जंगल का सफाया करने वाले लोग जंगल ,, को बचाने की बात करें , तो अजीब सा तो लगता ही है , ,लेकिन अब बात घड़ियाल सेंचुरी की आ गयी है , आप देखिये , केंद्र सरकार , केंद्र के वन विभाग , संबंधित लोग , कितने लेट लतीफ हैं , , उन्हें ,चार सालों से चंबल तट पर , चल रहा चंबल रिवर फ्रटं का काम काज दिखा ही नहीं , चलो नहीं दिखा तो , चंबल रिवर फ्रंट रिवर की खबरें ,, अख़बारों में खूब छपीं , भाजपा के सांसद लोकसभा अध्यक्ष कोटा से ही हैं , उनका कोटा में ही कार्यालय है , जबकि पास में ही , पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया के सुपुत्र झालावाड़ से सांसद हैं , फिर भी , इन्होने , चंबल रिवर फ्रंट का खुले आम , चल रहा काम नहीं देखा , ना विधानसभा में आवाज़ उठाई , ना ही , लोकसभा में आवाज़ उठाई , जब चंबल रिवर फ्रंट बन गया , तो फिर, उद्घाटन के वक़्त , एक दिन पहले , चंबल रिवर फ्रटं की वैधता , और अवैधता की याद आई , बात क़ानूनी है , गलत है , तो गलत है , लेकिन , इतने दिनों से कहाँ सो रहे थे , विरोध करने वाले लोग , खेर , किसी के बहकावे में आकर ,या फिर विरोध करने के लिए अगर विरोध कर भी लिया , तो कम से कम , घड़ियाल सेंचुरी , का नोटिफिकेशन तो पढ़ लेते , देख लेते , इसमें , जवाहर सागर से लेकर, कोटा बैराज तक , का इलाक़ा , फिर , केशव राय पाटन से , पाली तक का इलाक़ा , और दूसरे इलाक़े हैं , ऐसे में कोटा बैराज से , लेकर, जहां तक , यह चंबल रिवर फ्रटं बना है , इसका तो कोई ज़िक्र इस नोटिफिकेशन में ही ही नहीं , चलो , नोटिफिकेशन को तो हम गलत तरीके से पढ़ लेते हैं , लेकिन , सीमांकन के फिलर , के रूप में , खसरा नंबर , वगेरा भी क्लियर हैं , वोह लग से है , उन्हें ही पढ़ लीजियेगा , ,ऐसे में बात साफ़ है , के चंबल रिवर फ्रटं , का कोई भी इलाक़ा प्रतिन्धित हरगिज़ हरगिज़ नहीं है , सिर्फ अफवाहें फैलाकर, कोटा के विकास , पर्यटन , सोंदर्यकरण , से दुश्मनी , कोटा के हक़ के खिलाफ एक लड़ाई है , कोटा से दुश्मनी निकालने की कार्यवाही हैं , कोटा के आर्थिक विकास , की जो भविष्य की लॉटरी है , उसे रोकने की साज़िश के अलावा कुछ नहीं , खेर गलतियां सबसे होती हैं , गलती हुई है , तो माफ़ी भी मांगिये , कोटा की जनता माफ़ भी कर देगी , और समर्थन कीजिये , कोटा के विकास को , कोटा के सोंदर्यकरण को , कोटा की जनता के लिए भविष्य के पर्यटन रोज़गार के लिए , निर्माण स्थाई रहते हैः , चाहे सरकारें आती रहें , जाती रहें , इसलिए , शहर के निर्माण से कोई रंजिश ,, कोई दुश्मनी नहीं होना चाहिए , अड़ंगेबाजी नहीं हुआ चाहिए , बस यह नोटिफिकेशन ज़रूर देख लीजियेगा , ,, प्लीज़ , प्लीज़ ,विनम्र निवेदन है , कोटा के हक़ की बात करें , कोटा के विकास के बारे में सोचें , अगर शान्ति कुमार धारीवाल ने , ,कोटा के लोगों को पर्यटन नगरी का एक सपना दिखाया , उसे साकार करने के लिए अगर उन्होंने , एक चंबल रिवर फ्रटं , ओक्सिजोंन बनवाकर , पर्यावरण ,, पक्षी संरक्षण की शुरुआत की है , तो उन्हें शाबाशी दीजिये , प्लीज़ राजनितिक दुश्मनी , के लिए , पार्टियों की सियासत के लिए , कोटा से ,, कोटा के विकास , कोटा के सौदंर्यकरण से दुश्मनी ना कीजिये , अगर कुछ , उन्नीस बीस , भूल चूक भी हुई है , तो नज़र अंदाज़ कीजिये , समर्थन कीजिये , केंद्र सरकार में बैठे लोगों की अगर कोटा के विकास सोंदर्यकरण के खिलाफ कोई शरारत भी होती है , तो उसे तुम मिलकर रोकिये , कोटा का विकास , कोटा का सम्मान , स्वाभिमान , ,कोटा का रोज़गार , आर्थिक व्यवस्था में सुधार के लिए आप सभी को , अपनी गलतियां सुधार कर यह सब करना ही चाहिए , , खुद अपने आप से पूँछियेगा , और ऐसे लोग जो भी हैं , जो कोटा के विकास की ,, कोटा के सौदर्यकरण की आलोचना , सिर्फ आलोचना , व्यक्ति विशेष , शानती कुमार धारीवाल की वाहवाही से चिढ कर , नाराज़ होकर कर रहे हैं , तो प्लीज़ ,सोचिये , बात व्यक्ति की नहीं , बात , कोटा के सम्मान और स्वाभिमान की है , जिसने इसको संरक्षण दिया है , विकास और सोंदर्यकरण की उड़ान दी है ,, उसकी पीठ नहीं थपथपा ,सकते , उसे शाबाशी नहीं दे सकते , तो प्लीज़ , चुप तो रहिए , अड़ंगे जो भी फालतू के आएं , बढ़ाओ मत , उन्हें दूर करने के लिए , हर सम्भव मदद तो कीजिये , प्लीज़ , अख्तर खान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
12 सितंबर 2023
जंगल का सफाया करने वाले लोग जंगल ,, को बचाने की बात करें , तो अजीब सा तो लगता ही है , ,लेकिन अब बात घड़ियाल सेंचुरी की आ गयी है , आप देखिये , केंद्र सरकार , केंद्र के वन विभाग , संबंधित लोग , कितने लेट लतीफ हैं
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