कोटा से निकली टीम ने पहले बूंदी, उसके बाद बाराँ में लिये नैत्रदान
2. शाइन इंडिया के प्रयासों से संभाग में गति पकड़ रहा है, नेत्रदान अभियान
वर्ष 2011 से शाइन इंडिया फाउंडेशन का नेत्रदान अभियान पूरे हाडोती संभाग में प्रारंभ हुआ था,उस समय काफी मेहनत के बाद पूरे वर्ष में दो देवलोकगामियों के नेत्रदान प्राप्त हुए थे, और आज जागरूकता का प्रतिशत इतना ज्यादा बढ़ चुका है कि,संस्था को प्रति माह 25 से अधिक देवलोकगामियों के नैत्रदान प्राप्त हो रहे हैं ।
कल बुधवार को भी संस्था ने कोटा से 35 किलोमीटर दूर बूंदी से एक और 80 किलोमीटर दूर बाराँ से दो दिवंगतों के नैत्रदान प्राप्त किये ।
सर्वप्रथम गुरु नानक कॉलोनी,बूंदी निवासी मीरा देवी के आकस्मिक निधन के उपरांत, बेटे राजेश टेकवानी से संस्था के ज्योति मित्र महेश चंदवानी ने अनुरोध कर नैत्रदान के लिए सहमति प्राप्त की । सहमति मिलने के उपरांत कोटा से डॉ कुलवंत गौड़ ने ज्योति मित्र इदरीस बोहरा के साथ निवास स्थान पर पहुंच, नेत्रदान की प्रक्रिया को पूरा किया ।
मीरा देवी के नेत्रदान के बाद टीम कोटा पहुँची थी कि,बाराँ से सूचना प्राप्त हुई की, नाकोड़ा कॉलोनी निवासी कस्तूरचंद गौतम जी का आकस्मिक निधन हुआ है, डॉ गौड़ ने कोटा से ही कस्तूरचंद जी के बेटे पुरुषोत्तम से पिता के नैत्रदान करवाने के लिये समझाइश की, जिस पर सहमति प्राप्त होने पर,शव यात्रा प्रारंभ होने ठीक पहले,कोटा से डॉ गौड़ और टिंकू ओझा ने बाराँ पहुंचकर नैत्रदान प्रक्रिया को सम्पन्न किया ।
इस नेत्रदान के बाद कोटा के लिए टीम रवाना हुई, अभी शहर से बाहर भी नहीं निकली थी कि,भारत विकास परिषद के सदस्य रमाकांत गुप्ता और सचिव पवन मित्तल ने सूचना दी की पंचवटी नगर,बाराँ निवासी लक्ष्मण स्वरूप गुप्ता का भी आकस्मिक निधन हुआ है,और परिजन दिवंगत के नेत्रदान के लिए तैयार हैं,सूचना मिलते ही,शहर छोड़ चुकी टीम के सदस्य वापस,बाराँ लक्ष्मण जी के निवास पर पहुंचे और बेटे पियूष गुप्ता की सहमति से डॉ कुलवंत और टिंकू ने नेत्रदान की प्रक्रिया को संपन्न किया ।
इस तरह से बुधवार की दिन भर की भागदौड़ से कॉर्निया की अंधता का दुख भोग रहे 6 दृष्टि बाधित लोगों की आंखों में रोशनी पहुंचने का प्रयास संभव हुआ ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)