भंवरगढ़ की उपेक्षा से कस्बे वासियों में आक्रोश
बजट में भंवरगढ़ को नहीं मिली सौगातें
विकास से कोसों दूर भंवरगढ़ कस्बा
भंवरगढ़। बारां जिले के आदिवासी अंचल के प्रमुख कस्बे भंवरगढ़ में पंचाायत समिति एवंंंं तहसील मुख्यालय तथा एग्रीकल्चर कॉलेज नहीं खोलने एवं विकास कार्यों में उपेक्षा से कस्बेवासियों मैं एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियोंं के खिलाफ आक्रोश पैदा हो गया है समाज सेविका अंजू शर्मा् ने मुख्यमंत्री ,जिलेे के मंत्री एवं विधायक सहित नेताओं से गुहार लगाई है
समाज सेविका श्रीमती अंजू शर्मा ने बताया कि भंवरगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार आखिर कब तक होता रहेगा, आदिवासी अंचल के प्रमुख कस्बे भंवरगढ़ में शाहबाद एवं किशनगंज के बाद तीसरा सीनियर सेकेंडरी स्कूल खुला था वह भी समाजसेवी कमल शर्मा के नेतृत्व में चक्का जाम एवं अन्य ज्ञापन एवं मंत्रियों के यहां गुहार लगाने के बाद ही खुल सका था उसके बाद भंवरगढ़ में विकास के लिए किसी भी सरकार ने नहीं तो कोई कार्यालय खोला ना ही विकास की कोई अनूठी मिसाल पेश की।
अंजू शर्मा ने कहां कि किशनगजं शाहबाद दो पंचायत समितियों से काम चलने वाला नहीं है भंवरगढ़ मैं पंचायत समिति खोलने की आवश्यकता है जिससे पंचायती राज सशक्त हो सकता है। भंवरगढ़ में आसपास के कई गांव जुड़े हुए हैं किंतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी घोषित नहीं किया गया। भंवरगढ़ में एग्रीकल्चर कॉलेज के लिए भूमि एवं भवन भी उपलब्ध है किंतु नहीं खोला गया ।, आदिवासी अंचल क्षेत्र में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भंवरगढ़ में बालिका महाविद्यालय की भी कई बार मांग की गई किंतु अभी तक बालिका महाविद्यालय की घोषणा भी सरकार द्वारा नहीं की गई ।
समाज सेविका अंजू शर्मा ने बताया कि भंवरगढ़ में बालिकाओं के लिए छात्रावास की सुविधा भी नहीं है वही राजस्व क्षेत्र अधिक होने के चलते भंवरगढ़ में तहसील मुख्यालय की भी आवश्यकता है जिस पर भी सरकार ने अभी तक गौर नहीं फरमाया है। वही सरकार खिलाड़ियों के लिए कई प्रयास करती हैं किंतु भंवरगढ़ में विद्यालय के पीछे पर्याप्त जगह होने के बावजूद भी खेल स्टेडियम का निर्माण नहीं पाने से खिलाड़ियों में भी निराशा है जबकि भंवरगढ़ में जिले का एक सबसे बड़ा स्टेडियम बन सकता है।
अंजू शर्मा ने कहा कि भंवरगढ़ की उपेक्षा आखिर कब तक होती रहेगी, अगर सरकार के द्वारा इसी प्रकार से उपेक्षा की जाती रही तथा मार्च माह में भंवरगढ़ के विकास की मांगों को मंजूर नहीं किया गया एवं स्वीकृति जारी नहीं करवाई गई तो जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आंदोलन किया जावेगा।
उपेक्षा पर अप्रैल में विरोध प्रदर्शन
समाज सेविका अंजू शर्मा ने कहा कि भंवरगढ़ कस्बे की उपेक्षा करने पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ विशाल प्रदर्शन भंवरगढ़ कस्बे में किया जावेगा जिसमें प्रत्येक परिवार के घर घर जाकर भंवरगढ़ की उपेक्षा के विभिन्न बिंदुओं पर जागृति लाकर हर घर के प्रतिनिधियों को साथ लेकर विशाल विरोध प्रदर्शन किया जावेगा।
भंवरगढ़ में एकमात्र विलास बांध
भंवरगढ़ में एकमात्र विलास बांध तत्कालीन सिंचाई मंत्री ललित किशोर चतुर्वेदी जी की देन रही जिससे भंवरगढ़ ही नहीं किशनगंज तक के गांव को सिंचाई का पानी उपलब्ध हो पा रहा है, उसके अतिरिक्त भंवरगढ़ में कोई सरकार ने कार्यालय नहीं खोलें नहीं विकास के नए आयाम स्थापित हुए, जिससे कस्बे वासियों में आक्रोश व्याप्त हो गया है
प्राचीन कस्बा फिर भी विकास से अछूता
भंवरगढ़ कस्बा अति प्राचीन है राजा महाराजाओं के समय से ही भंवरगढ़ की एक विशेष पहचान रही है किंतु कई सरकारें आई गई किंतु भंवरगढ़ के विकास की किसी भी सरकार ने सुध नहीं ली। प्राचीन कस्बा होने के बावजूद विकास दौड़ में दरबदर कस्बा पिछ्रता चला गया तथा आज बालिका शिक्षा कौशल विकास प्रशिक्षण एवं चिकित्सा सुविधाओं से मोहताज रह गया।
बजट में सौगाते नहीं मिलने से कस्बे वासी सन्न
कस्बे वासियों को उम्मीद थी कि इस वर्ष के बजट में एवं बजट के बाद सत्र के दौरान भंवरगढ़ कस्बे में पंचायत समिति, तहसील मुख्यालय एवं कॉलेज एवं अन्य विकास के कार्यालय खुलेंगे किंतु बजट के दौरान भी कस्बे वासियों को कोई विकास की घोषणा नहीं हुई नहीं इस विधानसभा सत्र में भंवरगढ़ के विकास की कोई घोषणा हुई जिससे कस्बे वासी सन्न रह गए। समाज सेविका अंजू शर्मा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत , जिले के मंत्री प्रमोद जैन भाया, विधायक निर्मला सहरिया से भंवरगढ़ में विकास कार्यों की घोषणा की गुहार लगाई है।
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