लेकिन कोटा व्यापार संघ , हॉस्टल व्यापार एसोसिएशन , ,और कोटा के आर्थिक सलाहकार ,रिसर्च स्कॉलर ,, प्रशासन , सांसद , विधायकों , पत्रकारों ओरिजनल कोटा से लगाव रखने वाले पत्रकारों को , इस मामले में हस्तक्षेप कर, एक रिसर्च रिपोर्ट तय्यार करते हुए , कोटा का व्यापार किस तरह से ,बढे व्यापार कम होने के कारण क्या रहे उस पर एक श्वेत पत्र जारी कर पुनर्विचार की व्यवस्था के तहत कोटा को फिर से व्यापार में अव्वल बनाने की शुरुआत करना होगी ,, , कोटा कोचिंग नगरी होने से यहां कोचिंग से जुड़ी हॉस्टल व्यवस्था के साथ अन्य व्यवसायों में लोगों की बेहतर कमाई रही है , लेकिन कोचिंग गुरुओं द्वारा अलग अलग क्षेत्रों में कोचिंग की शाखाएं खोलने , फिर शाखाएं इधर से उधर करने , और पार्टनरशिप के साथ , कोटा के अलावा अलग अलग ज़िलों , अलग अलग राज्यों खासकर ऐसी जगह जहाँ एयरपोर्ट की सीधी कनेक्टिविटी है , वहां खुद के ही ब्रांड नेम से कोचिंग शाखाएं खोलने की वजह से , कोटा में छात्रों का आवागमन कम हो गया है,, एक तरफ तो कोटा में क्षमता आवश्यकता से अधिक हॉस्टल सीट्स का निर्माण हुआ , दूसरी तरफ , पी जी व्यवथा में हॉस्टल से इतर कई छात्राएं पी जी व्यवस्था में रह रहे हैं , तो कोटा के बढे कोचिंग की वृहद स्तर पर पार्टनर शिप के बाद ,और पहले , खुद ने भी , प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हॉस्टल व्यवसाय में खुद को सीधे तोर पर शामिल कर लिया है , ऐसे में ब्रांडनेम कोचिंग के खुद के हॉस्टल अगर हैं , तो नज़दीकी और दूसरी प्रशासनिक उम्मीदों की वजह से कोचिंग छात्र उसी ब्रांडनेम कोचिंग या अप्रत्यक्ष पार्टनरशिप में संचालित हॉस्टल में प्रवेश को प्राथमिकता देता है , जबकि , जयपुर , दिल्ली , बेंगलोर , इन्दोर , बिहार ,गुजरात , छत्तीसगढ़ ,, सहित सभी बढे शहरों में , जहां आवाजाही की सुविधाओं के साथ ,एयरपोर्ट कनेक्टिविटी भी हैं , वहां ब्रांटडनेम कोचिंग की शाखाएं खुलने से ,, बेस्ट लेचरर पढ़ाने के प्रचार प्रसार और छात्र ,, छात्राओं की नज़दीकी सुविधाएं , सेम कोचिंग की शाखा में उसी कोचिंग स्टेंडर्ड की पढ़ाई के प्रचार प्रसार से , ,,दूर दराज़ के कोचिंग छात्र , छात्राएं ,, एयरपोर्ट कनेक्टिविटी नहीं होने और कई दूसरी समस्याओं के कारण कोटा में नहीं आकर , विकेन्द्रीकृत शाखाओं में ही प्रवेश ले रहे हैं , इससे , कोचिंग की फ़ीस ,, आमदनी में तो कोई फ़र्क़ नहीं पढ़ रहा, उसकी स्टूडेंट व्यापारिक संख्या बढ़ रही है , लेकिन कोटा में स्टूडेंट्स की संख्या में एयरपोर्ट कनेक्टिविटी नहीं होने , ,,समकक्ष पढ़ाई का वायदा उसी ब्रांड कोचिंग द्वारा स्टूडेंट के निवास के पास के ही किसी शहर में देने , ,के प्रलोभन के बाद ज़ाहिर है , स्टूडेंट कोटा के स्थान पर , आसपास ही अपना अध्ययन उसी कोचिंग में आसानी से कर रहा है , ,ऐसे में एक बढ़ी खबर , अच्छी ,खबर कोटा की एयरपोर्ट कनेक्टिविटी दो वर्ष में शुरू होने के संकल्प के साथ काम शुरू होने जा रहा है , उसे व्यापारियों , स्थानीय प्रतिनिधियों ,, नागरिकों को मॉनिटरिंग करना होगी , ,कहीं ऐसा ना हो , यह जुमला साबित हो, अगर कोटा के लोगों ने स्थानीय सांसद , विधायक , डबल इंजन की सरकार के साथ संघर्षशील व्यवहार कर ,, केंद्र सरकार को मजबूर करके ,, दो वर्षों के भीतर भीतर कोटा में एयरपोर्ट संचालन व्यवस्था शुरू करवा दी , तो यकींनन कोटा में , स्टूडेंट के एडमिशन फिर से बढ़ेंगे , यहां पर्यटन और अन्य व्यापारिक व्यवस्थाओं को लेकर , लोगों की आवाजाही भी बढ़ेगी , जिससे , होटल , हॉस्टल सही अन्य व्यवसायों में वृद्धि होगी ,,,,, कोटा के व्यापारिक संगठनों , सर्वदलीय प्रतिनिधियों , ,आर्थिक सलाहकारों को इस मामले में ,, कोटा में हॉस्टल खाली है , स्टूडेंट नहीं आये , इसका रोना रोने की जगह , इसके कारणों की खोज कर , कोटा के ब्रांडनेम कोचिंग की पार्टनरशिप डीड ,, इनके विकेन्द्रीकरण शाखाओं के विस्तार , ,कोचिंग मालिकों द्वारा खुद , प्रत्यक्ष , अप्रत्यक्ष रूप से , हॉस्टल सहित अन्य व्यापार मेस वगेरा में प्रवेश को लेकर भी एक रिसर्च व्यवस्था के तहत , कमेटी बनाकर, सुझाव देना होंगे , एयरपोर्ट निर्धारित समयावधि में शुरू हो जाए , इसके लिए मॉनिटरिंग कमेटी दलगत राजनितिक भावनाओं से ऊपर उठकर बनाना होगी , अगर ऐसा हुआ तभी कोटा का हॉस्टल , मेस और कोचिंग पर आधारित व्यवसाय बचाया जा सकेगा , वर्ना यूँ ही आरोप प्रत्यारोप लगाते रो , कुछ होने वाला नहीं है , ,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
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