में मेरी क़ौम का सबसे ज़्यादा अक़लमंद शख्स हूँ , पूरी दुनिया में कुल डेढ़ अक़्ल है , और मुझे में उसमे से एक पूरी अक़्ल है ,, बाक़ी आधी अक़्ल में , पूरी दुनिया , भी है , मेरी क़ौम के अपने लोग भी हैं , में वाट्स ऐप वीर हूँ ,, अगर में नहीं होता , तो मेरी क़ौम के मसले मसाइल कोई उठाता ही नहीं , मेरे पहले , मेरी क़ौम के किसी भी शख्स ने , ढेला भर काम भी नहीं किया , बस में ही एक ऐसा हूँ , जो पूरी क़ौम के लिए फिक्रमंद हूँ ,बाक़ी तो सब निकम्मे है , नाकारा है , दलाल है , गुलाम है ,हाथ बांधे खड़े रहते है , चमचे है , कुछ बोलते ही नहीं , यही में कहता हूँ , यही में अपने वाट्स ऐप वीर क्लबों , गुरुपों में प्रचारित भी करता हूँ , मुझे में बहुत जोश है , बहुत होश है , में बहुत समझदार हूँ , इसीलिए तो, में यह समझता हूँ के अब तक क़ौम का जो विकास है , कॉम के जो इदारे है , जो इमारतें है , जो पहले के वाद विवाद थे , जो निर्माण है , जो विकास है , वोह कुछ भी नहीं है , सिर्फ में , में ही हूँ , जो इन सब मामलों को अकेला निपटावंगा , में सोचता हूँ , मेरी क़ौम सो रही है , सिर्फ में ही अकेला जाग रहा हूँ , इसीलिए वाट्स ऐप किंग बनकर , में दिन में कई बार वाट्स एप पर क़ौम के लिए खुद अकेला फिक्रमंद होने की बात लिखता हूँ , लोगों को अहसास दिलाता हूँ , फिर घर पर सो जाता हूँ ,, मुझ से पहले सब ने दलाली की है,, किसी की कोई क़ुरबानी नहीं , किसी की कोई मेहनत नहीं , कोई संघर्ष नहीं , कोई जुस्तजू नहीं , बस में ही हूँ जो अब , इस क़ौम हालात सुधारूंगा , बस इसीलिए तो में अकेला फिक्रमंद हूँ , हाँ जब में लिखता हूँ , नारा देता हूँ , तो कुछ लोग इस पर बहुत खुश होते है , ,कुछ लोग भी मेरी तरह ही , सोचते है ,मेरा समर्थन करते है , वही , खा गए रे , मिल गए रे , सेटिंग कर ली रे , इनसे क्या होगा , यह सब नाकारा हैं , चमचे है , गुलाम है , हाथ बांधे खड़े रहते है , बिकाऊ है रे , इनके ज़ुबान नहीं खुलती रे ,, वगेरा वगेरा सब मेरे साथ यह कुछ लोग मेरे साथी भी लिख देते है , ,यह सब मेरा बचपना नहीं है , यह सब जो लोग मुझ से ज़्यादा समाज में पूंछे जाते है , प्रशासन , सरकार में पूंछे जाते है , उनके खिलाफ मेरी कोई जेलेसी नहीं है ,, बस में हूँ ,मुझ में ही अक़्ल है , में ही जांबाज़ हूँ , में ही क़ौम के लिए फ़िक्र मंद हूँ ,, में ही हूँ ,जो इस मेरी गंवार , जाहिल ,बिना पढ़ी लिखी , चमचों , हाथ बाँध कर खड़े रहने वाले , मोन जुलुस निकालने वाले गद्दार कॉम के लोगों के लिए ,, आसमान से तारे तोड़ लाऊंगा , में ही हूँ , जो मेरी कॉम को , चाँद पर पहुंचाऊंगा ,, मेरी मज़हबी इमारतों को में ही बचाऊंगा , में ही बनाऊंगा , में ही यूनिवर्सिटी , अस्पताल बनाऊंगा , अब तक कुछ नहीं हुआ ,सब के सब चोर है , में , मुझ जैसे मेरे कई साथी हैं , जो सार्वजनिक रूप से , वाट्स ऐप पर किसी के लिए भी यह सब , टिप्पणियां करके , लिखकर , बहुत खुश हो जाते है , हम समझते है , के अपने से बड़ों को कोस कर ,उन्हें गाली देकर , उन्हें निकम्मा बताकर , , हमने क़ौम के सभी मसाइल हल कर लिए हैं , हम लोगों में से कई लोग तो ऐसे है , जो कई मामलों की ऐ बी सी डी भी नहीं जानते , क ख ग भी नहीं समझते ,, लेकिन बस वाटस ऐप वीर हैं , कोई छोटा पुलिसकर्मी , सी आई डी कर्मी अगर हाथ मिला ले तो हम में से कुछ की तो बल्ले बल्ले हो जाती है , ,हम में से कई लोग ऐसे भी हैं ,जो कभी भी मेरी इस नाकारा , हर मोर्चे पर विफल ,, क़ौम के मसलों को लेकर ,, किसी इबादतघर के निर्माण को लेकर , एक 15 पैसे का पोस्टकार्ड भी नहीं लिखते, घर से निकल कर ,कलेक्टर तक नहीं जाते , कलेक्टर के पास जाकर , कभी अपनी कॉम के मसाइल पर ज्ञापन नहीं देते ,, आना जाना तो दूर , पत्र भी नहीं लिखते ,, कभी किसी मंत्री, किसी विधायक , किसी पार्टी के नेता , हारे हुए विधायक प्रत्याक्षी , पार्टी के पदाधिकारियों , में जाकर , अपने कॉम के मसलों के बारे में , क्या चल रहा है , कोनसा काम क्यों रुका पढ़ा है , अब तक क्या क्या होचुका है , किसने क्या क्या कर लिया है , इस पर बात भी नहीं करते , ,,बस लिखते है , सब नाकारा है , निकम्मे है ,, दलाल है , मुखबीर है ,भाईसाहब के गुलाम है , हाथ बंधे खड़े रहते है , अधिकारी का ट्रांसफर मन पसंद नहीं हों तो कॉम पर ज़ुल्म हो रहा है,, कोई लोन चुकाने के लिए नोटिस आ जाए तो कॉम पर ज़ुल्म हो रहा है, तक का नारा ऐसे अधिकारी दे देते हैं , खेर , में तो में हूँ , मुझ से ज़्यादा समझदार , बहादुर , वाट्स ऐप वीर , बयान वीर कोई और तो है नहीं , अब में ही अकेला , या कुछ लोगों की सोशल मिडिया पर , मीटिंग बुलाकर ,गुरुप बनाकर ,, एक दूसरे के खिलाफ टिप्पणियां करके , उन्हें नीचा दिखाकर , मेरी कॉम के हर मसाइल का हल चुटकियों में करवा लूंगा , में अकेला थोड़ी हूँ ,, मुझ जैसे अब तो बहुत लोग बढ़ते रहे है , ,अल्लाह मेरी कॉम के हर मसाइलों का हल करे , इत्तेहाद क़ायम करे ,पहले हर मुद्दे को समझे , उसके समाधान की कोशिशों के लिए अब तक क्या हो चुका है,रुकावट की वजह क्या है,, नए शिक्षा , चिकित्सा , वक़्फ़ , वक़्फ़ अतिक्रमण मुक्ति , मदरसा , उर्दू ,, पैराटीचर्स , स्वरोजगार योजनाएं , शैक्षणिक कार्यक्रम , आर्थिक , क़ानूनी मदद अब तक किस तरह से होती रही है , आने वाले कल में इन मसाइलों के हल हम एक जुट होकर , बिना किसी पर इलज़ाम खोरी के , खुद आगे बढ़कर , अपने बुज़ुर्गों, पुराने लोगों के सम्मान , इज़्ज़त , के साथ,, जल्दी हल करवाए ,, अल्लाह मुझे भी , और मेरे ऐसे सभी साथियों कोई भी , ऐसी तौफ़ीक़ अता फरमाए ,, किसी के अपमान , किसी को नाकारा बताने ,चमचा बताने ,गुलाम बताने से हमारी समस्याओं का समाधान नहीं होता है , खुद घर से निकलना होता है , मिलना पढ़ता है , समझना पढ़ता है , और मुझे ख़ुशी है , के हमारे अकेले कोटा में , एक हज़ार से भी ज़्यादा नो जवान , ईमानदारी से ऐसे हर मामले में फिक्रमंद है , कोशिशों में जुटे है , ,खामोशी से , बिना किसी को इलज़ाम दिए , अपने कामों में लगे हैं ,,मेरी कॉम के हर मसाइल हल हो, मेरी कॉम के साथ नाइंसाफी करने वाले सियासी लोग, जो भी हो , ,अल्लाह उन्हें आयना दिखाए , सबक़ सिखाये, और अगर इंसानियत , इन्साफ के खिलाफ , मेरी कॉम के जायज़ मसाइलों के खिलाफ किसी भी सियासी पार्टी , सियासी शख्सियत की उपेक्षा , या सीधा कोई हाथ है , तो ऐसी पार्टी , ऐसे लोगों को , यही इसी दुनिया में ,सबक़ सिखाये ,, ,मेरे कॉम के हमदर्द , मेरे कॉम के नौजवानों को, मेरी कॉम के मसाइलों को मुनज़्ज़म तरीके से , एक जुट होकर , प्यार , मोहब्बत , खुलूस के साथ , वाटस ऐप वीर बनने की जगह, अपने बुज़ुर्गों , समझदारों के साथ मिलकर , चर्चा करके , ऐसे सभी मसाइलों का जल्दी समाधान हो , ऐसी ताक़त उन्हें अता फरमाए, और मेरी कॉम में इत्तिहाद हो , रोज़गार हो , खुशहाली हो, सियासी बेदारी हो , समझदारी हो , मेरी कॉम की बुरे लोगों से हिफाज़त हो, ,सुबह फज्र में उठकर, रोज़गार के लिए निकलने की ज़िम्मेदारी हो, रात भर जागकर दिन भर सोने की बीमारी से उन्हें तंदरुस्ती मिले ,मेरी कॉम ,फिर से दौरे हाकम रहे , ज़िंदाबाद रहे , हम सब एक ऊँगली दुसरे की तरफ उठाने के पहले , तीन उँगलियों को अपनी तरफ देखें , , दूसरे के गिरेहबान में झाँकने से पहले अपने गिरहबान में भी झांके , एक दूसरे पर इल्ज़ामाख़ोरी की जगह, , प्यार मोहब्बत , खुलूस , समझाइश से अपने मसाइलों पर गुफ्तगू करे, उनके समाधान खोजे , उनका निराकरण , मिलजुल कर करवाएं ,, ,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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