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08 जुलाई 2023

वक़्फ़ बोर्ड के सर्वसम्मत फैसले के बाद भी , नवाब कल्लन , जयपुर वक़्फ़ सम्पत्ति के मामले में ,वाद पेश नहीं करने के मामले में दोषी अधिकारीयों और ज़िम्मेदारों के खिलाफ कार्यवाही ज़रूरी ,,,,

 वक़्फ़ बोर्ड के सर्वसम्मत फैसले के बाद भी , नवाब कल्लन , जयपुर वक़्फ़ सम्पत्ति के मामले में ,वाद पेश नहीं करने के मामले में दोषी अधिकारीयों और ज़िम्मेदारों के खिलाफ कार्यवाही ज़रूरी ,,,,
राजस्थान वक़्फ़ बोर्ड के अधिकारी , वक़्फ़ सम्पत्ति को बचाने के लिए , वक़्फ़ बोर्ड के सर्वसम्मत फैसलों की पालना में ,  सरकार के खिलाफ वक़्फ़ सम्पत्तियों को बचाने के लिए , फैसले के अनुरूप मुक़दमे तक पेश नहीं कर पा रहा है , यही वजह रही है , के नवाब कल्लन वक़्फ़ सम्पत्ति को बचाने के लिए , मुस्लिम फोरम की तरफ से , सरकार और वक़्फ़ बोर्ड को पक्षकार बनाकर मुक़दमा करना पढ़ा और, अब इस मामले में , आम नागरिकों खासकर मुस्लिम फोरम की जागरूकता के चलते फीलहाल वक़्फ़ सम्पत्ति नवाब कल्लन के , मामले , में सरकार और वक़्फ़ बोर्ड सहित पांच प्रतिपक्षी को , आगामी 18 जुलाई तक यथास्थति बनाये रखने के आदेश दिए है ,
वक़्फ़ बोर्ड वक़्फ़ सम्पत्ति बचाने के लिए सर्व सम्मत फैसला ले , जिसमे , एक विधायक , एक सांसद , एक बार कौंसिलर , एक समाजसेवक , सियासी समझवाले , दो मुतव्वली , एक प्रशासनिक अधिकारी ,एक शिया मामलों के जानकार हों , खुद , मुख्य कार्यकारी अधिकारी ,प्रशासनिक अधिकरी हों , और ऐसी सम्पत्तियों को बचाने के लिए , फैसले की पालना में , समय पर मुक़दमा तक , सरकार के खिलाफ पेश ना हो पाए , तो यक़ीनन , ऐसे प्रशासनिक अधिकारी जो , वक़्फ़ बोर्ड के फैसलों के तहत , उनके सम्मान में कार्यवाही भी नारे , उसे  निलंबित करवा देना चाहिए , और ऐसी उपेक्षित कार्यवाही की गंभीरता के लिए , नेतृत्व को , भी अपनी ज़िम्मेदारी लेते हुए , आम मुसलमानों से माफ़ी मांगकर भविष्य में वक़्फ़ सम्पत्ति हित में ऐसी लापरवाही हरगिज़ ना होगी , ऐसा वचन देना ही चाहिए , ,सभी जानते है , जयपुर में ,वक़्फ़ सम्पत्ति नवाब कल्लन जिस पर सरकार ने , अपना क़ब्ज़ा जमा रखा है , सरकार उसे , अन्य योजनाओं में खुर्द बुर्द कर हर हाल  में वक़्फ़ से छीनने की कोशिश में है , जयपुर में इसे बचाने के लिए संघर्ष समिति बनी है , आन्दोलन हुए है , प्रदर्शन हुए है , और इसी दबाव के चलते , हाल ही में वक़्फ़ बोर्ड की जयपुर बैठक में , 20 जून को , सर्वसम्मति से फैसला लेकर , निर्देशित किया , के नवाब कल्लन की वक़्फ़ सम्पत्ति को सरकार से बचाने के लिए , कोर्ट में मुक़दमा किया जाए , लेकिन , वक़्फ़ बोर्ड की तरफ से ,, मुख्य कार्यकारी अधिकारी , सदस्य विधायक, सांसद  शीर्ष नेतृत्व , मौलवी , मौलाना ,, आलिम , प्रशासनिक अधिकारी , क़ानून के जानकार सभी के होने के बाद भी , इस मामले में तत्काल मुक़दमा पेश करने को लेकर कोई भी क़दम नहीं उठाया, वोह तो भला हो , ,मुस्लिम फोरम के ,, सय्यद मुजाहिद अली नक़वी , ,उनकी टीम के सदस्यों , खासकर उनके वकील ,सादत अली खान और वक़्फ़ में रहकर, वक़्फ़ सम्पत्ति के हितेषी , एक सदस्य का ,, जो , उन्होंने , राजस्थान वक़्फ़ ट्रिब्यूनल में , राजस्थान सरकार , मुख्य सचिव , जिला कलेक्टर जयपुर , जयपुर विकास प्राधिकरण , तहसीलदार जयपुर , और वक़्फ़ बोर्ड जयपुर को , प्रतिवादी बनाकर,  एक दावा पेश किया , दावे की तलबी के लिए 22 जून को नोटिस जारी करने के आदेश हुए , और आगामी पेशी 27 जून को , वक़्फ़ बोर्ड की तरफ से प्रह्लाद गुप्ता एडवोकेट की उपस्थिति दर्ज हुई , अन्य प्रतिवादीगण की तरफ से कोई उपस्थित नहीं हुआ, , वादी सय्यद मुजाहिद अली नक़वी  एवं अन्य की तरफ से वकील सआदत अली ,, अमानुल्ला खान , ने गंभीर मामला बताते हुए , प्रतिवादीगण इस सम्पत्ति को खुर्द बुर्द ना कर सके ,  इसके लिए  उन्होंने अंतरिम स्थगन आदेश देने की प्रार्थना की ,वक़्फ़ बोर्ड के विधि विभाग को ,, तामील होने के बाद भी , इतने गंभीर मामले में , जवाब देने की फुरसत नहीं थी , इसलिए अदालत ने , इसे गंभीर मानते हुए , प्रतिवादीगण को , 30 जून को जवाब के साथ पेश होने के लिए पाबंद किया , ,लेकिन ३०  जून को , मुख्य सचिव , कलेक्टर जयपुर , की तरफ से कोई उपस्थित नहीं हुआ,  जयपुर विकास प्राधिकरण की तरफ से वकील पेश हुए , और वक़्फ़ बोर्ड की तरफ से वकील पेश हुए ,, लेकिन बावजूद अदालत के आदेश के कोई जवाब पेश नहीं हुआ , फिर आगामी पेशी , 3 जुलाई बकाया प्रतिवादीगण की तामील होने के बावजूद भी उपस्थित नहीं होने से , उपस्थिति इन्तिज़ार , और जवाब , बहस अंतरिम स्थगन के लिए , निश्चित की गई , 3 जुलाई को भी ,  अवसर देने पर ,भी जब जयपुर विकास प्राधिकरण,  ने तो जवाब पेश कर दिया ,  लेकिन  वक़्फ़ बोर्ड जयपुर ने , जवाब नहीं दिया , तो  वादीगण के वकील सय्यद सादत अली , अमानउल्ला की पैरवी के बाद , प्रतिवादीगण को वादग्रस्त सम्पत्ति की यथास्थिति बनाये रखने के आदेश दिए गए , और आगामी पेशी , 18 जुलाई नियत कर , जवाब और दस्तावेज पेश करने के निर्देश अधिकरण ने दिए ,, उक्त समूचे प्रकरण में ,वक़्फ़ बोर्ड की लापरवाही , सामने आई है , अगर वक़्फ़ बोर्ड खुद दावा पेश कर देता , तो सरकार के खिलाफ प्राइवेट आदमी को फोरम बनाकर,  मुक़दमा पेश करने की ज़रूरत नहीं होती , और सरकार, और सरकार द्वारा बनाये गए , वक़्फ़ बोर्ड की बदनामी नहीं होती , वक़्फ़ बोर्ड के क़ानून के मुताबिक़ , अगर कोई बोर्ड ,वक़्फ़ सम्पत्ति को बचाने के लिए , लापरवाही भरा कृत्य करता है , तो ऐसे सदस्य हो , चेयरमेन हों , पूरा बोर्ड हो , उसे भगं करने का  विधिक , प्रावधान है ,  इस मामले में भी , कुछ वक़्फ़ सम्पत्ति को बचाने वाले हितेषी , जनहित याचिका कर ,वक़्फ़ बोर्ड के निर्णय के बावजूद पालना क्रियान्विति में , ढिलाई बरतने पर , वक़्फ़ बोर्ड को भंग करने की मांग उठाने के बारे में सोच रहे है , ,लेकिन यह तो तय है ,के वक़्फ़ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी , इस समूचे प्रकरण में ,वक़्फ़ बोर्ड के सर्वसम्मत फैसले के बाद भी , उसकी पालना करवाने में गंभीर नहीं रहे हैं , उनका निलंबन तो होना ही चाहिए , और इसकी जांच करवाकर, भविष्य में वक़्फ़ बोर्ड की सम्पत्ति के रखरखाव , उसे बचाने के प्रयासों में , चाहे वक़्फ़ बोर्ड सदस्य हो , चाहे , चेयरमेन हो , चाहे , मुख्य कार्यकारी अधिकारी हो , ढिलाई ना बरते , और अगर ढिलाई बरते तो उसे सज़ा दिलवाई जाए , इस बारे में की पॉलिसी जनहित याचिका के माध्यम से बनना ही चाहिए , ,,,बोर्ड के जो सदस्य , ईमानदार है , वक़्फ़ सम्पत्ति को बिना किसी सियासी दबाव , बिना किसी सियासी चमचागीरी के बचाना चाहते हैं , उन्हें भी इस मामले में , खुलकर, सार्वजनिक रूप , से विरोध दर्ज कराना चाहिए ,ट्रिब्यूनल में पक्षकार बनना चाहिए , गवाह देना चाहिए , जनहित याचिका करना चाहिए , , एक सदस्य तो , खुद अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमेन के रूप में भी पदभार ग्रहण किये हुए है , उन्हें वक़्फ़ बोर्ड के सर्वसम्मत फैसले के बाद भी , उसकी क्रियन्विति में , सम्पत्ति बचाने के प्रयासों की ढिलाई मामले में , अल्पसंख्यक आयोग में संज्ञान लेकर, , दोषी लोगों के खिलाफ  कार्यवाही करने की सिफारिश करना ही चाहिए ,, ,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

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