विद्यार्थियों से घर-घर पहुँचा नेत्रदान का संदेश
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वें राष्ट्रीय नेत्रदान जागरुकता पखवाड़ा कार्यक्रम के अंतर्गत मंडाना
स्थित महात्मा गांधी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम) में
शाइन इंडिया फाउंडेशन व ईबीएसआर-कोटा चेप्टर के तत्वाधान में विद्यार्थियों
औऱ स्टाफ़ के लिये नेत्रदान और अंगदान विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया
गया।
प्राचार्य श्री राजीव
मिश्रा ने बताया कि शाइन इंडिया फाउंडेशन के निदेशक डा. कुलवंत गौड़ और
उनकी सहयोगी सुश्री अक्षिता गुप्ता ने छात्र/छात्राओं समेत विद्यालय स्टाफ
को नेत्रदान और अंगदान के महान कृत्य को दैनिक जीवन के सहज उदाहरणों से
जोड़कर स्पष्ट किया। उन्होंने साझा किया कि,मरणोपरांत देह जो मिट्टी समान
हो जाती है,उसे मानवता के निमित्त कल्याण में लगाने का पुनीत कार्य होता है
- नेत्रदान और अंगदान। किंतु कुछ पारंपरिक भ्रांतियों और भावनात्मक
संबंधों के चलते हम इस कल्याणकारी कदम को उठाने में हिचकिचाते हैं।
कार्यशाला
में और अधिक जानकारी देते हुए दंत चिकित्सक और संस्था की ज्योति मित्र
अक्षी गुप्ता ने बताया कि,नेत्रदान मृत्यु के बाद 6 से 8 घंटे के भीतर,10
मिनट में पूरी होने वाली रक्त विहीन प्रक्रिया है,इस प्रक्रिया में आँख के
ठीक सामने दिखाई देने वाला पारदर्शी हिस्सा जिसे पुतली या कॉर्निया कहा
जाता है, उसे ही मृतक की आँखों से लिया जाता है,लोगों को ऐसी भ्रांति है
कि,नेत्रदान में पूरी आँख ली जाती है जो कि गलत है,इसमें किसी भी तरह की
विकृति चेहरे पर नहीं आती है । कॉर्निया की अंधता को किस तरह पहचाना जाता
है,और इसके निवारण पर भी डॉ अक्षी गुप्ता ने विस्तार से जानकारी दी । अंत
में सवाल जवाब के माध्यम से बच्चों को शाइन मेडल से पुरस्कृत किया गया ।
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