माँ सिर्फ दुआओं का नाम है , जो लोग अपनी माओ के मुखालिफ होकर , उनके खिलाफ सोचते हैं , उनके लिए भी माँ सिर्फ दुआओं का पिटारा होती है , मोहब्बत होती है , हिदायत होती है , मार्गदर्शक होती है , हमदर्द होती है , बच्चों के ऊपर आने वाली , हर मुसीबत खुद अपने ऊपर झेलने वाली होती है , यह में कोई नई बात नहीं कह रहा हूँ , हर शख्स इस सच को जानता है , कहता भी है के माँ के पैरों के नीचे जन्नत होती है , लेकिन माओं से हमारा सुलूक क्या है ,केसा है , खुद ही आत्मचिंतन करने वाला हो सकता है , माँ होती है ,तो होती ही है , लेकिन अल्लाह ना करे , जब माँ नहीं होती ,तब भी माँ बच्चों के ही साथ होती है , एक हौसला होती है , हिम्मत होती है , एक खुशनुमा मुस्तक़बिल , माँ सिर्फ माँ होती है , में झाड़ियों में ,नालों में बच्चों को मरने के लिए छोड़ कर जाने वाले क्रूर राक्षस माओं के लिए यह सब नहीं लिख रहा हूँ , लेकिन जिस माँ ने पूरा गर्भ में रखा , जन्म दिया , पाला पोसा , बढ़ा किया , रातों की नींद हराम की , उन माओं को मेरा सलाम सेल्यूट , इस मामले में एक वाक़िया कमोबेश मेरे साथ हुआ ,, हाल ही में अचानक मेरे सीने में तेज़ दर्द उठा , यूँ तो दो तीन महीने से लगातार रुक रुक कर दर्द था ,लेकिन जब असहनीय दर्द हुआ , तो फिर बच्चों ,, माँ , बीवी और भाई रिश्तेदार वगेरा का दबाव बना , डॉक्टर से पूरा चेकअप ज़रूरी है , एक मित्र डॉक्टर ने , इसे मसल्स पेन बताया , तस्सली हुई , लेकिन माँ दुआएं करती रहीं , और हर हाल में पीछा करके , डॉक्टर को दिखाने के लिए मजबूर किया , ज़ाहिर है , माँ ने डॉक्टर्स की जांच रिपोर्ट आने तक , दुआए , दुआएं बेशुमार दुआएं की होंगी , हर अला बला ,से हम महफूज़ रहें यह दुआएं भी की होंगी , और यक़ीनन जिंतना में मेरी माँ को जानता हूँ , उन्होंने अल्लाह से यह भी दुआ की होगी के कोई आफत , अगर मेरे बेटे पर आने वाली हो , तो वोह आफत मेरे ऊपर ले आना, , मेरे बेटे को माफ़ कर देना , खेर , अल्लाह के भेद अल्लाह जानता है , माँ और अल्लाह के बीच की दुआएं अल्लाह ही जानता है , में बेटे के साथ डॉक्टर के पास गया , खून ,पेशाब , जांच ईको , टी एम टी सहित जो भी जांचे ज़रूरी थीं सब हुईं , और अल्लाह का शुक्र रहा , के ब्लड प्रेशर ज़्यादा होने के अलावा मेरे जिस्म में कोई बढ़ी खराबी ना आई ,, माँ ने दुआएं दी ,, खुश हुईं , सर पर हाथ रखा , हमें खुशियों में शामिल होने बाहर जाना था , माँ की दुआओं के साथ चले गए, , लेकिन शायद दुआएं तो माँ की दूसरी रही होंगी , बेटे की बला अपने सर मांग ली होगी , तो बस , माँ वाकर से चलते वक़्त बेलेंस बिगड़ने से गिरी और उनके कूल्हे के पास की हड्डी टूट गई , छोटे भाई ने तुरंत अस्पताल पहुंचाया , हम पहुंचे , दुआयें की ,, इलाज हुआ , अल्लाह का शुक्र है , आपकी दुआओं से वोह , अब ठीक है , बेड रेस्ट पर हैं , तकलीफ में तो हैं , लेकिन फिर भी ,तंदरुस्ती की तरफ हैं , दुआएं कीजिये , अल्लाह उन्हें सलामत रखे , जल्द शिफा अता फरमाए , फिर से चलता फिरता करे , ,लेकिन यह हादसा ,, हादसा हो सकता है , मेरे लिए तो सिर्फ एक सबक़ है , माँ की दुआओं का अहसास है , के मेरी अला बला माँ ने मुझे तंदरुस्ती दिलवाकर खुदने अपने सर ले ली , अल्लाह माँ को सलामत रखे , जिनके माँ है , वोह क़ीमती धरोहर है , उसे सभी संभाल कर रखे , दुआओं का खज़ाना है , माँ की नाराज़गी , समझाइश , मार्गदर्शन , खाने के लिए ज़बरदस्ती ज़िद , यह खाले वोह खाले ,, यह पहन , ले वोह पहन ले , दुबला बहुत हो गया है , कुछ खाया पिया कर वगेरा वगेरा , मनुहार है , प्यार है , ज़िम्मेदारी है , अहसास है , तुम उसे झिड़को मत , झगड़ों मत , अदब करो , दुआएं लो , जिनकी माँ जन्नतुल फिरदोस में आराम फरमा है, उनके लिए भी माँ एक अहसास है , एक हिम्मत है एक ताक़त है , जिनके पास माँ नहीं है , वोह उसे याद करके रोते हैं और जिन्हे अल्लाह ने , माँ की हिफाज़त में खुशियों के साथ हिफाज़त में रखा है , उन्हें माँ का दर्द ही नहीं , माँ का उन्हें अहसास ही नहीं , माँ की उन्हें क़द्र ही नहीं , अल्लाह सभी की माँ को अपनी हिफाज़त में रखे और बेटों को , उनके खिदमतगार बनाये रखे , लेकिन जो लोग अपनी माँ के होने के बाद भी , उसकी क़द्र नहीं करते उनके लिए हिदायत है , वोह ज़रा समझे सोचें , उसकी क़द्र करें , फिर मत कहना पहले समझाया नहीं था ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
25 नवंबर 2023
माँ सिर्फ दुआओं का नाम है , जो लोग अपनी माओ के मुखालिफ होकर , उनके खिलाफ सोचते हैं , उनके लिए भी माँ सिर्फ दुआओं का पिटारा होती है , मोहब्बत होती है , हिदायत होती है , मार्गदर्शक होती है
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