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19 जनवरी 2024

कोटा ज़िला कोंग्रेस सम्पत्ति न्यास के रविन्द्र त्यागी नए अध्यक्ष, नरेश विजयवर्गीय सचिव, जगदीश ठाडा उपाध्यक्ष बने,

 

कोटा ज़िला कोंग्रेस सम्पत्ति न्यास के रविन्द्र त्यागी नए अध्यक्ष, नरेश विजयवर्गीय सचिव, जगदीश ठाडा उपाध्यक्ष बने,
कॉमर्शियल रोड स्थित, बेशक़ीमती करोड़ों करोड़ रुपये की इस भूमि पर अब वातानुकूलित मीटिंग हॉल के साथ , रेस्ट हाउस भवन, आमदनी के लिये कॉमर्शियल निर्माण प्रबन्धन की उम्मीदें बढ़ीं,
कई सांसद , कई विधायक, मंत्री, महापौर, जिलाप्रमुख, मंत्री दर्जा पद दिलवाने का गवाह है , यह कोंग्रेस कार्यालय, यहां तू तू में में, तकरार के साथ टिकिट कटौती पर तोड़फोड़ का भी रहा है इतिहास,
कोटा 19 जनवरी, जिला कांग्रेस कोटा न्यास में ,, कोटा जिला कांग्रेस अध्यक्ष रविंद्र त्यागी नए अध्यक्ष बनाये गए है , ,इनके साथ अब नरेश विजयवर्गीय सचिव और जगदीश ठाडा उपाध्यक्ष होंगे ,, कोटा जिला कांग्रेस कमेटी के अलावा जिला कांग्रेस की सम्पत्ति के रख रखाव , प्रबंधन के लिए कोटा में संगठन के संविधान के अतिरिक्त न्यास गठन की अतिरिक्त व्यवस्था है , जो शायद पुरे देश भर की कांग्रेस में केवल कोटा में ही होगी ,, कोटा जिला कांग्रेस न्यास अध्यक्ष के पद पर इसके पहले ,, पूर्व मंत्री भरत सिंह अध्यक्ष थे , जबकि पंकज मेहता सचिव , नरेश विजय वर्गीय उपाध्यक्ष थे , पंकज मेहता के भाजपा में शामिल होने के बाद , कांग्रेस कार्यालय में न्यास पट्टिका, पदनाम के आगे पर्ची लगा दी गई थी , नई व्यवस्था के तहत , अब जिला कांग्रेस अध्यक्ष रविंद्र त्यागी ही ,, जिला कांग्रेस न्यास की व्यस्था भी संभालेंगे , जबकि जगदीश ठाडा उपाध्यक्ष ,,, नरेश विजय वर्गीय सचिव होंगे ,, डॉक्टर ज़फर ,, पंडित गोविन्द शर्मा , राकेश सोरल , मोडूलाल वर्मा , भानु प्रताप सिंह ,सहित जिला कांग्रेस न्यास में 11 सदस्य हैं ,, आपात काल के पहले ही कोटा में अखिल भारतीय कांग्रेस संगठन के होते हुए , व्यवस्थार्थ कोटा जिला कांग्रेस न्यास का गठन तात्कालिक अध्यक्ष रामेश्वर दयाल जी द्वारा किया गया था , ,कोटा में 1971 के लगभग नगर विकास न्यास का गठन हुआ था ,, और नाथूलाल जेन को कोटा का नगर विकास न्यास का चेयरमेन नियुक्त किया गया था , उक्त कार्यकाल में कोटा जिला कांग्रेस का कार्यालय रामपुरा स्थित एक सेवानिवृत्त थानेदार साहब के मकान में चलता था , नज़दीक ही दूकान में नगर विकास न्यास का कार्यालय स्थापित हुआ था , ,कांग्रेस कार्यालय किराए परिसर में छोटा पढ़ता था , इस कारण कांग्रेस के कार्यालय के लिए , ,नगर विकास न्यास के विधि नियमों के तहत , आवेदन करने के बाद ,गुमानपुरा क्षेत्र में वर्तमान स्थान पर नगर विकास न्यास ने , सो इंटू डेढ़ सो वर्ग फिट यानी पंद्रह हज़ार वर्ग फिट की ज़मीन आवंटित की जिसके 15000 रूपये जमा करवाकर कांग्रेस के भूखंड का क़ब्ज़ा लिया गया , इसके तुरंत बाद मौलाना अंसारुल हक़ के नगर अध्यक्ष कार्यकाल में , वर्तमान भाजपा कार्यालय मोहन टाकीज़ के पास कांग्रेस का कार्यालय स्थापित था , फिर रामपुरा से कार्यालय मदद राशि के साथ गुमानपुरा के आवंटित भूखंड पर बनाने के प्रयास शुरू हुए , ,कांग्रेस कार्यालय की जीप को बेचकर और कुछ लोगों से मदद लेकर , तात्कालिक वरिष्ठ कोंग्रेसी जुझार सिंह ,, रिखबचंद धारीवाल वगेरा ने उक्त कार्यालय के निर्माण की शुरुआत की , कोटा की बेशक़ीमती कॉलोनी से अडवा मेन रोड सबसे महंगे बाजार क्षेत्र में कांग्रेस कार्यालय की यह ज़मीन अब बेशक़ीमती हो गई है , शायद यही सोचकर बेहतर रख रखाव का उद्देश्य और भविष्य में इसे विकसित ,, निर्मित करने के लिए , स्वर्गीय रामेश्वर दयाल ने अपने अध्यक्ष कार्यकाल में इस भवन ,, भूमि का कांग्रेस संगठन से अलग थलग , कांग्रेस के अखिल भारतीय विधान के विपरीत एक जिला कांग्रेस न्यास का गठन किया , जिसका संचालन एक अध्यक्ष ,, सचिव उपाध्यक्ष सहित ग्यारह सदस्यों द्वारा किये जाने का प्रावधान रखा गया , ,कांग्रेस कार्यालय में , वर्तमान में सात दुकाने , एक सो बाई चालीस का प्लाट है जो किराए पर है , पहले इन् दुकानों में से एक दुकान में कोटा देहात का कार्यालय और अंदर हॉल में कोटा शहर कांग्रेस का कार्यालय संचालित था ,, , सो बाई चालीस के प्लाट का किराया इस फोश ,, कॉमर्शियल इलाक़े में , तीन हज़ार के लगभग है , जबकि कुछ दुकानों का किराया तीन हज़ार तो सात हज़ार तक है , इसकी आमदनी से , कांग्रेस कार्यालय का रखरखाव , व्यवस्थापक के वेतन का खर्च होता है , लेकिन यह बहुत कम है , कांग्रेस न्यास की इस भूमि और भवन के बहतर रख रखाव , मल्टी स्टोरी निर्माण , भूमि के सामने पढ़ी ज़मीन को स्ट्रिप ऑफ़ लेंड में आवंटन करवाने या फिर नया विस्तारित आवंटन करवाने के प्रयास पर भी ज़ोर दिया गया ,, क्योंकि कांग्रेस के ट्रस्टी रहते हुए , नज़दीक ही ,, एक भूमि के मालिक ने खुद उनकी निजी भूमि को अलग अलग हिस्सों में स्ट्रिप ऑफ़ लेंड और अन्य विधि नियमों के तहत , खुद के नाम आवंटित करवाकर यह रास्ता खोल रखा है , कांग्रेस कार्यालय से अडवा बहतरीन होटल है , सामने कॉमर्शियल बाज़ार है , ताज्जुब है के इस इलाक़े में इतने कम किराए पर इतना बढ़ा परिसर ,, दुकाने किस तरह से दी हुई है , इस पर कई लोग चर्चा भी करते हुए मिल जाते हैं , , लेकिन कांग्रेस में बैठे कई लोग अब सख्त है , वोह कांग्रेस कार्यालय का जीर्णोद्धार कर आधुनिक कांग्रेस कार्यालय बनवाने के पक्ष में हैं , कांग्रेस न्यास के पास अभी वर्तमान में दस से पंद्रह लाख के आसपास की जमा फिक्स डिपॉज़िट भी हैं , किराए की , और बैंक इंट्रेस्ट की आमदनी है , जिसके ऑडिट पर कांग्रेस के सदस्य चार्टर्ड एकाउंटेंट वगेरा द्वारा नहीं किये जाने से कांग्रेस न्यास को बेलेंस शीट आमद खर्च ऑडिट के लिए , लगभग आठ हज़ार रूपये प्रतिवर्ष का शुल्क अदा करना होता है , जबकि पेंतीस हज़ार रूपये प्रतिवर्ष के लगभग सरकार को टेक्स भी चुकता करना पढ़ता है , , जिला कांग्रेस न्यास कोटा शायद पहला ऐसा ट्रस्ट है , जो इतनी सी आमदनी के बावजूद भी , इतना टेक्स प्रतिवर्ष अदा करता है , ,खेर यह व्यवस्थाओं , रख रखाव की बातें है , योजनाओं की बातें है , लेकिन आपात काल के बाद ,जब ओरिजनल कांग्रेस और इंद्रा कांग्रेस का झगड़ा हुआ तब इस ट्रस्ट के ज़रिये यह कांग्रेस की सम्पत्ति रही , फिर इंद्रा कांग्रेस में सम्पूर्ण कांग्रेस समामेलित होने के बाद अब यह सम्पत्ति ,, जिला कांग्रेस न्यास की है , ना की अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की , अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संविधान के प्रावधान के तहत प्रदेश या फिर राष्ट्रिय कार्यकारिणी द्वारा इस सम्पत्ति के रखरखाव के लिए किसी तरह की कार्यकारिणी या ट्रस्ट नहीं गठित किया है , कोटा में अपने जिला स्तर पर ही , इसके रखरखाव की व्वयस्था की जाती रही है , ना ट्रस्ट का पंजीयन नंबर कहीं अंकित है , ना ट्रस्ट का पंजीयन , ना ट्रस्ट का विधान कहीं दिखाया गया है , क्योंकि इसकी किसी ने कभी डिमांड भी नहीं की और इसकी ज़रूरत भी नहीं समझी गई , ,जुझार सिंह ,, रिखबचंद धारीवाल ,, शांति धारीवाल , पृथ्वी सिंह पाली , पानाचंद गुप्ता ,, कृष्ण गोपाल यादव , पंकज मेहता ,, कुलदीप श्रीवास्तव ,, भरत सिंह और अब रविंद्र जी त्यागी के हाथों में इस जिला कांग्रेस न्यास की कमान है , ,कार्यकर्ताओं की ख्वाहिश है के सो बाई डेढ सो कुल पंद्रह हज़ार वर्ग फुट पर सभी किरायेदारों से खाली करवाकर , आगे पढ़ी ज़मीन को स्ट्रिप ऑफ़ लेंड में लेकर , अंदर ग्राउंड तो पार्किंग बने एक बढ़ा हॉल बनाया जाये , दूसरी मंज़िल पर , लक्ज़री कमरों के साथ रेस्ट हाउस का निर्माण हो , भवन के चारो तरफ दुकाने बनाई जाएँ जिनमे इन किरायेदारों को देने के बाद ,बाक़ी दुकानों को , कॉमर्शियल रेट पर , बढे हुए किराये पर दी जाए , ट्रस्ट को या तो भंग किया जाए या फिर ट्रस्ट के संविधान में समाजसेवा कार्य जोड़कर , इसे टेक्स से मुक्त करवाया जाए , इस ट्रस्ट के ऑडिट वगेरा के काम कांग्रेस के कार्यर्कताओं या विचारधाराओं से जुड़े समर्पित सी ऐ से करवाया जाए ताकि अनावश्यक आठ हज़ार रूपये साल का यह खर्च बचाया जा सके , लेकिन में खुद इस मामले में , राजीव गांधी के राष्ट्रिय अध्यक्ष कार्यकाल से , नरसिंम्हा राव , सोनिया गाँधी जी , राहुल गाँधी जी , खुद राष्ट्रिय महासचिव प्रभारी संगठन बनने पर , अशोक जी गहलोत को सुझावों के साथ कई पत्र लिख चूका हूँ , लेकिन कांग्रेस कार्यालय में अब नए अध्यक्ष के रूप में ,, जिला कांग्रेस अध्यक्ष रविंद्र त्यागी के मनोनीत होने के बाद , बहुत कुछ उम्मीदें जगी हैं वोह खुद नगर विकास न्यास के चेयरमेन रह चुके हैं , उनका नए निर्माण और प्रॉपर्टी कॉमर्शियल प्रबंधन का अपना अनुभव है ,, जगदीश ठाडा वरिष्ठ वकील है , किरायेदारों की विधिक व्यवस्था के बारे में वोह जानकार है , विधिक कार्यवाही में पारंगत हैं , कोटा ज़िले के पूर्व विधायक , पूर्व सांसद ,, वगेरा अगर दो दो महीने की अपनी पेंशन भी कांग्रेस कार्यालय को दें तो बहुत कुछ कांग्रेस कार्यालय के भविष्य के निर्माण के लिए मिल सकता है , , , और गुजरात में अहमदाबद में जो प्रदेश कांग्रेस कार्यालय बना है उससे भी बहतर कोटा का कॉमर्शियल कमाई वाला , खुद के नियमित प्रबंधन और महमानवाज़ी के खर्चे को वहन करने वाला कोटा जिला कांग्रेस कार्यालय बनाया जा सकता है , ,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

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