होली पर पत्नी का नेत्रदान मुक्तिधाम में कराया था, अब स्वयं भी कर गए नेत्रदान
2. पत्नी के बाद एक्यूप्रेशर चिकित्सक का भी सम्पन्न हुआ नेत्रदान
इसी
वर्ष मार्च माह में पहले महावीर नगर निवासी, आईटीआई कोटा से सेवानिवृत्त
श्री राजेंद्र कुमार शर्मा की पत्नी गायत्री का धुलंडी वाले दिन ही आकस्मिक
निधन हुआ था,त्यौहार होने के बावजूद भी मुक्तिधाम के सैकड़ों लोगों के बीच
में गायत्री जी का अंतिम संस्कार होना था, अंतिम संस्कार की सारी
तैयारियां पूरी हो गई थी,मुक्तिधाम में संस्था के ज्योति मित्र अजीत जी ने
कहा कि, हमें चाची जी का नेत्रदान करवाना चाहिये,गायत्री का पार्थिव शव
लकड़ियों का रखा जा चुका था,दाग लगाने के लिए अग्नि प्रज्वलित हो चुकी थी,
ऐसी स्थिति में भी राजेंद्र जी को लगा कि यह पुण्य कार्य है, चाहे अंतिम
संस्कार में और समय लग जाये,पर गायत्री का नेत्रदान तो होना ही चाहिए,
उन्होंने तुरंत ही सहमति दी और संस्था के सदस्य तुरंत ही मुक्तिधाम आ गए
आधे घंटे में मुक्तिधाम पर ही नेत्रदान की सारी प्रक्रिया हो गई ।
मुक्तिधाम
में भी,गायत्री जी का अंतिम संस्कार चलता रहा, तब तक वह अपने सभी करीबी
रिश्तेदारों को नेत्रदान के बारे में समझाते रहे कि, यह पुण्य कार्य है यह
तो हर व्यक्ति को मुक्तिधाम आने से पहले ही संकल्प लेकर अपने परिजनों को
बताना चाहिए,जिससे अंत समय में यह पुण्य कार्य हो पाये ।
आज
इन्हीं राजेन्द्र जी का सुबह 6:00 बजे हृदयाघात से आकस्मिक निधन हो गया,
दुख की घड़ी में भी हमेशा हंसने वाले सदा लोगों के काम आने वाले हंसमुख और
विनम्र स्वभाव के राजेन्द्र जी काफी जिंदादिल इंसान थे । उन्हें काफी समय
से एक्यूप्रेशर चिकित्सा का भी ज्ञान था, वह सभी की निशुल्क सेवा करते
थे,देर रात तक भी वह अपने मरीजों को एक्यूप्रेशर की चिकित्सा देते देखा गया
है। अभी परिवार गायत्री जी के मृत्यु के दुखः से उबरा भी नहीं था कि,
अचानक राजेंद्र जी सभी देवलोक गमन हो गया ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)