राजकीय
उच्च माध्यमिक विद्यालय केशवपुरा में राजकीय वाणिज्य महाविद्यालय, कोटा के
राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर के अवसर पर शाइन इण्डिया
फाउण्डेशन के संस्थापक डॉ कुलवंत गौड़ द्धारा ‘त्वचादान महादान’ विषय पर
विद्यालय,महाविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों को विशेष जानकारी दी।
डॉ
गौड़ ने बताया कि, जिस तरह से मृत्यु के बाद 6 घंटे तक आंखें सुरक्षित रहती
है, इस तरह से त्वचा का दान भी मृत्यु के बाद 6 से 8 घंटे में किया जा
सकता है । त्वचादान की प्रक्रिया घर पर ही की जा सकती है,इस प्रक्रिया में
35 से 45 मिनट का समय लगता है,यह एक रक्त विहिन प्रक्रिया है ।
संस्था
के द्वारा नव वर्ष में त्वचा दान का कार्यक्रम संभाग स्तर पर प्रारंभ किया
जाएगा इसके लिए राज्य सरकार या केंद्र सरकार से सहमति मिलने का कार्य जारी
है । जल्दी ही कहीं एक से सहमति मिल सकती है ।
नेत्रदान
के विषय में भी डॉ गौड़,सहयोगी साथी उत्कर्ष मिश्रा और निहाल कपूर ने
विस्तार से जानकारी दी। बच्चों और शिक्षकों को नेत्रदान से जुड़ी
भ्रांतियां के बारे में भी बताया गया । कार्यशाला के उपरांत स्वयंसेवकों के
साथ बातचीत कर प्रश्नोत्तरी के माध्यम से उन्हें नेत्रदान हेतु प्रेरित
किया और मुझे जवाब देने वालों को साइन मेडल द्वारा पुरस्कृत भी किया गया ।
स्वयंसेवक
निहाल कपूर एवं उनके परिवार जन कार्यक्रम में उपस्थित थे, निहाल के बडे
भाई के दुर्घटना में आकस्मिक निधन के पश्चात् उनके पिता ने देहदान की मुहिम
से जुडने का संकल्प लिया। निहाल स्वयं इस मुहिम को आगे बढाने में संस्था
के साथ काम कर रहे हैं ।
ज्ञात
हो की,शाइन इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से हाड़ौती संभाग के शहर,गाँव, कस्बों
से 1000 से ज्यादा लोगों के नैत्रदान हुये है,इनके माध्यम से न्यूनतम 1700
कोर्निया की अंधता के मरीजों की आंखों से अंधेरा हमेशा के लिए दूर हुआ है ।
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