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22 अप्रैल 2024

श्रीमती वसुंधरा, कृष्ण कुमार गोयल, भुवनेश जी , धारीवाल जी, ओम जी के महत्वपूर्ण पदों पर रहने के बावुजूद भी कोटा सम्भाग के वकीलों को महत्वपूर्ण अधिवक्ता पद नहीं, हाईकोर्ट जज पैनल में नहीं, कोटा में हाईकोर्ट बेंच, वर्चुअल बेंच मांग जस की तस, कोटा मिनी सचिवालय नहीं,

 

श्रीमती वसुंधरा, कृष्ण कुमार गोयल, भुवनेश जी , धारीवाल जी, ओम जी के महत्वपूर्ण पदों पर रहने के बावुजूद भी कोटा सम्भाग के वकीलों को महत्वपूर्ण अधिवक्ता पद नहीं, हाईकोर्ट जज पैनल में नहीं, कोटा में हाईकोर्ट बेंच, वर्चुअल बेंच मांग जस की तस, कोटा मिनी सचिवालय नहीं,
कोटा 22 अप्रेल , कोटा संभाग हाड़ोती की राज्य और केंद्रीय स्तरीय बढ़ी बढ़ी विभूतियाँ तो आईं, पदों पर बैठीं लेकिन ,, कोटा संभाग के विधिक विकास क्षेत्र में कोई भी बढ़ा प्रतिनिधित्व नहीं मिल सका , यही वजह रही है , के बीकानेर में वर्चुअल हाईकोर्ट बेंच सुनवाई की घोषणा सुप्रीमकोर्ट जज करते नज़र आते हैं , और कोटा तकता रहता है , यहां हाईकोर्ट बेंच के लिए हम केंद्रीय स्तर पर एक क़दम भी आगे नहीं बढ़ा पाते हैं , तो फिर ऐसा केंद्रीय और राज्य स्तरीय उच्च प्रतिनिधित्व होने से क्या फायदा ,,, जी हाँ दोस्तों कोटा , बूंदी , बारां , झालावाड़ ,,, कोटा संभाग यानी हाड़ोती क्षेत्र से ,, झालावाड़ सांसद के रूप में श्रीमती वसुंधरा सिंधिया केंद्र में मंत्री रहीं , ,कृष्ण कुमार गोयल कोटा सांसद के रूप में केंद्रीय मंत्री रहे , भुवनेश चतुर्वेदी , केंद्रीय मंत्री रहे , झालावाड़ विधायक के रूप में , श्रीमती वसुंधरा सिंधिया राजस्थान की मुख्यमंत्री रहीं , अब कोटा सांसद ओम जी बिरला देश की सबसे बढ़ी पंचायत लोकसभा के अध्यक्ष रहे ,, लेकिन कोटा को न्यायिक व्यवस्थाओं और प्रतिनिधित्व के रूप में अंगूठे के सिवा कुछ ना मिल सका है , ,हालात यह हैं , के कोटा के वकील , राजस्थान हाईकोर्ट बेंच की सर्किट बेंच कोटा में खुलवाने की मांग को लेकर , लगभग 24 सालों से संघर्ष कर रहे हैं , इन चॉइस सालों में , कोटा के वकीलों ने जंगी प्रदर्शन किये , महीनों तक कोटा की अदालत का काम काज ठप्प रखा , ,कोटा बंद किया ,, विधि मंत्री शांति कुमार धारीवाल , मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया , विधायक प्रह्लाद गुजंल , सांसद ओम जी बिरला सहित सभी के घरों के बाहर प्रदर्शन किये , लेकिन कोटा को , आज तक ,ना तो अदालत परिसर में बेहतर व्यवस्थाएं मिल पाईं , ना ही हाईकोर्ट की सर्किट बेंच मिल पाई , केंद्रीय क़ानून मंत्री , अर्जुन मेघवाल ने बीकानेर में हाईकोर्ट सर्किट बेंच की वर्चुअल सुनवाई की व्यवस्था मामले में तीन बार घोषणा की , एक बार तो खुद मुख्य न्यायधीश महोदय ने भी इसकी पुष्टी की यह तो तब हुआ जब , कोटा अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष के नेतृत्व में , शिष्ट मंडल , कोटा सांसद लोकसभा अध्यक्ष ओम जी बिरला से मिलकर अपनी गुहार लगा चुके थे , वायदा हो चुका था , के कोटा को भी इसमें शामिल किया जाएगा ,, राजस्थान की मुख्यमंत्री रहते श्रीमती वसुंधरा सिंधिया ने , लिखित में वायदा किया था , के जब भी हायकोर्ट बेंच के बारे में विचार होगा , तो एक कमेटी में डिसकस होगा जिस कमेटी में कोटा से मनोज जी पूरी और दिनेश सिंह जी सिसोदिया को सदस्य बनाया गया था , लेकिन कोई बैठक , की मीटिंग कोई मशवरा नहीं हुआ और बीकानेर में भाजपा शासन में गुपचुप तरीके से कोटा की उपेक्षा कर वर्चुअल सुनवाई व्यवस्था की घोषणाएं की जाने लगीं , शांति कुमार धारीवाल के कार्यकाल में कम से कम एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट तो लागू हुआ ,, कोटा के वकीलों को राज्य सरकार और बार कौंसिल से हिस्सेदारी तो मिली , कोटा के अदालत परिसर में वकीलों के बैठने और सुविधाओं के लिए करोड़ों के काम तो हुए , कोटा में , राज्य उपभोक्ता की सर्किट बेंच ,, राजस्व मंडल की बेंच की शुरुआत तो हुई , ,सरकारी वकीलों का मानदेय व्यवस्थित तरीके से बढ़ाया गया ,,, शांति धारीवाल के मंत्री रहते , कई दर्जन पत्र , कोटा में हायकोर्ट बेंच की मांग को लेकर , राज्य और केंद्र सरकार के साथ राजस्थान हायकोर्ट को भेजे गए , ,एयरपोर्ट नया बनने की व्यवस्था के साथ ही , एयरपोर्ट की खाली पढ़ी ज़मीन पर मिनी सचिवालय जिसमे सारे विभाग एक ही छत के नीचे , अदालतें एक ही छत के नीचे बनाने की योजना की घोषणा की गई , वकीलों के लिए अधिवक्ता कॉलोनी के लिए रियायती दरों पर भूखंड दिए गये ,, प्रह्लाद गुंजल ने सत्ता में विधायक रहते ,, राजस्थान हाईकोर्ट बेंच के बारे में विधानसभा में कई बार आवाज़ उठाई , मदन दिलावर जी ने एडवोकेट रविन्द्र जी विजय को सहकारिता ट्रिब्यूनल सदस्य बनाया, लेकिन लोकसभा में कोटा हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर , कांग्रेस सांसद के रूप में चाहे इजयराज सिंह जी ने आवाज़ उठाई हो , लेकिन वर्तमान सांसद ने तो कोई आवाज़ नहीं उठाई लोकसभा अध्यक्ष होने के बावजूद भी ,,कोई व्यवस्थाएं नहीं की , कोटा बूंदी ,बारां , झालावाड़ के प्रतिनिधित्व होने के बावजूद भी , ,इन क्षेत्रों से , सुप्रीमकोर्ट में वरिष्ठ वकीलों को , राजकीय नियुक्तियां नहीं मिली , राजस्थान में वसुंधरा जी के मुख्यमंत्री , शांति धारीवाल जी के विधि मंत्री रहते हुए , ,महाधिवक्ता , अतिरिक्त महाधिवक्ता पद पर हाड़ोती को प्रतिनिधित्व नहीं मिला , उक्त क्षेत्र के वकील जो राजस्थान हाईकोर्ट में प्रतिष्ठित वकील है , उनमे से एक भी हाईकोर्ट जज नहीं बनाये गए , भुवनेश चतुर्वेदी के कार्यकाल में अलबत्ता शिव कुमार जी शर्मा को हाईकोर्ट जज बनाया गया था , ,कोटा संभाग वर्मतान में तो पूरी तरह से उपेक्षित रहा , यह तब है , जब , ,वकीलों के राजनितिक , सामाजिक धार्मिक हिस्सों में बटवारे कर उनके प्रकोष्ठ ,, संगठन , विभाग तक बना दिए गए है , धार्मिक आधार पर भी वकीलों का संघ है , तो राजनितिक आधार पर भी बढ़ी पार्टियों के विभाग ,, प्रकोष्ठ है , और तो और , वकीलों के अब तो समाज ,, जातिगत स्तर पर भी विभाग बने हुए है , जो लगातार सक्रिय है ,लेकिन कोई भी संगठन , कोटा संभाग में वर्चुअल बेंच ,, हाईकोर्ट की सर्किट बेंच ,, मिनी सचिवालय एक ही छत के नीचे सभी अदालतें , वकीलों से संबंधित सभी कार्यालय , वकीलों की कॉलोनी में आधारभूत सुविधाएं , वकीलों को हाईकोर्ट जज के लिए प्रतिनिधित्व ,, जयपुर ,, जोधपुर हाईकोर्ट में हाड़ोती के वकीलों में से महाधिवक्ता , अतिरिक्त महाधिवक्ता नहीं बनाये गए है , वकीलों ने इस तरफ आवाज़ ही नहीं उठाई , और नेता जिनके मुक़दमे वकील साथी मुफ्त में लड़ते है , उन्हें बरी करवाते हैं , उनकी पैरवी करते हैं , नेताओं के चुनाव के आवेदन भरते है , ,इनके साथ , चुनावी अभिकर्ता बनकर , चुनावी व्यवस्थाएं देखते हैं , सब कुछ करने के बाद भी , चुनाव जीतने ,, वरिष्ठ पदों पर पहुंचने के बाद , इन नेताओं से , वकीलों के हक़ की बात नहीं हो पाती है , यह अहसान फराहमोश नेता लोग , वायदे तो करते हैं , लेकिन न्यायिक क्षेत्र में ,, कोटा के पक्षकारों , आम जनता , कोटा के वकीलों को उनका अधिकार , दिलाने के लिए जो शीर्ष पद पर जाने के बाद इन नेताओं को करना चाहिए , वोह कुछ भी नहीं किया जाता है , सिर्फ जुमलेबाज़ी , लिखित आश्वासन और गुमराही के सिवा कुछ ख़ास नहीं मिल पाता है , केंद्रीय क़ानून मंत्री अर्जुन सिंह की बीकानेर हाईकोर्ट वर्चुअल बेंच और कोटा सांसद लोकसभा अध्यक्ष की मौजूदगी में कोटा में हाईकोर्ट की सर्किट बेंच या वर्चुअल बेंच की घोषणाओं से ही यह फ़र्क़ समझ में आ जाता है ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

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