उन्नत किसान अपने ज्ञान, कौशल, अनुसंधान और नवाचार से अन्य किसानों को भी लाभान्वित करें - कुलपति प्रो. व्यास
- कृषि रत्न प्रतिभा सम्मान समारोह, कृषि के क्षेत्र में नवाचारी किसानों को नवाजा
कोटा, 23 अप्रैल। सेवन वंडर रोड़ स्थित एक होटल में कृषि रत्न प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। आयोजक बृजेश चौधरी ने बताया कि इस कार्यक्रम मंे कृषि के क्षेत्र में नवाचार कर विभिन्न आयाम ंस्थापित करने वाले नवाचारी किसानों को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह भेंट कर कृषि रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर एवं माल्यार्पण कर एवं बालिका द्वारा गणेश वंदना पर भक्ति नृत्य प्रस्तुत कर किया गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अभय कुमार व्यास रहे, अध्यक्षता कृषि विभाग के संभाग के अतिरिक्त निदेशक पीके गुप्ता, विशिष्ट अतिथि कृषि विश्वविद्याल के निदेशक अनुसंधान डॉ. प्रताप सिंह, कृषि प्रसार के संयुक्त निदेशक खेमराज शर्मा, सैन्ट्रल कॉपरेटिव बैंक प्रबंध निदेशक डॉ. बलविंदर सिंह गिल, नाबार्ड के डीडीएम आरपी शर्मा, एसीबी के पुलिस उपाधीक्षक धर्मवीर सिंह, कृषि विभाग मुख्यालय के सहायक निदेशक डॉ. राजवीर सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप मंे मंचासीन रहे।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अभय कुमार व्यास ने कहा कि आज कृषि के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं, जरूरत है नवाचार और अनुसंधान करने की। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित प्रगतिशील किसानांे से अपील की कि जिस मुकाम पर आज वो पहुंचे हैं, उसे अपने पास तक ही सीमित न रखकर दूसरे किसानों को भी अपने ज्ञान, कौशल, अनुसंधान और नवाचार से आगे बढ़ाएं। ताकि अन्य किसान भी कृषि में नवाचार के लिए आगे आएं। उन्होंने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में कृषि से जुड़े विभाग कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, नाबार्ड, उद्यानिकी विभाग, खाद्य प्रसंस्करण इसमें शामिल हुए हैं, जिससे उन्नत किसानों को नये आयाम स्थापित करने की एक नई मंजिल मिली है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कृषि विस्तार कोटा खंड कोटा अतिरिक्त निदेशक पीके गुप्ता ने कहा कि अपना अनूठा प्रयोग, कौशल, प्रतिभा और उर्जा के साथ कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट व नवाचार करने वाले किसानों का सम्मान करने से अन्य किसानों को भी प्रोत्साहन मिलता है। उन्होंने कहा कि भारत की जनसंख्या चीन से भी आगे निकल चुकी है, ऐसे मंे आने वाले समय मंे खाद्य पदार्थों की भी मांग बढ़ेगी, जिससे कृषि के क्षेत्र में और संभावनाएं पैदा होंगी।
डॉ. प्रताप सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम से हमें भी यह पता चला है कि कोटा में कई किसान विविध आयामों में काम कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि हम सभी कृषि विभाग, कृषि विश्वविद्यालय और किसान। खेती के उन्नयन के लिए कार्य करते हैं। आज के समय में उन्नयन इतना आसान नहीं रहा है। कभी प्रकृति में बदलाव की मार, तो कभी किसानेां को ज्यादा उपज ज्यादा मिलने पर पैसा कम और कम उपज पर भी बाजार मूल्य नहीं मिलता। इन सब चीजों को ध्यान मंे रखते हुए हम सभी समन्वित रूप से अनुसंधान और प्रसार के प्रयास करें, तो कृषि का क्षेत्र और अधिक उन्नत और रोजगार देने वाला होगा। उन्होंने कहा कि बाजार में उन्नत किस्मों की बहुत मांग है, इस माध्यम से भी किसान आय मंे बढ़ोत्तरी कर सकते हैं।
विशिष्ट अतिथि नाबार्ड के डीडीएम आरपी शर्मा ने नाबार्ड द्वारा किसानों को दिये जाने वाले लोन संबंधी विस्तृत जानकारियां दी।
विशिष्ट अतिथि सैन्ट्रल कॉपरेटिव बैंक के निदेशक डॉ. बलविंदर सिंह गिल ने कहा कि कोरोनाकाल में कृषि क्षेत्र ने ही भारत देश की अर्थव्यवस्था को संभाले रखा, यह दर्शाता है कि कृषि का देश मंे कितना महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि सहकारिता का लक्ष्य रहता है कि किसानों को पूंजी मिले और वो कृषि के क्षेत्र में नए अनुसंधान और नवाचार कर सकें। कृषि विभाग के सहायक निदेशक डॉ. राजवीर सिंह ने कहा कि समेकित खेती और किसान उत्पादक संघ (एफपीओ) बनाकर खेती करें , जिससे किसान नवाचार के साथ समृद्धशाली होंगे, इन दोनों पहलुओं की वर्तमान समय मंे महत्ती आवश्यकता है।
कार्यक्रम के अन्त मंे सभी अतिथियों का शॉल ओढ़ाकर व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन कृषि विभाग के सहायक निदेशक डॉ. राजवीर सिंह ने किया। बाबूलाल धाकड़ द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया।
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