युवा पुत्र की मृत्यु,पिता ने 1 घंटे में कराया नेत्रदान
2. देवलोक गमन होते ही अब संपन्न हो रहे हैं नेत्रदान
देश में दीपोत्सव का पर्व मनाया जा रहा है, सभी का प्रयास यह रहता है कि किसी तरह से अमावस की रात का घना अंधियारा खत्म हो और हर जगह रोशनी हो । परंतु कई बार,ऐसी खुशी भरे माहौल में भी परिवारों पर घोर दुख आ जाता है ।
जो परिजन नेत्रदान के कार्य की महिमा को समझते हैं, वह असमय आये घोर दुख को कम करने के लिए तुरंत ही देवलोकगामी का नेत्रदान का कार्य संपन्न करवाते हैं ।
बीते दिनों कैथून निवासी स्व० श्री अशोक कुमार सुरलाया की धर्मपत्नी श्रीमती राजकुमारी जैन के असामयिक देवलोकगमन के पश्चात, बेटे तरुण व वरुण जैन ने तुंरत ही माताजी के नेत्रदान करवाने के लिये शाइन इंडिया को सम्पर्क किया । काफी समय पहले अशोक जी का भी नेत्रदान संस्था के माध्यम से संपन्न हुआ था ।
इसी तरह शनिवार को रात कोटा, गायत्री विहार, बजरंग नगर निवासी प्रेमनाथ कौशल के इकलौते बेटे अमित के अचानक
बात करते करते ही हृदयाघात होने से आकस्मिक निधन हो गया, गहन दुख होने के बाद भी पिता प्रेमनाथ ने तुरंत ही नेत्रदान करवाने के लिए ज्योति मित्र साइमन तंवर को संपर्क किया, इसके उपरांत शाइन इंडिया फाउंडेशन के माध्यम से,दुख भरे माहौल में नेत्रदान का कार्य संपन्न हुआ।
संस्था के सदस्यों ने कहा कि, दुख के घोर समय में परिजनों द्धारा, देवलोकगामी के नैत्रदान करवाने का निर्णय अत्यंत सराहनीय हैं ।
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