राजकीय चिकित्सकों के साथ अंगदान नेत्रदान पर विशेष कार्यशाला संपन्न
आयुष्मान भारत अभियान के तहत संयुक्त निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य कार्यालय राजकीय चिकित्सकों की 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन स्टेशन क्षेत्र के एक निजी होटल में चल रहा है । प्रशिक्षण कार्यशाला के कोऑर्डिनेटर डॉ मथुरेश गुप्ता ने अंगदान व नेत्रदान विषय पर जागरूकता के लिए शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉक्टर कुलवंत गौड़ को आमंत्रित किया ।
डॉ गौड़ ने अंगदान की अभियान को आने वाले समय की जरूर बताते हुए कहा कि, एक ब्रेनडेड व्यक्ति के परिजनों की सही तरह से की गई समझाइश मौत के करीब आए नौ लोगों को जीवन दे सकती है।
हाड़ौती संभाग में 13 सालों से नेत्रदान,अंगदान और देहदान के लिए संस्था के अनवरत जागरूकता अभियान और सम्मिलित प्रयासों से, शहरवासियों में अब इतनी जागरुकता आयी है की,शोक के समय में यदि कोई भी,शोकाकुल परिवार के सदस्यों से नेत्रदान अंगदान,या देहदान करवाने की बात के लिए समझाइश करता है तो, परिजन थोड़े समय बाद अपनी सहमति दे देते हैं ।
आमजन की मानसिकता भी कोरोना के बाद से काफी बदली है, ज्यादातर शहरवासी अब अपने मनुष्य जन्म को सार्थक करने के उद्देश्य से सभी तरह के दान करने के साथ-साथ, नैत्रदान,अंगदान,देहदान के प्रति भी काफी जागरूक हुए हैं ।
डॉ गौड़ ने बताया कि, नेत्रदान अंगदान और देहदान में चिकित्सकों का योगदान महत्वपूर्ण रहता है ,मरीज और उसके परिजन,अस्पताल में चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ के अलावा किसी भी दूसरे पर भरोसा नहीं करते हैं,ऐसे में जब भी कभी कोई मरीज की मृत्यु होती है तो, उनकी देखरेख करने वाले चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ ही शोकाकुल परिवार के सदस्यों को समझाते हैं,तो नेत्रदान,अंगदान और देहदान होने की संभावना कई अधिक रहती है ।
सत्र प्रशिक्षक डॉ कमल मालव, डॉ ललित राठौर, डॉ नेहा सुवालका ने शाइन इण्डिया फाउंडेशन के कार्यों की सराहना करते हुए सभी प्रशिक्षु चिकित्सकों से इसमें सहयोग करने का आह्वान किया।
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