ऐ रसूल जो कै़दी तुम्हारे कब्जे़ में है उनसे कह दो कि अगर तुम्हारे दिलों
में नेकी देखेगा तो जो (माल) तुम से छीन लिया गया है उससे कहीं बेहतर
तुम्हें अता फरमाएगा और तुम्हें बख़्श भी देगा और ख़ुदा तो बड़ा बख़्शने
वाला मेहरबान है (70)
और अगर ये लोग तुमसे फरेब करना चाहते है तो ख़़ुदा से पहले ही फरेब कर
चुके हैं तो (उसकी सज़ा में) ख़़ुदा ने उन पर तुम्हें क़ाबू दे दिया और
ख़़ुदा तो बड़ा वाकि़फकार हिकमत वाला है (71)
जिन लोगों ने ईमान क़़ुबूल किया और हिजरत की और अपने अपने जान माल से
ख़ुदा की राह में जिहाद किया और जिन लोगों ने (हिजरत करने वालों को जगह दी
और हर (तरह) उनकी ख़बर गीरी (मदद) की यही लोग एक दूसरे के (बाहम) सरपरस्त
दोस्त हैं और जिन लेागों ने ईमान क़ुबूल किया और हिजरत नहीं की तो तुम
लोगों को उनकी सरपरस्ती से कुछ सरोकार नहीं-यहाँ तक कि वह हिजरत एख़्तियार
करें और (हा) मगर दीनी अम्र में तुम से मदद के ख़्वाहा हो तो तुम पर (उनकी
मदद करना लाजि़म व वाजिब है मगर उन लोगों के मुक़ाबले में (नहीं) जिनमें और
तुममें बाहम (सुलह का) एहदो पैमान है और जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा (सबको)
देख रहा है (72)
और जो लोग काफि़र हैं वह भी (बाहम) एक दूसरे के सरपरस्त हैं अगर तुम (इस
तरह) वायदा न करोगे तो रूए ज़मीन पर फि़तना (फ़साद) बरपा हो जाएगा और बड़ा
फ़साद होगा (73)
और जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और हिजरत की और ख़़ुदा की राह में लड़े
भिड़े और जिन लोगों ने (ऐसे नाज़ुक वक़्त में मुहाजिरीन को जगह ही और उनकी
हर तरह ख़बरगीरी (मदद) की यही लोग सच्चे ईमानदार हैं उन्हीं के वास्ते
मग़फिरत और इज़्ज़त व आबरु वाली रोज़ी है (74)
और जिन लोगों ने (सुलह हुदैबिया के) बाद ईमान क़ुबूल किया और हिजरत की और
तुम्हारे साथ मिलकर जिहाद किया वह लोग भी तुम्हीं में से हैं और साहबाने
क़राबत ख़़ुदा की किताब में बाहम एक दूसरे के (बनिस्बत औरों के) ज़्यादा
हक़दार हैं बेशक ख़़ुदा हर चीज़ से ख़ूब वाकि़फ हैं (75)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
09 सितंबर 2023
ऐ रसूल जो कै़दी तुम्हारे कब्जे़ में है उनसे कह दो कि अगर तुम्हारे दिलों में नेकी देखेगा तो जो (माल) तुम से छीन लिया गया है उससे कहीं बेहतर तुम्हें अता फरमाएगा और तुम्हें बख़्श भी देगा और ख़ुदा तो बड़ा बख़्शने वाला मेहरबान है
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)