गहन शोक में भी रामगंजमंडी की 2 पुण्यात्माओं के नैत्रदान सम्पन्न
शहर
में नेत्रदान के प्रति लोगों की बढ़ती जागरूकता यह बताती है कि परिजन शोक
होने के बाद भी नेत्रदान के माध्यम से अपने परिजनों को जीवित रखना चाहते
हैं ।
शोकाकुल परिवार के सदस्य अपने परिजनों को खोने
के बाद भी नैत्रदान के माध्यम से जीवित रखना चाहते हैं । घोर दुख में भी
नेत्रदान के प्रति यह सकारात्मक सोच कहीं ना कहीं परिवार के दुख को भी कम
करती है ।
माताजी रोड
रामगंज मंडी निवासी महेंद्र सबदरा के पुत्र शुभम जैन का बुधवार को रोड
दुर्घटना में आकस्मिक निधन हुआ था, परिवार के अन्य सदस्य भी गंभीर हालत में
अस्पताल में भर्ती थे,ऐसे में शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र संजय
विजावत, नवीन जैन,दिनेश डबकरा की समझाइश के बाद शुभम का नेत्रदान संभव हुआ ।
बुधवार
शाम को ही आनंद विहार रामगंज मंडी निवासी टीकम चंद राठौर जी का आकस्मिक
निधन हुआ, जिसके उपरांत उनके बेटे गिरीश कुमार को पिताजी के नेत्रदान के
लिए ज्योति मित्रों ने समझाइश की, गिरीश अपने शहर रामगंजमंडी के नेत्रदान
के कार्यों से काफी प्रभावित थे, अतः उन्होंने बिना समय गवायें, पिताजी के
नेत्रदान के लिए सहमति दे दी ।
दोनों ही पुण्य आत्माओं के नेत्रदान शाइन इंडिया फाउंडेशन के टेक्नीशियन उत्कर्ष मिश्रा ने डॉ कुलवंत गौड़ के सहयोग से प्राप्त किये।
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