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28 मई 2023

राजस्थान विधानसभा की 200 विधानसभा सीटों पर , चुनाव प्रस्तावित है

 राजस्थान विधानसभा की 200 विधानसभा सीटों पर , चुनाव प्रस्तावित है , चुनाव मैदान में , भाजपा , कांग्रेस , बसपा ,, सपा , लोकदल , ऍन सी पी ,, आप , एम आई एम , सोशल डेमोक्रेटिक पार्टियों सहित , कम्युनिस्ट पार्टी , निर्दलीयों की थोक में उम्मीदवारी रहेगी , राजस्थान में , मुख्यमंत्री अशोक  गहलोत के नेतृत्व में , आम  बहुत खुश है , कर्मचारी वर्ग हो , चाहे  व्यापारी वर्ग हो , किसान हों , ग्रामीण हो , सभी का सकारात्मक रुख है , लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता , अधिकारीयों को कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हक़ वाले पद देने से , नाराज़ है , ,जबकि  राज्य सभा में राजस्थान के कार्यकर्ताओं , वरिष्ठ नेताओं को स्थान देने की जगह बाहरी उम्मीदवारों ,को  निर्वाचित करवाने से राजस्थान का गणित गड़बड़ाया है , इधर , राजस्थान में प्रूव उप मुख़्यमंत्री सचिन पायलेट का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनके सुशासन पर , योजनाबद्ध हमला  उनकी बगावत , को भाजपा हवा देकर, हारी हुई बाज़ी जीतना चाहती है , ऐसे में , जब आप ,पार्टी  एम आई एम , पार्टी , और दूसरी पार्टियां कांग्रेस के थोक वोट , मुस्लिम समाज के वोटर्स को बरगला कर ,उनकी नाराज़गी को समेट कर ,मुस्लिम बाहुल्य इलाक़े की सीटों में ,, मुस्लिम समाज की नाराज़गी को , कांग्रेस के खिलाफ  करने की भाजपा की कार्ययोजना तय्यार सी है , गत चुनावों में भाजपा सरकार के खिलाफ आम जनता की नारजगी के चलते अगर , बेहतर इलेक्शन मैनेजमेंट होता , अगर टिकिट सही दिए जाते , तो कांग्रेस की डेढ़ सो से ज़्यादा सीटें आतीं , लेकिन ,, सचिन पायलेट , और अशोक गहलोत के आपसी खींचतान , मुख्यमंत्री की कुर्सी की निशानेबाज़ी ने , भाजपा को हवा दी , और नतीजा, जहां कांग्रेस ,को 200 में से 150 से भी अधिक सीटें जनता जिताना चाह रही थी , वहां कांग्रेस 99 सीटों पर सिमट कर रह गयी , निर्दलीयों की   बगावत पर कोई अंकुश नहीं  रहा, नतीजन , बागी कोंग्रेसी और , कांग्रेस के प्रत्याक्षियों को हरा कर, बसपा से जीत कर आये विधायकों के भरोसे हमारी सरकार बनी और कई ज़िलों ,में  कांग्रेस संगठन कार्यकर्ताओं , विधायक उम्मीदवार की नज़रअंदाज़ी से , माहौल खराब रहा , खेर यह चुनाव वर्ष 2018 के थे अब वर्ष 2023 में विधानसभा चुनावों का नया समीकरण है , यक़ीनन , कांग्रेस की  कल्याणकारी योजनाए हैं , लेकिन भाजपा के कुप्रचार के आगे , जनता इन योजनाओं को , धता ,बताकर  अधिकतम विधानसभा सीटों पर , जातिगत , सामाजिक समीकरण के आधार पर , ही , वोटिंग करेगी ,,  इसलिए इस  चुनाव में सावधानी हठी के दुर्घटना घटी ,, के फार्मूले से चुनाव प्रबंधन करना होंगे।  मुस्लिम वोटर्स अब गुस्से में , है , बगावती तेवर दिखा रहा है , इसलिए मुस्लिम बाहुल्य पचास से भी अधिक सीटों पर , इंटरनल प्रबंधन की आवश्यकता है ,,
राजस्थान में अलवर  ज़िले में अलवर ग्रामीण ,रामगढ़ , राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ , तिजारा , जैसलमेर में जैसलमेर , पोकरण ,, नागौर में , डीडवाना , मकराना, नांवा ,, भरतपुर में कामां व नगर , , बाड़मेर में शिव ,, चोहटन ,,सीकर में सीकर , फतेहपुर ,,  दांतारामगढ़ ,,   लक्ष्मण गढ़ ,,,चूरू ,में , चूरू ,, सरदारशहर , , तारानगर , अजमेर में अजमेर   नार्थ , पुष्कर ,, मसूदा ,, कोटा में , कोटा उत्तर , लाडपुरा , रामगंजमंडी , सवाईमाधोपुर में , सवाईमाधोपुर , गंगापुर सीटी ,,  जयपुर में हवामहल , आदर्शनगर ,, किशनपोल ,, झुंझुनू में ,, झुंझुनू , मंडावा ,, नवलगढ़ ,, टोंक में टोंक , जोधपुर में सूरसागर , बीकानेर में खाजूवाला ,, बारां में , बारां अटरू , छबड़ा , , करोली ,, धौलपुर ,,  झालावाड़ में झालरापाटन ,, क़रीब 41 सीटें मुस्लिम उम्मीदवारों  अगर क्षेत्रीय जाट ,, गुर्जर ,  मीणा ,, राजपूत , माली , आदिवासी ,, सहित स्थानीय कोंग्रेसी विचारधारा के वोटर्स का ईमानदारी से साथ मिल जाए तो यह विधानसभा सीटें मुस्लिम उम्मीदवार जीत सकते हैं , जबकि , इनसे जुडी इन ज़िलों में , एक मुश्त वोटिंग होने से , ,सत्तर से भी अधिक सीटें , कांग्रेस के दूसरे प्रत्याक्षी एक तरफा जीतने की स्थिति में हैं , , इन पर नहीं तो  ,कमसे कम , झालरापाटन , जयपुर हवामहल , किशन पोल , आदर्श  नगर ,, सिविल लाइंस ,, सीकर ,, फतेहपुर ,, लक्ष्मण गढ़ , झुंझुनू ,, मंडावा , ,सरदारपुरा , पोकरण , जेसलेमर , शिव ,चोहटन , , बीकानेर दक्षिण , खाजूवाला , पुष्कर ,,मसूदा , टोंक , कोटा उत्तर , लाडपुरा , छबड़ा , नागौर शहर , मकराना , डीडवाना ,, नगर ,, कामां , तिजारा , किशनगढ़बास ,, अलवर ग्रामीण , रामगढ़, सवाईमाधोपुर ,,विधानसभा सीटों पर तो हर हाल में मुस्लिम प्रत्याक्षी को ही टिकिट देकर , अन्य समाज , जैसे गुर्जर,, माली ,, जाट,  मीणा , ब्राह्मण , महाजन , जैन , माली , अनुसूचित जाति , जन जाति ,, आदिवासी , बंजारा वोटर्स से , तालमेल बिठाकर, इन सीटों पर मुस्लिम प्रत्याक्षी उतारे जा सकते हैं , इससे फायदा यह होगा के अन्य सीटें जहाँ मुस्लिम वोटर्स थोक में कांग्रेस को मिलते है , और कांग्रेस अपग्रेड होती है , वहां भी कांग्रेस बहतर वोटों से जीतेगी ,,
राजस्थान में अलवर ज़िले में मुस्लिम मेव , मुस्लिम , सिक्ख , राजपूतों का एक गठबंधन ,, बनाकर यहां मुस्लिम बाहुल्य विधानसभा सीटें ,  अलवर ग्रामीण, राजगढ़ , तिजारा ,, , रामगढ़ , लक्ष्मणगढ़  क्षेत्रों में , ,कांग्रेस ,, अगर अभी से समीकरण बनाकर चुनाव ,लड़े तो , काफी हद तक , जीत हांसिल हो सकती है ,,,, जबकि ,, जैसलमेर में जैसलमेर और  पोकरण में मुस्लिम ,, जाट , राजपूत ,, ,का गठबंधन बनाकर, मुस्लिम प्रत्याक्षी को आगे रखकर चुनाव लढा जा सकता है , ,इधर नागौर में डीडवाना ,, मकराना , नावा ,, क्षेत्रों में मुस्लिम ,, मारवाड़ी , राजपूत , जाट,, गुर्जर ,, मीणा का गंठबंधन अगर बनाया जाए , तो सो फीसदी यहां जीत पक्की है , जबकि भरतपुर में कामां व नगर   में मुस्लिम बाहुल्य इलाक़े के गठबंधन से टिकिट देकर,  यहां भी मुस्लिम प्रत्याक्षी की जीत सुनिश्चित की जा सकती है , इसी तरह , बाड़मेर में शिव तो एक तरफा मुस्लिम सीट है जबकि चोहटन में , राजपूत , जाट , सिंधी , मुस्लिम गठबंधन ,, मुस्लिम प्रत्याक्षी को जिताने के लिए काफी है , ,सीकर में सीकर , फतेहपुर ,,  दांतारामगढ़ ,,   लक्ष्मण गढ़ क्षेत्र में मुस्लिम , जाट , राजपूत , मारवाड़ी , ब्राह्मण समाज का गठबंधन बनाया जा सकता है ,, ,चूरू ,में , चूरू ,, सरदारशहर , , तारानगर ,विधानसभा सीटों पर मुस्लिम बाहुल्य होने से मुस्लिम उम्मीदवार की जीत पक्की हो सकती है ,, इधर अजमेर में अजमेर   नार्थ , पुष्कर ,, मसूदा , मुस्लिम ,, गुर्जर , काठात , राजपूत , महाजन, ब्राह्मण के समीकरण से , सीटें निकाली जा सकती है , ,कोटा में , कोटा उत्तर , लाडपुरा , रामगंजमंडी सीटें है , राजगंजमण्डी सीट , मुस्लिम  बाहुल्य है , लेकिन आरक्षित सीट है , कोटा उत्तर , एक तरफा मुस्लिम सीट है , जबकि , लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र में , मुस्लिम ,गुर्जर , राजपूत , माली अगर एक साथ हो जाये , तो एक तरफा जीत हो सकती है,, सवाईमाधोपुर में , सवाईमाधोपुर , गंगापुर सीटी  विधानसभा  क्षेत्रों में मुस्लिम , गुर्जर , मीणा , जाट , मिलकर , एक नया जीतने वाला समीकरण बना सकते हैं , जयपुर में हवामहल , आदर्शनगर ,, किशनपोल , सिविल लाइंस ,, विधानसभा क्षेत्र में , मुस्लिम, ब्राह्मण , राजपूत , महाजन , जाट ,, गुर्जर , मीणा , का गठबंधन , ,कांग्रेस के मुस्लिम उम्मीदवार की जीत पक्की कर सकते हैं ,,  झुंझुनू , मंडावा ,, नवलगढ़ में शेखावाटी , ,मुस्लिम वोटर्स का गठबंधन  कांग्रेस के लिए जीत दिलाने के लिए काफी हैं , , टोंक विधानसभा क्षेत्र में , मुस्लिम , गुर्जर, महाजन , वोटर्स का गठबंधन , ,कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए काफी है , , जोधपुर में सूरसागर , बीकानेर में खाजूवाला ,, बारां में , बारां अटरू , छबड़ा , , करोली ,, धौलपुर में जाट ,, मुस्लिम , गुर्जर , आदिवासी , राजपूत ,,  का गठबंधन  कांग्रेस को जीत दिलाने के  लिए काफी , है , ,जबकि , झालरापाटन , मुस्लिम,  राजपूत , सोंधवा , पाटीदार के गठबंधन से कांग्रेस के प्रत्याक्षी को जीत दिलाने के लिए काफी है ,
यूँ तो कांग्रेस के खिलाफ आम मुसलमानों में ,उपेक्षा की घोर शिकायतें है , गुस्सा है , सरकारी पदों पर नियुक्ति नहीं , सच्चर आयोग , रंगनाथ मिश्र रिपोर्ट की पालना में , लोक सेवा  आयोग में सदस्य नहीं बनाये , रेवेन्यू बोर्ड में सदस्य नहीं , अतिरित्क महाधिवक्ता में अनुपातिक नियुक्ति नहीं , मदरसा पैराटीचर्स को प्रबधक नहीं बनाया गया , उर्दू की उपेक्षा , सहित , संगठन में , जिला अध्यक्ष , प्रदेश पदाधिकारी , ब्लॉक अध्यक्ष , सहित कई मामलों में ,आनुपातिक रूप से मुस्लिम समाज की उपेक्षा अब लोग गिनाने लगे है , , ऐसे में मुस्लिम को सिर्फ वोटर्स है , जाएंगे कहाँ , यह सोचकर , सियासत करने का विचार अगर कांग्रेस का है , तो यह विचार कांग्रेस के लिए भविष्य में नुकसानदायक रहेगा ,,

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