(ऐ शख़्स) क्या तूने इतना भी नहीं देखा कि जितनी मख़लूक़ात सारे आसमान और
ज़मीन में हैं और परिन्दें पर फैलाए (ग़रज़ सब) उसी को तस्बीह किया करते
हैं सब के सब अपनी नमाज़ और अपनी तस्बीह का तरीक़ा खूब जानते हैं और जो कुछ
ये किया करते हैं ख़ुदा उससे खू़ब वाकि़फ है (41)
और सारे आसमान व ज़मीन की सल्तनत ख़ास ख़ुदा ही की है और ख़ुदा ही की तरफ (सब को) लौट कर जाना है (42)
क्या तूने उस पर भी नज़र नहीं की कि यक़ीनन ख़ुदा ही अब्र को चलाता है
फिर वही बाहम उसे जोड़ता है-फिर वही उसे तह ब तह रखता है तब तो तू बारिश
उसके दरम्यिान से निकलते हुए देखता है और आसमान में जो (जमे हुए बादलों के)
पहाड़ है उनमें से वही उसे बरसाता है- फिर उन्हें जिस (के सर) पर चाहता है
पहुँचा देता है- और जिस (के सर) से चाहता है टाल देता है- क़रीब है कि
उसकी बिजली की कौन्द आखों की रौशनी उचके लिये जाती है (43)
ख़ुदा ही रात और दिन को फेर बदल करता रहता है- बेशक इसमें आँख वालों के लिए बड़ी इबरत है (44)
और ख़ुदा ही ने तमाम ज़मीन पर चलने वाले (जानवरों) को पानी से पैदा किया
उनमें से बाज़ तो ऐसे हैं जो अपने पेट के बल चलते हैं और बाज़ उनमें से ऐसे
हैं जो दो पाँव पर चलते हैं और बाज़ उनमें से ऐसे हैं जो चार पावों पर
चलते हैं- ख़ुदा जो चाहता है पैदा करता है इसमें शक नहीं कि खु़दा हर चीज़
पर क़ादिर है (45)
हम ही ने यक़ीनन वाजे़ए व रौशन आयतें नाजि़ल की और खु़दा ही जिसको चाहता है सीधी राह की हिदायत करता है (46)
और (जो लोग ऐसे भी है जो) कहते हैं कि ख़ुदा पर और रसूल पर इमान लाए और
हमने इताअत क़ुबूल की- फिर उसके बाद उन में से कुछ लोग (ख़ुदा के हुक़्म
से) मुँह फेर लेते हैं और (सच यूँ है कि) ये लोग इमानदार थे ही नहीं (47)
और जब वह लोग ख़ुदा और उसके रसूल की तरफ बुलाए जाते हैं ताकि रसूल उनके
आपस के झगड़े का फैसला कर दें तो उनमें का एक फरीक रदगिरदानी करता है (48)
और (असल ये है कि) अगर हक़ उनकी तरफ होता तो गर्दन झुकाए (चुपके) रसूल के पास दौड़े हुए आते (49)
क्या उन के दिल में (कुफ्र का) मर्ज़ (बाक़ी) है या शक में पड़े हैं या इस
बात से डरते हैं कि (मुबादा) ख़ुदा और उसका रसूल उन पर ज़ुल्म कर बैठेगा-
(ये सब कुछ नहीं) बल्कि यही लोग ज़ालिम हैं (50)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
22 फ़रवरी 2024
और सारे आसमान व ज़मीन की सल्तनत ख़ास ख़ुदा ही की है और ख़ुदा ही की तरफ (सब को) लौट कर जाना है
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