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20 मई 2024

ख़बरदार (याद रखो कि) ये लोग यक़ीनन अपने दिल से गढ़-गढ़ के कहते हैं कि खु़दा औलाद वाला है

ख़बरदार (याद रखो कि) ये लोग यक़ीनन अपने दिल से गढ़-गढ़ के कहते हैं कि खु़दा औलाद वाला है (151)
और ये लोग यक़ीनी झूठे हैं (152)
क्या खु़दा ने (अपने लिए) बेटियों को बेटों पर तरजीह दी है (153)
(अरे कम्बख्तों) तुम्हें क्या जुनून हो गया है तुम लोग (बैठे-बैठे) कैसा फैसला करते हो (154)
तो क्या तुम (इतना भी) ग़ौर नहीं करते (155)
या तुम्हारे पास (इसकी) कोई वाज़ेए व रौशन दलील है (156)
तो अगर तुम (अपने दावे में) सच्चे हो तो अपनी किताब पेश करो (157)
और उन लोगों ने खु़दा और जिन्नात के दरम्यिान रिश्ता नाता मुक़र्रर किया है हालाँकि जिन्नात बखू़बी जानते हैं कि वह लोग यक़ीनी (क़यामत में बन्दों की तरह) हाजि़र किए जाएँगे (158)
ये लोग जो बातें बनाया करते हैं इनसे खु़दा पाक साफ़ है (159)
मगर खु़दा के निरे खरे बन्दे (ऐसा नहीं कहते) (160)

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