कोटा जजशिप में , पक्षकारों वकीलों को ,मेनुअल आवाज़ लगाने का दौर फिर शुरू हुआ , अदालत परिसर में कई सुधारात्मक काम पुरे हुए , तो कई काम पुरे होना बाक़ी हैं ,
कोटा ,,5 जून , कोटा जिला न्यायायालय जजशिप में ,, कई सालों बाद फिर से मुक़दमों में आवाज़ों का पुराना दौर शुरू हुआ है , कोरोना के बाद से लगभग अदालतों में आवाज़ों का दौर रस्मन ही बचा था, टेलीफोनिक व्यवस्थाओं के चलते , वकीलों को बुलाने की व्यवस्था फल फूल गई थी ,, खेर सेशन अदालत में मुक़दमों में ,पक्षकार के नाम से , वकील के नाम से आवाज़ की फिर से शुरुआत देखकर, अदालत में अदालत जैसा माहौल दिखने लगा है ,,, आवाज़ लगाने की व्यवस्था , पक्षकार को बुलाने , और उसकी उपस्थिति , अनुपस्थिति मामले में यथावत ही रहना चाहिए , टेलीफोनिक व्यवस्था तो वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में ही अपनाना चाहिए ,, खेर कोरोना के बाद से अब तक कोटा न्यायालय परिसर में कई बदलाव आये है ,, लाइब्रेरी , कई महीनों से आधुनिकीकृत बनवाने के प्रयासों के तहत ,बंद की जाकर काम चल रहा है , जिसका काम लगभग अंतिम चरणों में है , जो जल्द ही , पूरा होने के बाद , लाइब्रेरी फिर से , व्यवस्थित होकर वकीलों के एकेडमिक कार्यों के लिए शुरू हो जायेगी ,, वकीलों के बैठने के लिए , दो मंज़िला परिसर शांति कुमार धारीवाल साहब ने व्यवस्थित तरीके से बनवा कर दिया है, उक्त परिसर में बैठने की व्यवस्था सुधारने की शुरुआत हुई है ,, गर्मी में तपते लोगों को बचने के लिए मनोज पूरी अध्यक्ष कार्यकाल में ,, छांया के लिए टीन शेड पृथक से लगाए गए है , जबकि पंखे काफी कम थे , इसलिए नए और पंखे लगाकर, हवादार व्यवस्था की गई है , स्थाई रूप से , केम्पर रखवा कर ठंडे पानी की व्यवस्था की गई है , सभागार को , भी व्यवस्थित करने के प्रयास अंतिम रूप में हैं ,,,, कोटा अदालत परिसर को विस्तारित करने , अलग अलग अदालतों को , एक ही छत के नीचे लाने के भी प्रयास तेज़ हुए है , जबकि मोटर यान दुर्घटना न्यायालय जो कल्याणकारी है , विकलांग और बुज़ुर्ग लोगों की बहुतायत है , उस कोर्ट को भी किसी निचली मंज़िल पर कैसे शिफ्ट की जाए , इसकी तरफ भी सोच बनी है ,,कोटा सहित राजस्थान की सभी अदालतों का डिजिटलाइज़ेशन हो रहा है, ,लेकिन कोटा में ,, पक्षकारों की सुविधाओं के लिए लगाए गए , ओटोमेटिक इलेक्ट्रॉनिक कियोस्क ,, बेकार पढ़े हैं , उनका उपयोग प्रचार प्रसार करके करवाने का प्रयास नहीं हो पाया है , ,इतना ही नहीं , ,तारीख बताने वाला ऐप भी , ,आधा अधूरा है , इतने वर्षों बाद भी उसे अपग्रेड नहीं किया गया है,,राजस्व अदालतों , कार्यकारी अदालतों का तो कोई एप बना ही नहीं है , जिला न्यायालय की तारीखों की जानकारी वाला ऐप , अपडेट नहीं होता , कई बार, शटडाउन हो जाता है , कुछ जानकारियां गलत फीड हो जाती है , जिससे पक्षकारों को वकीलों में भ्रम पैदा होता है , उसमे सुधार की ज़रूरत है ,,,सिविल क्रिमनल रूल्स 2019 लागू कर दिए गए है , ,लेकिन नक़ल के मामले में अभी भी,मेनुअल व्यवस्था है , डिजिटल व्यवस्था शुरू नहीं हुई है ,, जबकि नियमों में ,, नक़ल आवेदन क्रमांक के साथ डिस्प्ले में संबंधित जानकारियां होंगी,, ,वकील के मोबाइल पर एलर्ट होगा ,, जो शुरू नहीं हुआ है , हाँ जुर्माना राशि , ऑन लाइन जमा कराने की अलबत्ता व्यवस्था शुरू हो गई है , कुछेक वकीलों के मोबाइल , और मेल पर भी तारीखों का अपडेट देने की व्यवस्था की शुरुआत है , ,जबकि , सम्मन तामील मामले में , ,अभी तक , अदालतों के ज़रिये , ,मोबाइल नंबर , मेल नंबर पक्षकारों के होने के बाद भी , मोबाइल पर ही , प्रथम तामील के वाट्स एप पर सम्मन तामील की व्यवस्थित शुरुआत नहीं की है ,, अगर ऐसा शुरू हो जाए , तो प्रथम तामील में , चेक अनादरण , ,घरेलू हिंसा , सहित अन्य कई मामलों में प्रथम तामील जो पुलिस पर अनावश्यक बोझ बनी हुई है, उसमें फायदा मिल सकता है , और अधिकतम अदम तमिल में वापस लौटते भी हैं , या नहीं , इसका इंद्राज , क़ानून होने पर भी नहीं है ,क्योंकि , हर सम्मन , हर वारंट जो , पुलिस के पास अदालत के रजिस्टर में चढ़ा कर दिया जाता है , अगर वोह तामील या उचित कारणों के साथ अदम तामील में वापस लोटा कर अग्रिम व्यवस्था के लिए नहीं दिया जाता है , तो वोह अदालत के कागज़ को वापस नहीं लौटाने , और अदालत के आदेश की पालना नहीं करने का अपराध है , ऐसे में ,, इस व्यवस्था में भी सुधार की ज़रूरत है ,, ,, इधर कोटा अदालत परिसर में केंटीन में , होटलों द्वारा जो पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है , खानपान के लिए , तेल , अन्य खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता है , उसके लिए नमूनों की जांच , तम्बाकू निषेध अधिनियम है , उसकी पालना अभी तक सुनिश्चित नहीं हुई है ,, कोटा अदालत में , अनावश्यक वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने के लिए अध्यक्ष मनोजपुरी ने , जुर्माने की शुरुआत की है , जिससे काफी सुधार आया है ,, ,अदालत में वकीलों के एकेडमिक क़ानूनी ज्ञानवर्धन के लिए ,प्रशिक्षण व्यवस्था की ज़रूरत है , सेमिनारों की ज़रूरत है , कल्याणकारी व्यवस्था के लिए तो , कल्याण कोष में वृद्धि और वकीलों की मृत्यु पर क्षतिपूर्ति राशि बढ़ाने का निर्णय लगभग हो चुका है , जिसकी पालना के लिए साधारण सभा में प्रस्ताव रखकर इसे शीघ्र ही पारित करवाने के प्रयास अंतिम चरणों में हैं , कोटा अदालत में सुरक्षा की दृष्टि से , सी सी टी वी कैमरों के निर्णय के निर्देश के बाद भी , ,अभी तक सी सी टी वी केमरे नहीं लगाए गए है, पृथक से पुलिस गार्ड , सादी वर्दी में पुलिस की निगरानी की स्थाई शुरुआत नहीं हो सकी है,,,,,, कार्यपालक मजिस्ट्रेटों की सुनवाई , चैंबर से बाहर आकर, इजलास में सुनवाई का दोर अभी भी शुरू होना बाक़ी है ,,,जबकि कोर्ट वेबसाइट पर न्यायिक अधिकारियों के पूर्व अवकाश की सूचनाएं अपडेट प्रॉपर नहीं हो रही हैं, और भी बहुत कुछ है , जिसमे बदलाव के प्रयास ,, सुधार के प्रयास , ,अध्यक्ष मनोज पूरी की कार्यकारिणी के नेतृत्व में , उनकी निर्वाचित टीम सकारात्मक प्रयासों के साथ कर रही है,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
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