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19 मई 2023

संधारा का पहला नेत्रदान कोटा से आई टीम ने लिया

 संधारा का पहला नेत्रदान कोटा से आई टीम ने लिया

2.  संधारा गाँव के लोगों ने पहली बार देखी नेत्रदान की सरल प्रक्रिया

मध्य प्रदेश के जिला मंदसौर के ग्राम संधारा के माली मोहल्ला निवासी शांति बाई गुप्ता का आकस्मिक निधन हुआ जिसके उपरांत उनके चारों पोतों राहुल, सीताराम, बलराम और श्याम बिहारी ने ज्योति मित्र संजय विजावत और मोनू माहेश्वरी की समझाइश के उपरांत अपनी दादी मां का नेत्रदान संपन्न कराया । 

संधारा ग्राम के इस नेत्रदान में समाज सेवी मोनू माहेश्वरी और भानपुरा की समिति 'हारे का सहारे' के मार्गदर्शक मुकेश किशन राठौर का कार्य सराहनीय रहा । शांति बाई जी की मृत्यु के बाद से ही दोनों ने पूरे परिवार को नेत्रदान करवाने के लिए जागरूक किया । माताजी की आंखों को पूरी तरह बंद कर उन पर गिला रुमाल रख,सभी को बताया कि,नेत्रदान एक सरल प्रक्रिया है,जिसमें पूरी आँख नहीं दी जाती है, सिर्फ आँख के सामने का पारदर्शी हिस्सा जिसे कॉर्निया कहते हैं, वह लिया जाता है, इस प्रक्रिया में 10 मिनट का समय लगता है जिसमें किसी तरह का कोई वक़्त नहीं निकलता ना चेहरे में कोई गड्ढा आता है ।

परिवार की ओर से मोनू को सहमति मिलने के उपरांत कोटा से शाइन इंडिया फाउंडेशन की टीम नेत्रदान लेने के लिए रवाना हुई, डेढ़ घंटे में,100 किलोमीटर दूर का सफर तय करके टीम के सदस्यों ने शांति जी के निवास स्थान पर परिवार के सभी रिश्तेदारों बड़े-बूढों,बच्चों और महिलाओं के सामने नेत्रदान की  प्रक्रिया को संपन्न किया । सभी ने पहली बार नेत्रदान की प्रक्रिया को अपने सामने होता देख यह जाना कि, अब तक वह यह जानते थे कि नेत्रदान में शायद पूरी आँख लेते हैं,जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है ।

नेत्रदान लेने के उपरांत रामगंज मंडी के ज्योति मित्र संजय विजावत ने नेत्रदान की उपयोगिता, प्रक्रिया और भ्रांतियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी, और आश्वासन दिया कि दिन के 24 घंटे में कभी भी यदि कोई परिजन अपने दिवंगत परिजन का नैत्रदान करवाना चाहता है,तो वह शाइन इंडिया फाउंडेशन को 8386900102 पर किसी भी समय संपर्क कर सकता है, नेत्रदान लेने के लिये टीम 24 घंटे तैयार रहती है । 

शाइन इंडिया के अध्यक्ष डॉ कुलवंत गौड़ ने कहा कि,क्षेत्र में में यदि कोई भी कॉर्निया की अंधता से पीड़ित व्यक्ति है,तो तुरंत ही उसको संस्था सदस्यों से मिलाया जाये, जिससे दान में मिले कॉर्निया को दृष्टिहीन व्यक्ति में प्रत्यारोपित कर उसकी आँखों में रोशनी लाई जा सके । नेत्रदान लेना और कॉर्निया की अंधता से पीड़ित मरीजों में कॉर्निया प्रत्यारोपण का कार्य पूर्णतया नि:शुल्क रहता है।

इस नेत्रदान के कार्य से गाँव के सभी लोगों को प्रेरणा मिलेगी और हमारा प्रयास रहेगा कि,जल्दी ही गाँव में नेत्रदान जागरूकता के बारे में एक कार्यशाला आयोजित की जा सके,जिसमें सभी को नेत्रदान के विषय पर विस्तार से जानकारी दी जा सके ।

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