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27 फ़रवरी 2024

कोटा दुर्घटना न्यायालय निचली मंज़िल पर खोलना की मांग को लेकर ज्ञापन

 

कोटा दुर्घटना न्यायालय
निचली मंज़िल पर खोलना की मांग को लेकर ज्ञापन
कोटा ।कोटा में मोटर यान दुर्घटना न्यायालय क्रम 1 , क्रम 2 को कल्याणकारी व्यवस्था के तहत पक्षकारों की सुविधा के लिए निचली मंज़िल पर संचालित करने के निर्देश देने , और नए संशोधित मोटर यान दुर्घटना क़ानून के विधिक प्रावधान के तहत , थानाधिकारी द्वारा तुरंत क्लेम प्रक्रिया शुरू करने , संबंधित समिति बनाने और सभी विधिक प्रावधान लागु करने के लिए कमेटियां बनाकर अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश देने की मांग को लेकर ह्यूमन रिलीफ सोसायटी के महासचिव एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने माननीय मुख्य न्यायधीश राजस्थान हाईकोर्ट को पत्र ज्ञापन भेजा है ,
एड्वोेक्ट अख्तर खान अकेला ने अपने ज्ञापन में कहा है , कि ,राजस्थान का कोटा सबसे महत्वपूर्ण जिला है , यहां कोचिंग इंस्टीट्यूट भी हैं , जबकि औद्योगिक क्षेत्र भी है कोटा में वाहनों की संख्या निरंतर बढ़ने से यहां दुर्घटना में घायल होने वालों और मृतक की संख्या में भी वृद्धि हुई है ,आदरणीय कोटा में दो मोटर यान दुर्घटना प्राधिकरण , एम ऐ सी टी कोर्ट हैं जो क्रम 1 व क्रम 2 हैं न्यायालय परिसर कोटा के पास ही , एक चिकित्सक के निजी मकान में किराए के परिसर प्रथम एवम द्वितीय तल में दोनों ट्रिब्यूनल चलाये जा रहे हैं ,
ज्ञापन में अख्तर खान अकेला ने कहा कि दुर्घटना ग्रस्त पीड़ित अधिकतम विकलांग होते हैं , किसी का एक पैर कट जाता है , , किसी का एक हाथ कट जाता है , कोई पूरी तरह से विकलांग हो जाता है , कोई लकवाग्रस्त हो जाता है , वगेरा वगेरा ,, जबकि कुछ लोगों की मृत्यु हो जाने पर उसके आश्रित जिनमे माता पिता भी शामिल होते है वोह मुख्य पक्षकार होते हैं , ऐसे में , इन विकलांग और , बुज़ुर्ग लोगों को , उक्त ट्रिब्यूनल में , क्लेम पेश करने के लिए तो आना ही पढ़ता है , जबकि साक्ष्य वगेरा सहित अन्य सुनवाई के वक़्त भी उपस्थिति ज़रूरी हो जाती है , ऐसे में उक्त ट्रिब्यूनल कोर्ट , निचली मंज़िल के परिसर में नहीं होकर , पहली मंज़िल और दूसरी मंज़िल पर हैं , जबकि उक्त परिसर की सीढ़ियां भी अस्त व्यस्त हैं , आम आदमी को ही चढ़ने में बहुत दिक़्क़त होती है , तो फिर विकलांग ,, अशक्त , और बुज़ुर्ग लोगों को तो , इन सीढ़ियों के ज़रिये पहली और दूसरी मंज़िल पर चढ़ने में बहुत दिक़्क़त होती है , कई बार तो स्थिति असहनीय होती है , विकलांग को , गोदी में उठाकर बढ़ी मुश्किलों में बयान दिलवाने के लिए सीढ़ियों पर चढ़कर , ले जाना पढ़ता है ,जो काफी तकलीफ देह होता है , और यह रोज़मर्रा का काम है , ऐसे में कल्याणकारी व्यवस्थाओं के तहत , विकलांग , अशक्त , बुज़ुर्ग लोगों की इस समस्या को देखते हुए ,जनहित में उक्त दोनों ट्रिब्यूनल न्यायालय एम ऐ सी टी क्रम एक व् दो , आसपास ही किसी नीचे की मंज़िल पर संचालित करने के निर्देश देना ज़रूरी हैं , अन्य किराये के परिसर की अदालतें किराया अधिकरण , ऍन आई विशेष कोर्ट क्रम 4 , पोक्सो 3 वगेरा भी किराए के परिसर में हैं जो निचली मंज़िल पर हैं , वहां इन दोनों ट्रिब्यूनल कोर्ट्स को , स्थानांतरित किया जा सकता है , या किसी अन्य परिसर में संचालित करने के आदेश देना आवश्यक है
अख्तर खान अकेला ने ज्ञापन में कहा कि भारत सरकार ने मोटर यान दुर्घटना अधिनियम में नए संशोधन नियम के तहत , केंद्रीय मोटर यान दुर्घटना निधि नियम 2022 बीमाकृत ,, अबीमाकृत और हिट ऐंड रन अवे , नए क़ानून में मोटर यान दुर्घटना मामले में अन्वेषण प्रक्रिया निर्धारित की है , उसकी समय सीमा , अन्वेषण अधिकारी की ज़िम्मेदारी , जवाबदारी , अनुशासन के बंधन तय किये हैं , जिसमे दुर्घटना की सुचना मिलते ही , फोटो , नक़्शा , प्रत्यक्ष दर्शी जांच , रिपोर्ट प्रारूप एक में अड़तालीस घंटे के भीतर एफ आई आर के साथ , अनुसंधान अधिकारी , प्रतिकर के लिए , घायल मृतक की तरफ से दावा पेश करेगा , मोटर यान दुर्घटना के अन्वेषण की प्रर्किया भी निर्धारित की गई है जिसमें पुलिस अधिकारी किस तरह से अन्वेषण करेगा , बीमा कम्पनी को तत्काल अड़तालीस घंटे में एफ आई आर के साथ देगा चार्ट अन्वेषण अधिकारी द्वारा पडित को तत्काल प्रारूप 2 पर देना होगी अन्वेषण अधिकारी दावा अधिकरण के समक्ष , पचास दिन के भीतर अंतरिम अन्वेषण रिपोर्ट पेश करेगा , जिसकी एक एक रिपोर्ट विधिक सेवा ,प्राधिकरण दावाकर्ता बीमा कम्पनी को भी देगा अन्वेषण अधिकारी साठ दिनों के भीतर सम्पूर्ण जानकारी विशिष्ठ प्रारूप पर देगा ज्ञापन में अख्तर खान अकेला ने कहा कि नए संशोधन अधिनियिम के विधिक प्रावधान थानाधिकारी द्वारा क्लेम संबंधित कार्यवाही नहीं हो पा रही हैं , जबकि लिमिटेशन 6 माह की हो जाने और गंभीर घायलों के इलाज वगेरा में रहने के कारण उक्त क्लेम 6 माह में पेश करने की समय सीमा हो जाने के बाद कई पीड़ित लोग उनके परिजन समय पर क्लेम पेश नहीं कर पा रहे हैं , और पत्रावलियां लिमिटेशन के प्रार्थना पत्र के निस्तारण पर अटकी पढ़ी हैं इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम विधिक साक्षरता के तहत चलवाये जाना चाहियें और थानाधिकारी की जो ज़िम्मेदारी है उसके लिए प्रदेश के पुलिस महानिदेशक के ज़रिये सभी को पाबंद कर , इनके प्रत्येक कार्य के मॉनिटरिंग के लिए जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव और स्टाफ को नियुक्त करना चाहिए ताकि थाना स्तर पर ही समय पर क्लेम की कार्यवाही शुरू होने संबंधित व्यवस्थाएं बन सकें
ज्ञापन में अख्तर खान अकेला ने मांग की है कि कोटा मोटर यान दुर्घटना ट्रिब्यूनल न्यायालय क्रम एक ,, क्रम दो ,, को दूसरी और तीसरी मंज़िल से किसी भी जगह निचली मंज़िल पर शिफ्ट करने के निर्देश जारी करे जबकि नए संशोधित मोटर यान क़ानून के तहत जो ज़िम्मेदारी थानाधिकारी सरकर के ज़िम्मेदारों की है उसकी पालना शत प्रतिशत सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक जिला स्तर पर विधिक न्यायिक प्राधिकरण के सचिव के ज़रिये इसकी मोनीटरिंग करवाए और इसकी पालना नहीं करने वाले पुलिस अधिकारीयों अन्य ज़िम्मेदारों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के दिशा निर्देश भी जारी करने की मांग की है

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