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12 फ़रवरी 2024

टोंक जिले के नगर फोर्ट ग्राम में पहला नैत्रदान सम्पन्न, भाई के बाद बहन की आँखे भी रहेंगी रौशन

 टोंक जिले के नगर फोर्ट ग्राम में पहला नैत्रदान सम्पन्न, भाई के बाद बहन की आँखे भी रहेंगी रौशन 

2. नेत्रदान प्रक्रिया के बाद मुक्तिधाम में भी हुई नेत्रदान जागरुकता कार्यशाला


शाइन इंडिया फाउंडेशन का नेत्रदान जागरुकता अभियान अब हाडोती संभाग के एक-एक घर तक पहुंच रहा है, संस्था के दिन रात की मेहनत से अब ऐसे कई ग्रामीण क्षेत्रों में भी नेत्रदान हो रहे हैं,जहां पर नेत्रदान की जागरूकता भी नहीं थी इसी क्रम में आज टोंक,जिले के नगर फोर्ट ग्राम में कस्बे का पहला नेत्रदान संपन्न हुआ।


मोदी मोहल्ला,नगर फोर्ट निवासी हरकचंद जैन की धर्मपत्नी शकुंतला जैन का आज सुबह आकस्मिक निधन हुआ । उनके निधन की सूचना कोटा स्थित शकुंतला के दामाद और संस्था के ज्योति मित्र मुकेश अग्रवाल को भी मिली,उन्होंने तुरंत शकुंतला के बेटे पंकज और गगन से माता जी के नेत्रदान करवाने का अनुरोध किया ।


दोनों बेटों ने पिता हरकचंद से सहमति मिलने के बाद, नेत्रदान के लिए सहमति दे दी, सहमति मिलते ही कोटा से शाइन इंडिया फाउंडेशन और ईबीएसआर बीबीसी चैप्टर कॉर्डिनेटर डॉ कुलवंत गौड़ टैक्सी करके कोटा से 115 km दूर नगर फोर्ट पहुंचे । घर के बाहर 300 से अधिक लोगों की भीड़ थी उन्हीं के बीच में डॉ गौड़ ने शकुंतला जी के पार्थिव शव से नेत्रदान प्राप्त किया ।


उपस्थित महिलाओं,बच्चों और पुरुषों ने देखा कि 10 मिनट में होने वाली नैत्रदान की प्रक्रिया में किसी तरह का कोई रक्त नहीं निकला,न ही चेहरे पर कोई विकृति आयी । प्रक्रिया को देखते ही कई महिलाओं ने नैत्रदान के कार्य को पुण्य कार्य बताते हुए नेत्रदान संकल्प पत्र भरने में सहमति दी ।


नेत्रदान प्रक्रिया के बाद डॉ कुलवंत गौड़ ने मुक्तिधाम पहुंचकर भी उपस्थित लोगों को नेत्रदान के बारे में छोटी से छोटी जानकारी उपलब्ध करायी ।


ज्ञात होगी पूर्व में भी इनके परिवार से दो देवलोकगामी के नेत्रदान हुए हैं,वर्ष 2022 में शकुंतला जी के भाई रतनलाल जैन का और वर्ष 2024 में जीजा जी उछब लाल जैन का नेत्रदान हुआ था ।


ज्ञात हो कि,2 वर्ष से 80 वर्ष तक कि उम्र की मृत्यु में 8 घंटो तक नैत्रदान संभव है,सर्दियों में 10 से 12 घंटे तक भी नैत्रदान संभव है, और यदि शव को डीपफ्रीज़ में रख दिया है,तो 24 घंटे तक भी नैत्रदान संभव है । नेत्रदान की टीम के आने तक नेत्रदाता की आँखों को पूरी तरह बंद करें उन पर गीला रुमाल रखें और यदि पंखा चल रहा हो तो बंद कर दें।  संभाग में किसी भी समय नैत्रदान सम्पन्न करवाने के लिये 8386900102,पर कॉल कर सकते हैं । 


दान में प्राप्त कॉर्निया को एम के मीडियम और कॉर्निसोल नामक द्रव्य में डाला जाता है, जिसमें यह कॉर्निया क्रमशः तीन दिन और 14 दिन सुरक्षित रहता है । कोटा से आई टीम कॉर्निया को जयपुर स्थित आई बैंक सोसायटी आफ राजस्थान में भेजती है जहां से इनका निशुल्क प्रत्यारोपण कॉर्निया की अंधता का दुख भोग रहे लोगों में किया जाता है ।


नेत्रदान के लिए कार्य करने वाली सामाजिक संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन विगत 12 वर्षों से पूरे हाड़ौती संभाग में नेत्रदान जागरुकता,नेत्र संकलन और कॉर्निया प्रत्यारोपण के लिए कार्य कर रही है । संस्था के सहयोग से 2200 आंखों का संकलन संभाग भर से प्राप्त किया है,जिनका निशुल्क प्रत्यारोपण 1500 से अधिक दृष्टिबाधित लोगों में किया गया है । 


संस्था के संस्थापक डॉ कुलवंत गौड़ को नैत्रदान के उत्कृष्ट कार्य के लिए नवंबर माह में लंदन के ब्रिटिश पार्लियामेंट में पुरस्कृत किया गया है,और अभी कल रविवार को ही देश के सबसे प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड के द्वारा भी नई दिल्ली में कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया में में सम्मानित किया गया है । इससे पूर्व भी कोटा में 26 जनवरी को जिला स्तरीय सम्मान समारोह, नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू द्धारा भी सम्मानित किया जा चुका है ।



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