मकर संक्रांति पर्व पर,देर रात भवानी मंडी में फिर संपन्न हुआ नेत्रदान
मकर संक्रांति दान और परोपकार का पर्व है एवं दृष्टि का दान सबसे बड़ा दान है, मृत्यु के बाद भी दो लोगों को रोशनी दी जा सकती है इस भावना के तहत भवानीमंडी में नेत्रदान के प्रति लोगों की जागरूकता लगातार बढ़ती जा रही है, इसी के चलते रविवार सुबह अशोक जायसवाल रूप में नगर से 104 वां नेत्रदान प्राप्त हुआ।
मारवाड़ी महिला सम्मेलन की अध्यक्ष मालती अग्रवाल ने शाइन इंडिया के ज्योति-मित्र कमलेश दलाल, नरेंद्र जैन को सूचना दी कि,भेंसोदामंडी निवासी आकाश एवं गौरव के पिताजी पूर्व पार्षद अशोक जायसवाल का हृदयाघात से निधन हुआ है,और भाई महेश, नवीन, गोपाल, मनमोहन, राजेंद्र एवं परिवार ने नेत्रदान का निर्णय लिया ।
भतीजे विशाल एवं हर्षुल जायसवाल के अनुसार रात्रि को 8 बजे चाचा अशोक जायसवाल को घर पर दिल का दौरा पड़ा एवं अस्पताल पहुंचने से पहले उन्होंने दम तोड़ दिया,अचानक हुए घटनाक्रम से पूरा परिवार स्तब्ध था, परंतु सबसे पहले परिवार ने उनके नेत्रदान का ही निर्णय लिया।
इस पर कृषि मंडी व्यापारी गोविंद गुप्ता के द्वारा सूचना देने पर शाइन इंडिया फाउंडेशन के उत्कर्ष मिश्रा एवं टीम ने कोटा से ज्योति-रथ द्वारा रात्रि को 3 बजे मृतक के घर भेंसोदामंडी पहुंचकर कोर्निया प्राप्त किया।
कड़ाके की सर्दी में भी देर रात्रि को संपन्न नेत्रदान के समय बड़ी संख्या में समाज सदस्य एवं परिवारजन उपस्थित थे।
शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ कुलवंत गौड़ एवं उत्कर्ष मिश्रा ने बताया कि अशोक जायसवाल का कॉर्निया अच्छा पाया गया है, जिसे आई बैंक जयपुर भिजवा दिया गया है जहां यह दो नेत्रहीनों को नई ज्योति प्रदान कर सकेगा।
वही मारवाड़ी महिला सम्मेलन की अध्यक्ष मालती अग्रवाल ने आगे और जानकारी देते हुए बताया कि उनका संगठन भी भवानीमंडी में नेत्रदान, अंगदान, और देहदान जागरूकता का कार्य कर रहा है। एवं इसके लिए लगातार जागरूकता कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है।
प्रेषक.
डॉ कुलवंत गौड़
8386900102
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