योग की नगरी ऋषिकेश में राजस्थान की बेटी को मिला योगिनी अवॉर्ड 2023
*भोपाल।* एडुजीलाइफ संस्था भोपाल द्वारा परमार्थ निकेतन ऋषिकेश और परिधि आर्ट ग्रुप के संयुक्त सहयोग से योग की नगरी ऋषिकेश में 11-12 फरवरी को परमार्थ निकेतन आश्रम में अंतरराष्ट्रीय योगिनी अवॉर्ड 2023 का गरिमामयी आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम का उद्घाटन स्वामी चिदानंद सरस्वती और
साध्वी भगवती सरस्वती, परमार्थ निकेतन, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय
हरिद्वार के कुलपति डॉ दिनेश चंद्र शास्त्री, फिल्म अभिनेता शिव आर्यन,
परिधि आर्ट ग्रुप के संस्थापक श्री निर्मल रतनलाल वैद, इन्डियन स्कूल ऑफ
इमेज मैनेजमेंट की फाउंडर सुश्री सोनिया दुबे दीवान द्वारा किया गया। इस
अवसर पर 8 देशों की अंतरराष्ट्रीय योगिनी न्यूजीलैंड, केलिफोर्निया,
फ्रांस, ब्रिटेन, थाइलैंड, सिंगापुर, इथुयाना और इंडोनेशिया और 21 राज्यों
की योगिनियों का सम्मान किया गया।
इसमें 27 राज्यों की 65 महिलाओं को योगिनी पुरस्कारों की पांच श्रेणियों को
मान्यता दी और सम्मानित किया। जिसमें राजस्थान कोटा की रहने वाली अनिता
नरूका को राज्य स्तरीय मैत्री अवार्ड से सम्मानित किया गया ।
अनीता नरूका जो कोटा राजस्थान की हैं, गत 17वर्षों से गुजरात मे रह रही है,साथ ही लाइब्रेरी एंड इनफोरमेशन साइंस में गोल्ड मेडलिस्ट व मास्टर डिग्री प्राप्त है। कोरोना काल के बाद से युवाओं व बुजुर्गों को योग सिखा रही है। वह योग के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के बारे में भावुक हैं, और उन्होंने पतंजलि से एवाईटीटी और आयुष मंत्रालय द्वारा प्रमाणित योग शिक्षक परीक्षा को पूरा किया है। वह रेवा योग ग्रुप नाम से एक ऑनलाइन योगा ग्रुप चलाती हैं। दूसरों को प्रेरित करने के लिए वह अक्सर फ्री वर्कशॉप करती रहती हैं ।
योगिनी अवार्ड विजेता अनिता नरुका ने कहा कि,आज महिलाएं हर क्षेत्र में अहम भूमिका निभाती हैं। जिम्मेदारियों को निभाने के लिए महिलाओं को अच्छे स्वास्थ्य, मन की शांति और संतुलित जीवन की आवश्यकता होती है, जिसे योग के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। महिलाओं के लिए योग के महत्व की बात करें तो किशोरावस्था से लेकर मातृत्व तक, रजोनिवृत्ति से लेकर वृद्धावस्था तक महिलाएं कई चरणों से गुजरती हैं जिनमें योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। महिलाओं में शारीरिक बदलाव आने के बाद उन्हें मानसिक परेशानी और असंतुलन का अनुभव होता है। ऐसे में योग उनके शारीरिक संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है और उन्हें मानसिक शांति प्रदान करता है। नियमित योग आसन और प्राणायाम महिलाओं के स्वास्थ्य को बनाए रखते हैं और आने वाली समस्याओं और परिवर्तनों से निपटने में बहुत प्रभावी होते हैं।
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