माननीय मुख्य चुनाव आयुक्त महोदय
भारत सरकार नई दिल्ली
विषय ,, राजस्थान विधानसभा चुनाव में , प्रचार के दौरान , अलवर ज़िले की तिजारा विधानसभा क्षेत्र में उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान उनकी एवं प्रत्याक्षी की उपस्थिति में , पूर्व भाजपा प्रत्याक्षी संदीप दायमा ने जो आपत्तिजनक भड़काऊ बयान दिए हैं , उस मामले में संज्ञान लेकर , उनके विरुद्ध मुक़दमा दर्ज करवाकर , उन्हें गिरफ्तार करवाने , मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र दिलवाने और प्रत्याक्षी बाबा बालकनाथ को चुनाव के लिए निर्योग्य घोषित कर उनकी उम्मीदवारी निरस्त करने के क्रम में
मान्यवर ,
देश भर में संवैधानिक दायरे में , बिना किसी धर्म ,को अपमानित किये ,धार्मिक स्थलों के विरुद्ध टिप्पणी किये , सिर्फ अपने बहतर काम के आधार पर वोट मांग कर ,चुनाव प्रचार का क़ानून है , और लोक प्रतिन्धित्व अधिनियम ,संवैधानिक प्रावधानो का उलंग्घन , देश में प्रचलित क़ानून का उलंग्घन करके , धार्मिक आधार पर, धर्म स्थलों की आस्थाओं को , आहत करके , अपमानित करके , चुनाव प्रचार पर रोक यही , राजस्थान की अलवर ज़िले में तिजारा विधानसभा में चुनाव प्रचार के लिए भाजपा की सभा थी , जिसमे , आदरणीय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी , प्रत्याक्षी बाबा बालकनाथ जी , और पूर्व भाजपा प्रत्याक्षी रहे , संदीप दायमा सहित , कई पदाधिकारी नेता शामिल थे , , उनके बयान , अलवर के चुनाव अधिकारी ,, पुलिस ने , विडिओग्राफ़ी की हुई है , पुलिस की मौजूदगी में ,, अपने जिस तरह के भाषण उन्होंने दिए , वोह निश्चित तोर पर , लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम , चुनाव आचार संहिता की मर्यादाओं , विधि नियमों के विपरीत हैं , ,आदरणीय अपने भाषण में इन सभी की मौजूदगी में ,अलग अलग प्रवक्ताओं ने विधि विरुद्ध , धर्मों की वेमन्सयता के भाषण सहित धार्मिक स्थलों , जैसे गुरुद्वारे ,, मस्जिदों को नासूर बताकर ,इन्हे खत्म करने के लिए वोट की अपील की गई है ,
आदरणीय यूँ तो इस मामले में , स्वप्रेरित संज्ञान लेकर , अलवर जिला निर्वाचन अधिकारी , राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ,आप द्वारा नियुक्त निष्पक्ष पर्वेक्षक , पुलिस अध्यक्ष सभी की ड्यूटी थी , के हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के अनुसार मुक़दमा दर्ज कर तुरंत गिरफ्तारी की जाती , लेकिन ऐसा नहीं हुआ , फिर ऐसे कथन बयांन बाज़ी करने , मंच सांझा करने के मामले में मूकदर्शक बने सभी लोग , तालियां बजाकर , ऐसी बयानबाज़ी को प्रोत्साहित करने वाले , चाहे वोह प्रत्याक्षी बाबा बालकनाथ हों , चाहे मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी जी आदित्यनाथ हों , चाहे और दूसरे लोग हों , सभी बराबर के हिस्से दार हैं , और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार ऐसे प्रचार का हिस्सा बनने वाले बराबर के अपराधी होते हैं , ऐसे लोगों को , संवैधानिक पद जिसकी शपथ लेकर वोह विधि नियम से चलने , निष्पक्ष व्यवस्था का वचन देते हैं , उन्हें पद मुक्त ,करने उनसे इस्तीफा लेने , उन्हें बर्खास्त करने का प्रावधान है , पूर्व में पूर्व चुनाव आयुक्त टी ऍन शेषन के कार्यकाल में , ऐसे उदाहरण हैं ,
आदरणीय अवधेश पारीक जो पत्रकार हैं , उन्हें ट्विटर एकाउंट पर यह विडिओ अपलोड भी हुआ है , जिसका स्क्रीन शॉट में भेज रहा हूँ , क्योंकि , इसकी रिकॉर्डिंग पूरी , जिला निर्वाचन अधिकारी के नियंत्रण में है , इस मामले में , अभी तक कोई भी कार्यवाही स्वप्रेरित हुई या नहीं , मिडिया से पता नहीं चला है , जो दुखद है , और निष्पक्ष चुनाव के वातावरण के लिए घातक है , ऐसे लोगों को भविष्य में फिर अपराध करने की छूट देने के समान है , इसलिए इस विडिओ को , इस सभा में सभी के बयानों को , देखकर, सभी के खिलाफ मुक़दमा दर्ज करवा कर , नियमानुसार इनसे इस कृत्य के लिए इनके पदों से इस्तीफा लें फौजदारी मुक़दमा दर्ज करवाए , गिरफ्तार करवाए , और भविष्य के चुनाव प्रचार के लिए इन्हे प्रतिबंधित करे , इन्हे सज़ा दिलवाये साथ ही , प्रत्याक्षी के समर्थन में ऐसे वैमनस्य प्रचार होने पर भी उनकी चुप्पी होने , मूक समर्थन होने के कारण उनका नामांकन भी निरस्त फ़रमाकर , उनकी उम्मीदवारी निरस्त कर उन्हें चुनाव के लिए निर्योग्य घोषित किया जाएँ ,,
भवदीय
अख्तर खान अकेला
महासचिव
ह्यूमन रिलीफ सोसायटी ,
2 थ 15 विज्ञाननगर कोटा 5
मोबाइल
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
02 नवंबर 2023
राजस्थान विधानसभा चुनाव में , प्रचार के दौरान , अलवर ज़िले की तिजारा विधानसभा क्षेत्र में उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान उनकी एवं प्रत्याक्षी की उपस्थिति में , पूर्व भाजपा प्रत्याक्षी संदीप दायमा ने जो आपत्तिजनक भड़काऊ बयान दिए हैं , उस मामले में संज्ञान लेकर , उनके विरुद्ध मुक़दमा दर्ज करवाकर , उन्हें गिरफ्तार करवाने , मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र दिलवाने और प्रत्याक्षी बाबा बालकनाथ को चुनाव के लिए निर्योग्य घोषित कर उनकी उम्मीदवारी निरस्त करने के क्रम में
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