शिव का अभिनय करने वाले शिवाशिव कर गये नैत्रदान
2. मुक्तिधाम में 200 लोगों ने देखी शिव के नैत्रदान की प्रक्रिया
आज
सुबह केशवपुरा निवासी,जिला विधिक एवं न्यायिक कार्यालय में कार्यरत
शिवाशिव दाधीच का हृदय आघात से आकस्मिक निधन हुआ । सदा हंसमुख रहने वाले
विनम्र स्वभाव,लोगों के न्यायिक मसलों को चुटकियों में दूर करने वाले,सभी
के हितैषी शिवाशिव दाधीच काफी समय से दशहरे मेले में आयोजित होने वाली
रामायण में शिव भगवान का रोल अदा किया करते थे । 20 वर्षों से भी अधिक समय
से रंगमंच से जुड़े रहने वाले शिवाशिव,राघवेंद्र कला संस्थान के वरिष्ठ
उपाध्यक्ष के पद पर भी थे ।
महर्षि
दधीचि का विराट स्वरूप नामक नाटक में भी इन्होंने अभिनय करके दधीचि ऋषि की
जीवनी को समाज के बीच में लाने का प्रयास किया । शिवाशिव के निधन की सूचना
जैसे ही शहर में फैली,शहर के काफी सारे अधिवक्ता, न्यायिक कर्मचारी और
सामाजिक संगठन उनको श्रद्धांजलि देने के लिए मुक्तिधाम में पहुंचे ।
ईश्वर
भक्ति में अटूट आस्था रखने वाले शिवाशिव ने काफी समय पहले ही अपने
नेत्रदान की घोषणा शाइन इंडिया फाउंडेशन के साथ की हुई थी । शिवाशिव डॉ
कुलवंत गौड़ के करीबी रिश्तेदारों में से भी हैं, उन्होंने तुरंत ही शिवाशिव
के छोटे भाई अश्वत्थामा और बेटे विरंचि, से पिता के नेत्रदान के बारे में
सहमति ली ।
सहमति के
उपरांत शाइन इंडिया फाउंडेशन की टीम के सहयोग से इबीएसआर कोटा चैप्टर के
टेक्नीशियन ने किशोरपुरा मुक्तिधाम में 200 लोगों के बीच में नेत्रदान की
प्रक्रिया को संपन्न किया ।
डॉक्टर
गौड़ ने बताया कि जिस तरह से शिव अपने तीसरे नेत्र से जगत का कल्याण करते
हैं, उसी तरह से शिवाशिव के नेत्र भी मृत्यु के बाद भी किसी के 2
दृष्टिहीनों के जीवन में रौशनी भर कर उसका कल्याण करेंगे।
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