तो जो लोग उनके सिवा और के ख़ास्तगार हों तो यही लोग हद से बढ़ जाने वाले हैं (31)
और जो लोग अपनी अमानतों और अहदों का लेहाज़ रखते हैं (32)
और जो लोग अपनी शहादतों पर क़ायम रहते हैं (33)
और जो लोग अपनी नमाज़ो का ख़्याल रखते हैं (34)
यही लोग बेहिश्त के बाग़ों में इज़्ज़त से रहेंगे (35)
तो (ऐ रसूल) काफ़िरों को क्या हो गया है (36)
कि तुम्हारे पास गिरोह गिरोह दाहिने से बाएँ से दौड़े चले आ रहे हैं (37)
क्या इनमें से हर शख़्स इस का मुतमइनी है कि चैन के बाग़ (बेहिश्त) में दाखि़ल होगा (38)
हरगिज़ नहीं हमने उनको जिस (गन्दी) चीज़ से पैदा किया ये लोग जानते हैं (39)
तो मैं मशरिकों और मग़रिबों के परवरदिगार की क़सम खाता हूँ कि हम ज़रूर इस बात की कु़दरत रखते हैं (40)
कि उनके बदले उनसे बेहतर लोग ला (बसाएँ) और हम आजिज़ नहीं हैं (41)
तो तुम उनको छोड़ दो कि बातिल में पड़े खेलते रहें यहाँ तक कि जिस दिन का उनसे वायदा किया जाता है उनके सामने आ मौजूद हो (42)
उसी दिन ये लोग क़ब्रों से निकल कर इस तरह दौड़ेंगे गोया वह किसी झन्डे की तरफ़ दौड़े चले जाते हैं (43)
(निदामत से) उनकी आँखें झुकी होंगी उन पर रूसवाई छाई हुयी होगी ये वही दिन है जिसका उनसे वायदा किया जाता था (44)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
16 फ़रवरी 2023
तो जो लोग उनके सिवा और के ख़ास्तगार हों तो यही लोग हद से बढ़ जाने वाले हैं
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