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31 जुलाई 2023

ख़राब मौसम में,कोटा से 130 किलोमीटर दूर मिश्रौली से लिया नेत्रदान

 ख़राब मौसम में,कोटा से 130 किलोमीटर दूर मिश्रौली से लिया नेत्रदान 

2. कोटा से 130 km दूर के गाँव मिश्रोली से लिया, गाँव का पहला नैत्रदान।

कल शाम ग्राम मिश्रौली,जिला झालावाड़ निवासी, किराने के व्यवसायी श्री रमेश गुप्ता का आकस्मिक निधन हुआ। मृत्यु से थोड़ा समय पहले तक वह काफी अच्छे से, परिवार के सदस्यों से बातचीत कर रहे थे,अचानक हृदयाघात हुआ और उनका देवलोक गमन हो गया ।

विनम्र और हंसमुख स्वभाव के रमेश जी से पूरा मिश्रौली  अच्छे से परिचित था, उनके निधन की सूचना जैसे ही व्यापार मंडल में पहुंची तो उनके करीबी रिश्तेदार रमेश और विजय कुमार गुप्ता ने संस्था के ज्योति मित्र कमलेश दलाल की प्रेरणा से रमेश जी के तीनों बेटे पुरषोत्तम, विनोद और आशीष से पिता जी के नैत्रदान करवाने की बात की। 

तीनों की बेटे काफी समय से नेत्रदान की खबरों को समाचार पत्रों में पढ़ रहे थे इसलिए जागरूक थे उन्होंने तुरंत ही पिताजी के नेत्रदान के लिए सहमति दे दी जिसके उपरांत कोटा से साइन इंडिया फाउंडेशन की टीम 130  किलोमीटर दूर मिश्रोली नेत्रदान लेने आने के लिए रवाना हुई ।

संस्था के ज्योति मित्र कमलेश दलाल जी की सूचना पर तुरंत ही कोटा से शाइन इंडिया फाउंडेशन की टीम कोटा से रवाना हुई, रास्ते में खराब मौसम,तेज़ बारिश और ट्रैफिक के जाम के बाद भी 2:30 घंटे में 130 किलोमीटर की दूरी का सफर तय करके शाइन इंडिया की टीम ने मिश्रौली में पहुंचकर नेत्रदान का कार्य संपन्न किया । देर रात परिवार और करीबी रिश्तेदारों के बीच में टेक्नीशियन उत्कर्ष मिश्रा ने रमेश जी के पार्थिव शव से कॉर्निया प्राप्त किया ।

ईबीएसआर वीबीजे चैप्टर कॉर्डिनेटर डॉ कुलवंत गौड़ ने बताया कि, जिला झालावाड़ के मिश्रौली गांव का यह पहला नेत्रदान है जागरूकता के कारण अब ग्रामीण क्षेत्रों से भी नेत्रदान की संख्या बढ़ने लगी है । "अंगदान महोत्सव" के अंतर्गत अब ग्रामीण क्षेत्रों में अंगदान के विषय पर भी कार्यशाला आयोजित करने का प्रयास किया जा रहा है ।

मौके पर मौजूद मिश्रौली के समाजसेवी श्री सत्यनारायण जी और विजय गुप्ता ने बताया कि नेत्रदान की प्रक्रिया पांच 10 मिनट में पूरी हो जाने वाली रक्त विहीन प्रक्रिया है, जिसमें चेहरे पर किसी भी तरह की कोई विकृति नहीं आती है । नेत्रदान की प्रक्रिया में आँख के ठीक सामने दिखाई देने वाली पारदर्शी झिल्ली,जिसे कॉर्निया कहते हैं,वही लिया जाता है, पूरी आंख को नहीं सत्यनारायण जी ने कहा कि, शीघ्र ही नेत्रदान जागरूकता के कार्यक्रम मिश्रोली में आयोजित किए जाएंगे जिसमें आमजन को नेत्रदान के लिए जागरूक किया जाएगा ।

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