राजस्थान विधानसभा की 200 विधानसभा सीटों पर , चुनाव प्रस्तावित है , चुनाव मैदान में , भाजपा , कांग्रेस , बसपा ,, सपा , लोकदल , ऍन सी पी ,, आप , एम आई एम , सोशल डेमोक्रेटिक पार्टियों सहित , कम्युनिस्ट पार्टी , निर्दलीयों की थोक में उम्मीदवारी रहेगी , राजस्थान में , मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में , आम बहुत खुश है , कर्मचारी वर्ग हो , चाहे व्यापारी वर्ग हो , किसान हों , ग्रामीण हो , सभी का सकारात्मक रुख है , लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता , अधिकारीयों को कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हक़ वाले पद देने से , नाराज़ है , ,जबकि राज्य सभा में राजस्थान के कार्यकर्ताओं , वरिष्ठ नेताओं को स्थान देने की जगह बाहरी उम्मीदवारों ,को निर्वाचित करवाने से राजस्थान का गणित गड़बड़ाया है , इधर , राजस्थान में प्रूव उप मुख़्यमंत्री सचिन पायलेट का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनके सुशासन पर , योजनाबद्ध हमला उनकी बगावत , को भाजपा हवा देकर, हारी हुई बाज़ी जीतना चाहती है , ऐसे में , जब आप ,पार्टी एम आई एम , पार्टी , और दूसरी पार्टियां कांग्रेस के थोक वोट , मुस्लिम समाज के वोटर्स को बरगला कर ,उनकी नाराज़गी को समेट कर ,मुस्लिम बाहुल्य इलाक़े की सीटों में ,, मुस्लिम समाज की नाराज़गी को , कांग्रेस के खिलाफ करने की भाजपा की कार्ययोजना तय्यार सी है , गत चुनावों में भाजपा सरकार के खिलाफ आम जनता की नारजगी के चलते अगर , बेहतर इलेक्शन मैनेजमेंट होता , अगर टिकिट सही दिए जाते , तो कांग्रेस की डेढ़ सो से ज़्यादा सीटें आतीं , लेकिन ,, सचिन पायलेट , और अशोक गहलोत के आपसी खींचतान , मुख्यमंत्री की कुर्सी की निशानेबाज़ी ने , भाजपा को हवा दी , और नतीजा, जहां कांग्रेस ,को 200 में से 150 से भी अधिक सीटें जनता जिताना चाह रही थी , वहां कांग्रेस 99 सीटों पर सिमट कर रह गयी , निर्दलीयों की बगावत पर कोई अंकुश नहीं रहा, नतीजन , बागी कोंग्रेसी और , कांग्रेस के प्रत्याक्षियों को हरा कर, बसपा से जीत कर आये विधायकों के भरोसे हमारी सरकार बनी और कई ज़िलों ,में कांग्रेस संगठन कार्यकर्ताओं , विधायक उम्मीदवार की नज़रअंदाज़ी से , माहौल खराब रहा , खेर यह चुनाव वर्ष 2018 के थे अब वर्ष 2023 में विधानसभा चुनावों का नया समीकरण है , यक़ीनन , कांग्रेस की कल्याणकारी योजनाए हैं , लेकिन भाजपा के कुप्रचार के आगे , जनता इन योजनाओं को , धता ,बताकर अधिकतम विधानसभा सीटों पर , जातिगत , सामाजिक समीकरण के आधार पर , ही , वोटिंग करेगी ,, इसलिए इस चुनाव में सावधानी हठी के दुर्घटना घटी ,, के फार्मूले से चुनाव प्रबंधन करना होंगे। मुस्लिम वोटर्स अब गुस्से में , है , बगावती तेवर दिखा रहा है , इसलिए मुस्लिम बाहुल्य पचास से भी अधिक सीटों पर , इंटरनल प्रबंधन की आवश्यकता है ,,
राजस्थान में अलवर ज़िले में अलवर ग्रामीण ,रामगढ़ , राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ , तिजारा , जैसलमेर में जैसलमेर , पोकरण ,, नागौर में , डीडवाना , मकराना, नांवा ,, भरतपुर में कामां व नगर , , बाड़मेर में शिव ,, चोहटन ,,सीकर में सीकर , फतेहपुर ,, दांतारामगढ़ ,, लक्ष्मण गढ़ ,,,चूरू ,में , चूरू ,, सरदारशहर , , तारानगर , अजमेर में अजमेर नार्थ , पुष्कर ,, मसूदा ,, कोटा में , कोटा उत्तर , लाडपुरा , रामगंजमंडी , सवाईमाधोपुर में , सवाईमाधोपुर , गंगापुर सीटी ,, जयपुर में हवामहल , आदर्शनगर ,, किशनपोल ,, झुंझुनू में ,, झुंझुनू , मंडावा ,, नवलगढ़ ,, टोंक में टोंक , जोधपुर में सूरसागर , बीकानेर में खाजूवाला ,, बारां में , बारां अटरू , छबड़ा , , करोली ,, धौलपुर ,, झालावाड़ में झालरापाटन ,, क़रीब 41 सीटें मुस्लिम उम्मीदवारों अगर क्षेत्रीय जाट ,, गुर्जर , मीणा ,, राजपूत , माली , आदिवासी ,, सहित स्थानीय कोंग्रेसी विचारधारा के वोटर्स का ईमानदारी से साथ मिल जाए तो यह विधानसभा सीटें मुस्लिम उम्मीदवार जीत सकते हैं , जबकि , इनसे जुडी इन ज़िलों में , एक मुश्त वोटिंग होने से , ,सत्तर से भी अधिक सीटें , कांग्रेस के दूसरे प्रत्याक्षी एक तरफा जीतने की स्थिति में हैं , , इन पर नहीं तो ,कमसे कम , झालरापाटन , जयपुर हवामहल , किशन पोल , आदर्श नगर ,, सिविल लाइंस ,, सीकर ,, फतेहपुर ,, लक्ष्मण गढ़ , झुंझुनू ,, मंडावा , ,सरदारपुरा , पोकरण , जेसलेमर , शिव ,चोहटन , , बीकानेर दक्षिण , खाजूवाला , पुष्कर ,,मसूदा , टोंक , कोटा उत्तर , लाडपुरा , छबड़ा , नागौर शहर , मकराना , डीडवाना ,, नगर ,, कामां , तिजारा , किशनगढ़बास ,, अलवर ग्रामीण , रामगढ़, सवाईमाधोपुर ,,विधानसभा सीटों पर तो हर हाल में मुस्लिम प्रत्याक्षी को ही टिकिट देकर , अन्य समाज , जैसे गुर्जर,, माली ,, जाट, मीणा , ब्राह्मण , महाजन , जैन , माली , अनुसूचित जाति , जन जाति ,, आदिवासी , बंजारा वोटर्स से , तालमेल बिठाकर, इन सीटों पर मुस्लिम प्रत्याक्षी उतारे जा सकते हैं , इससे फायदा यह होगा के अन्य सीटें जहाँ मुस्लिम वोटर्स थोक में कांग्रेस को मिलते है , और कांग्रेस अपग्रेड होती है , वहां भी कांग्रेस बहतर वोटों से जीतेगी ,,
राजस्थान में अलवर ज़िले में मुस्लिम मेव , मुस्लिम , सिक्ख , राजपूतों का एक गठबंधन ,, बनाकर यहां मुस्लिम बाहुल्य विधानसभा सीटें , अलवर ग्रामीण, राजगढ़ , तिजारा ,, , रामगढ़ , लक्ष्मणगढ़ क्षेत्रों में , ,कांग्रेस ,, अगर अभी से समीकरण बनाकर चुनाव ,लड़े तो , काफी हद तक , जीत हांसिल हो सकती है ,,,, जबकि ,, जैसलमेर में जैसलमेर और पोकरण में मुस्लिम ,, जाट , राजपूत ,, ,का गठबंधन बनाकर, मुस्लिम प्रत्याक्षी को आगे रखकर चुनाव लढा जा सकता है , ,इधर नागौर में डीडवाना ,, मकराना , नावा ,, क्षेत्रों में मुस्लिम ,, मारवाड़ी , राजपूत , जाट,, गुर्जर ,, मीणा का गंठबंधन अगर बनाया जाए , तो सो फीसदी यहां जीत पक्की है , जबकि भरतपुर में कामां व नगर में मुस्लिम बाहुल्य इलाक़े के गठबंधन से टिकिट देकर, यहां भी मुस्लिम प्रत्याक्षी की जीत सुनिश्चित की जा सकती है , इसी तरह , बाड़मेर में शिव तो एक तरफा मुस्लिम सीट है जबकि चोहटन में , राजपूत , जाट , सिंधी , मुस्लिम गठबंधन ,, मुस्लिम प्रत्याक्षी को जिताने के लिए काफी है , ,सीकर में सीकर , फतेहपुर ,, दांतारामगढ़ ,, लक्ष्मण गढ़ क्षेत्र में मुस्लिम , जाट , राजपूत , मारवाड़ी , ब्राह्मण समाज का गठबंधन बनाया जा सकता है ,, ,चूरू ,में , चूरू ,, सरदारशहर , , तारानगर ,विधानसभा सीटों पर मुस्लिम बाहुल्य होने से मुस्लिम उम्मीदवार की जीत पक्की हो सकती है ,, इधर अजमेर में अजमेर नार्थ , पुष्कर ,, मसूदा , मुस्लिम ,, गुर्जर , काठात , राजपूत , महाजन, ब्राह्मण के समीकरण से , सीटें निकाली जा सकती है , ,कोटा में , कोटा उत्तर , लाडपुरा , रामगंजमंडी सीटें है , राजगंजमण्डी सीट , मुस्लिम बाहुल्य है , लेकिन आरक्षित सीट है , कोटा उत्तर , एक तरफा मुस्लिम सीट है , जबकि , लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र में , मुस्लिम ,गुर्जर , राजपूत , माली अगर एक साथ हो जाये , तो एक तरफा जीत हो सकती है,, सवाईमाधोपुर में , सवाईमाधोपुर , गंगापुर सीटी विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम , गुर्जर , मीणा , जाट , मिलकर , एक नया जीतने वाला समीकरण बना सकते हैं , जयपुर में हवामहल , आदर्शनगर ,, किशनपोल , सिविल लाइंस ,, विधानसभा क्षेत्र में , मुस्लिम, ब्राह्मण , राजपूत , महाजन , जाट ,, गुर्जर , मीणा , का गठबंधन , ,कांग्रेस के मुस्लिम उम्मीदवार की जीत पक्की कर सकते हैं ,, झुंझुनू , मंडावा ,, नवलगढ़ में शेखावाटी , ,मुस्लिम वोटर्स का गठबंधन कांग्रेस के लिए जीत दिलाने के लिए काफी हैं , , टोंक विधानसभा क्षेत्र में , मुस्लिम , गुर्जर, महाजन , वोटर्स का गठबंधन , ,कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए काफी है , , जोधपुर में सूरसागर , बीकानेर में खाजूवाला ,, बारां में , बारां अटरू , छबड़ा , , करोली ,, धौलपुर में जाट ,, मुस्लिम , गुर्जर , आदिवासी , राजपूत ,, का गठबंधन कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए काफी , है , ,जबकि , झालरापाटन , मुस्लिम, राजपूत , सोंधवा , पाटीदार के गठबंधन से कांग्रेस के प्रत्याक्षी को जीत दिलाने के लिए काफी है ,
यूँ तो कांग्रेस के खिलाफ आम मुसलमानों में ,उपेक्षा की घोर शिकायतें है , गुस्सा है , सरकारी पदों पर नियुक्ति नहीं , सच्चर आयोग , रंगनाथ मिश्र रिपोर्ट की पालना में , लोक सेवा आयोग में सदस्य नहीं बनाये , रेवेन्यू बोर्ड में सदस्य नहीं , अतिरित्क महाधिवक्ता में अनुपातिक नियुक्ति नहीं , मदरसा पैराटीचर्स को प्रबधक नहीं बनाया गया , उर्दू की उपेक्षा , सहित , संगठन में , जिला अध्यक्ष , प्रदेश पदाधिकारी , ब्लॉक अध्यक्ष , सहित कई मामलों में ,आनुपातिक रूप से मुस्लिम समाज की उपेक्षा अब लोग गिनाने लगे है , , ऐसे में मुस्लिम को सिर्फ वोटर्स है , जाएंगे कहाँ , यह सोचकर , सियासत करने का विचार अगर कांग्रेस का है , तो यह विचार कांग्रेस के लिए भविष्य में नुकसानदायक रहेगा ,,
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
28 मई 2023
राजस्थान विधानसभा की 200 विधानसभा सीटों पर , चुनाव प्रस्तावित है
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)