और फ़िरऔन ने अपने लोगों में पुकार कर कहा ऐ मेरी क़ौम क्या (ये) मुल्क
मिस्र हमारा नहीं और (क्या) ये नहरें जो हमारे (शाही महल के) नीचे बह रही
हैं (हमारी नहीं) तो क्या तुमको इतना भी नहीं सूझता (51)
या (सूझता है कि) मैं इस शख़्स (मूसा) से जो एक ज़लील आदमी है और (हकले पन की वजह से) साफ़ गुफ़्तगू भी नहीं कर सकता (52)
कहीं बहुत बेहतर हूँ (अगर ये बेहतर है तो इसके लिए सोने के कंगन) (ख़़ुदा
के हाँ से) क्यों नहीं उतारे गये या उसके साथ फ़रिश्ते जमा होकर आते (53)
ग़रज़ फ़िरऔन ने (बातें बनाकर) अपनी क़ौम की अक़ल मार दी और वह लोग उसके ताबेदार बन गये बेशक वह लोग बदकार थे ही (54)
ग़रज़ जब उन लोगों ने हमको झुझंला दिया तो हमने भी उनसे बदला लिया तो हमने उन सब (के सब) को डुबो दिया (55)
फिर हमने उनको गया गुज़रा और पिछलों के वास्ते इबरत बना दिया (56)
और(ऐ रसूल) जब मरियम के बेटे (ईसा) की मिसाल बयान की गयी तो उससे तुम्हारी क़ौम के लोग खिलखिला कर हंसने लगे (57)
और बोल उठे कि भला हमारे माबूद अच्छे हैं या वह (ईसा) उन लोगों ने जो ईसा की मिसाल तुमसे बयान की है तो सिर्फ़ झगड़ने को (58)
बल्कि (हक़ तो यह है कि) ये लोग हैं झगड़ालू ईसा तो बस हमारे एक बन्दे थे
जिन पर हमने एहसान किया (नबी बनाया और मौजिज़े दिये) और उनको हमने बनी
इसराईल के लिए (अपनी क़ुदरत का) नमूना बनाया (59)
और अगर हम चाहते तो तुम ही लोगों में से (किसी को) फ़रिश्ते बना देते जो तुम्हारी जगह ज़मीन में रहते (60)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
01 जुलाई 2024
या (सूझता है कि) मैं इस शख़्स (मूसा) से जो एक ज़लील आदमी है और (हकले पन की वजह से) साफ़ गुफ़्तगू भी नहीं कर सकता
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