पति के नेत्रदान से प्रेरित थी,अब स्वयं भी कर गयी नेत्रदान
2. नैत्रदान परिवार में बना परंपरा, पति के बाद पत्नी का भी नेत्रदान
आज
सुबह तलवंडी निवासी सुधीर खंडेलवाल जी की माताजी श्रीमती चंद्रकांता
खंडेलवाल का आकस्मिक निधन हुआ जिसके उपरांत परिवार के सदस्यों ने नेत्रदान
का पुनीत कार्य संपन्न करवाया।
चंद्रकांता
जी के पोते राहुल खंडेलवाल काफी समय से नेत्रदान के कार्यों में संस्था
शाइन इंडिया फाउंडेशन के साथ संलग्न है । वर्ष 2013 में भी चंद्रकांता जी
के पति श्री पदम चंद खंडेलवाल 'बड़ाया' का भी आकस्मिक निधन होने के उपरांत
संस्था के सहयोग से नेत्रदान संपन्न हुआ था ।
पोते
राहुल खंडेलवाल ने बताया कि दादी काफी धार्मिक विचारों वाली विनम्र स्वभाव
की महिला थी । अपने नाती पोतों और बेटे बहुओं को संस्कारों को उन्होंने
हमेशा संस्कारों के साथ जीना सिखाया । दादाजी के नेत्रदान के बाद से ही
उन्होंने परिवार में सभी को कह दिया था कि मेरे साथ भी जब भी देवलोक गमन की
स्थिति बनती है तो मेरे नेत्रदान का कार्य भी करवाना ।
नेत्रदान की प्रक्रिया के दौरान घर की सभी महिलाएं वहां मौजूद थे जिन्होंने अपने सामने माताजी के नेत्रदान की प्रक्रिया को देखा ।
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