बेटे बहू ने पूरी की माँ की अंतिम इच्छा
विनोबा
भावे नगर निवासी कौशल्या मलिक का आज सुबह उनके निवास स्थान पर आकस्मिक
निधन हुआ था । धार्मिक और सेवाभावी कौशल्या प्रतिदिन समाचार पत्रों में
नैत्रदान की खबरों को पढ़कर जानकारी लेती रहती थी ।
वह
जानती थी कि अंत समय में नेत्रदान का कार्य संभवतया मोक्ष की ओर ले जाता
है । इसी भावना से प्रेरित होकर, वह समय-समय पर अपने चार बेटों कमल
किशोर,अजय,संजय राकेश और बहू बीना,मधु,अंजू,ममता को कहती रहती थी कि, जब भी
मेरा अंत समय आता है तो, नेत्रदान का कार्य जरूर संपन्न करवाना ।
आज
सुबह जैसे ही कौशल्या जी की मृत्यु हुई तो बहू मधु ने तुरंत ही सासु माँ
के नैत्रदान करवाने के लिए शाइन इंडिया फाउंडेशन को संपर्क किया । थोड़ी
देर बाद टेक्नीशियन के साथ टीम के सदस्यों ने नेत्रदान प्राप्त किया । इस
दौरान कौशल्या के नाती शशांक, पोते उत्कर्ष,अमन,क्षितिज,अपूर्व,आस् था, चारू, नेहा,सिम्मी सभी बच्चों नैत्रदान की प्रक्रिया को देखा ।
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