मोशन के सीईओ नितिन विजय ने
आइडियाज ऑफ इंडिया समिट में बताया
कोटा आने वाले 95 फीसदी बच्चे जीवन में क्यों होते हैं सफल
कोटा।मोशन एजुकेशन के फाउंडर और सीईओ नितिन विजय ने कहा कि कोटा यूं ही कोटा नहीं बना है। यहां शिक्षा के लिए ऐसा इको सिस्टम हैं कि कोटा के 95 फीसदी बच्चे जीवन सफल होते हैं।
एबीपी के मंच पर नितिन विजय ने कहा, "कोटा बच्चों को 14 से 15 घंटे रोजाना अनुशासन के साथ पढ़ना सिखाता है। इसलिए कोटा से निकले 95 फीसदी बच्चे जीवन में सफल होते हैं। जीवन में सफलता जिद, जुनून और संघर्ष से आती है। संघर्ष दुख से अलग होता है। संघर्ष एक यात्रा है। जीवन में संघर्ष से प्रेम करना सीखना चाहिए। बच्चे को समझाना चाहिए कि हमें सेलेक्शन की तरफ ही नहीं भागना चाहिए। हमें सीखने पर अधिक ध्यान देना चाहिए।"
"मैं कोटा से पढ़ा लिखा हूं। टॉपर में से टॉपर तो हर कोई निकाल लेता है। मेरा कहना है कि हमें एवरेज छात्र में से भी एक कामयाब छात्र निकालना चाहिए। आईआईटी फर्स्ट ईयर से ही मैंने सोच लिया था कि मुझे शिक्षक बनना है। एक समय आया जब 2000 बच्चे मेरे घर के बाहर खड़े हो गए, कहने लगे कि मुझसे ही पढ़ेंगे। फिर मैंने उनसे कहा फीस भी आप ही डिसाइड कर लीजिए। आज हमसे 30 हजार बच्चे पढ़ते हैं। 15 हजार कोटा में पढ़ते हैं। उनके लिए हमारी ढाई हजार लोगों की टीम है। "
इस दौरान मोशन एजुकेशन की डायरेक्टर डॉ. स्वाति विजय भी उनके साथ थीं।
गौरतलब है कि समिट 'नया इंडिया: लुकिंग इनवर्ड, रीचिंग आउटट' की थीम पर था। इसमें अलग-अलग क्षेत्रों के महारथियों ने बीते 75 साल में भारत के सफर के बारे में बात की। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति, अभिनेत्री आशा पारेख, कृति सेनन, यामी गौतम, नंदितादास, अभिनेता आयुष्मान खुराना, मीरा नायर, लिज ट्रस, लेखक जावेद अख्तर अमिताव घोष, देवदत्त पटनायक, ओला कैब्स के मालिक भाविश अग्रवाल, दृष्टि के विकास दिव्यकीर्ति, साइकोलॉजिस्ट आशीष नंदी जैसी हस्तियां ने भी विचार रखे। इससे पहले पहले 'आइडियाज ऑफ इंडिया समिट 2022' में भारत को प्रगति की राह पर ले जाने वाले विचारों को साझा करने के लिए भारतीय बुद्धिजीवी एक मंच पर जुटे थे। एबीपी नेटवर्क की यह समिट ऐसे समय पर में हुआ है, जब दुनिया भू-राजनीतिक तनाव से गुजर रही है। वहीं भारत में अगले साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने जा रहा है। ऐसे वक्त में 'नया इंडिया: लुकिंग इनवर्ड, रीचिंग आउट' विषय पर बिजनेस आइकन, सांस्कृतिक राजदूत और राजनेता को विचार साझा करते देखना एक अलग अनुभव रहा।
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