ख़ुदा ने फरमाया कि यही राह सीधी है कि मुझ तक (पहुँचती) है (41)
जो मेरे मुख़लिस (ख़ास बन्दे) बन्दे हैं उन पर तुझसे किसी तरह की हुकूमत न
होगी मगर हाँ गुमराहों में से जो तेरी पैरवी करे (उस पर तेरा वार चल
जाएगा) (42)
और हाँ ये भी याद रहे कि उन सब के वास्ते (आखि़री) वायदा बस जहन्नम है जिसके सात दरवाजे़ होगे (43)
हर (दरवाज़े में जाने) के लिए उन गुमराहों की अलग अलग टोलियाँ होगीं (44)
और परहेज़गार तो बेहष्त के बाग़ों और चाश्मों मे यक़ीनन होंगे (45)
(दाखि़ले के वक़्त फरिश्ते कहेगें कि) उनमें सलामती इत्मिनान से चले चलो (46)
और (दुनिया की तकलीफों से) जो कुछ उनके दिल में रंज था उसको भी हम निकाल
देगें और ये बाहम एक दूसरे के आमने सामने तख़्तों पर इस तरह बैठे होगें
जैसे भाई भाई (47)
उनको बहिश्त में तकलीफ छुएगी भी तो नहीं और न कभी उसमें से निकाले जाएँगें (48)
(ऐ रसूल) मेरे बन्दों को आगाह करो कि बेशक मै बड़ा बख़्शने वाला मेहरबान हूँ (49)
मगर साथ ही इसके (ये भी याद रहे कि) बेशक मेरा अज़ाब भी बड़ा दर्दनाक अज़ाब है (50)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
03 नवंबर 2023
ख़ुदा ने फरमाया कि यही राह सीधी है कि मुझ तक (पहुँचती) है
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